वास्तु शास्त्र में ग्रहों की भूमिका का महत्व
सामान्य तौर पर हम देखते हैं, मकान का निर्माण कराना भी स्वयं के अनुकूल ग्रह-स्थिति के कारण ही संभव हो पाता है। समान आय-व्यय वाले दो व्यक्तियों में केवल एक ही स्वयं का मकान बना पाता है, दूसरा नहीं, क्यों? कुछ व्यक्ति पुश्तैनी मकान-जमीन भी बेच डालते हैं। कुछ का जीवन, किराये के मकानों में ही व्यतीत हो जाता है। कुछ व्यक्तियों को बना-बनाया मकान धनादि मिल जाता है। कुछ व्यक्ति दूसरों के सहयोग या कर्ज से मकान बना पाते हैं। स्पष्ट है कि यह सब हमारे ग्रहों एवं उनकी अनुकूलता और प्रतिकूलता पर शत प्रतिशत निर्भर करता है।
फ्यूचर पाॅइन्ट | 14-Jun-2018
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