पितृपक्ष, श्राद्ध तर्पण विधि और पिंडदान का महत्व
पितृ अर्थात हमारे पूर्वज, जो अब हमारे बीच में नहीं हैं, उनके प्रति सम्मान का समय होता है पितृपक्ष अर्थात महालय। अपने पूर्वजों को समर्पित यह विशेष समय आश्विन मास के कृष्ण पक्ष से प्रारंभ होकर अमावस्या तक के 16 दिनों की अवधि पितृ पक्ष अर्थात श्राद्ध पक्ष कहलाती है।
फ्यूचर पाॅइन्ट | 16-Sep-2021
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