2021 में क्या कहती है भारत की कुंडली? | Future Point

2021 में क्या कहती है भारत की कुंडली?

By: Future Point | 10-Feb-2021
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2021 में क्या कहती है भारत की कुंडली?

नववर्ष के आने की ख़ुशी सब को रहती है। प्रत्येक व्यक्ति नई आशा और नये जोश के साथ अपने-अपने कार्यों को सकारात्मक रूप देने के लिए तत्परता से नये साल की राह देखता है। 2020 की यादें बड़ी कड़वी और भयावह रहीं हैं। देश कोरोना वायरस जैसी महामारी का सामना अभी तक कर रहा है। इस दौरान देश के हर एक व्यक्ति को आर्थिक संकट और अनेक प्रकार की परेशानीओं का सामना करना पड़ा है, उद्योग जगत को भी आर्थिक मंदी के कारण नौकरियों में छंटनी करनी पड़ी, जिसने बेरोजगार युवाओं को पटरी पर ला खड़ा किया। यद्यपि यह सारा खेल ग्रहों का ही होता है। आज सभी के मन में एक ही प्रश्न घूम रहा है कि, क्या बढ़ती महंगाई एवं बेरोजगारी में कमी आएगी? क्या रोजगार के नए अवसर उपलब्ध हो पाएंगे? कहीं व्यापारिक मंदी का असर तो नहीं बना रहेगा? ऐसे तमाम सवाल नाग की तरह फन फैलाए खड़े हैं।

15 अगस्त 1947 को मध्य रात्रि 12.00 बजे भारत स्वतंत्र हुआ था। इसलिए इसी समय को आधार मानकर भारत की जन्मकुंडली तैयार होती है। इस कुंडली के अनुसार आजाद भारत का उदय स्थिर लग्न वृषभ में हुआ है और लग्न में राहु विराजमान है। द्वितीय स्थान में मंगल और तृतीय पराक्रम भाव में सूर्य, चंद्र, बुध, शुक्र, शनि के एक साथ होने से पंचग्रही योग का निर्माण हो रहा है। छठे स्थान में बृहस्पति और सप्तम में केतु है। आजाद भारत की इस कुंडली में प्रथम में राहु और सप्तम में केतु के मध्य समस्त ग्रह आ जाने से अनंत कालसर्प दोष बना हुआ है। हालांकि अनेक अंतर्विरोधों के बावजूद भारत को विश्वपटल पर हीरे की तरह चमकने से कोई नहीं रोक पाएगा। लेकिन 2021 के शुरुआत में ही 11 फरवरी अमावस्या के दिन 6 ग्रहों की युति फिर से किसी परेशानी की और इशारा कर रही है, यही स्थिति 26 दिसंबर 2019 में भी बनी थी, तब भी देश को बहुत बड़े संकट से गुजरना पड़ा था, अभी पूरी तरह संकट समाप्त नहीं हुआ के फिर से वही स्थितियां बन रही हैं,

यह तो रहा भारत की कुंडली का हाल आपकी कुंडली क्या कहती है इस साल जानने के लिये फ्यूचर पॉइंट पर बात करें देश के जाने माने ज्योतिषाचार्यों से। 

2021 भारत के लिये कैसा रहेगा ?

साल 2021 की शुरुआत कन्या लग्न से और कर्क राशि में हो रही है। 14 जनवरी 2021 से एक महीने के लिए सूर्य गुरु बुध और शनि एक ही राशि यानि मकर में विराजमान रहेंगे। ऐसे में भारत की स्थितियां उत्तार-चढ़ाव भरी रह सकती हैं, क्योंकि मकर संक्रांति के दिन चन्द्रमा के मकर राशि में आ जाने से पंचग्रही योग का निर्माण होगा, आमतोर से चार, पांच या छः ग्रहों का योग प्रब्रज्य योग का निर्माण करता है, जिस कारण जातक संसार से विमुख हो जाता है, ऐसी स्थिति तब बनती है जब व्यक्ति अत्यधिक परेशान हो, ग्रहों का ऐसा योग आमतौर पर परेशानियों का कारण ही बनता है, साल के मध्य तक तो किसी न किसी परेशानी से दो चार होना ही पड़ेगा, यह समय जॉव और बिजनेस की दृष्टि से भी बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता। लेकिन साल के मध्य तक जानलेवा महामारी से राहत मिलने की संभावना है। स्कूल, कॉलेज और ऑफिस वापस से पूर्णतया खुल जाने के आसार हैं। सरकार की तरफ से किसानों के हित में अहम फैसले लिए जाएंगे, और बेरोजगार लोगों को भी रोजगार मिलने की सम्भावना है

वर्ष 2021 में शनि की स्थिति अच्छी रहने की वजह से बारिश अच्छी होगी और फसल अच्छी रहने की संभावना है। वहीं चीन, और भारत के बीच युद्ध होने की संभावना बानी रहेगी। रोजगार के क्षेत्रों में बढ़ोत्तरी के आसार हैं। साल के मध्य तक व्यापार वर्ग के लोगों को राहत मिलने की संभावना है। समाज को सुधारने के कामों में भी तेजी आएगी। लेकिन भारत को प्राकृतिक आपदाओं का सामना भी करना पड़ेगा।

भारत की कुंडली के कर्मेश का भाग्य भाव में होना एक शुभ संकेत हैं, कार्य भले ही धीमी गति से होंगे लेकिन रोजगार के साधन बढ़ेंगे। सरकार भी रोजगार की ओर अधिक ध्यान देगी। इस समय सरकार सरकारी नौकरी के साथ-साथ स्वरोजगार पर ज्यादा ध्यान देगी। भारत की कुंडली में छवें भाव मे तुला राशी आ रही है। जिसका स्वामी शुक्र बनता है। शुक्र भारत के घरेलू विकास में अत्याधिक योगदान देगा। भारत में नई सड़के, अस्पताल, जल संसाधन व भवन निर्माण का कार्य बढ़ेगा। इसी के साथ लोगों का सामाजिक जीवन स्तर भी सुधरेगा।

भारत की कुंडली में धन का स्वामी मंगल बनता है। जो वर्ष की शुरुआत में व्यय भाव में है। जिसके अनुसार यह भारत के लिए एक अच्छा संकेत नहीं है। यह भारत की अर्थव्यवस्था को कुछ कमजोर करेगा, लेकिन वर्ष के मध्य तक स्थितियां कुछ बेहतर होने लगेंगी और अर्थव्यवस्था की स्थिति सुधरेगी। लेकिन सही निर्णय लेने पर भी अधिक ध्यान देना होगा। इस दौरान भारत की व्यापारिक साझेदारी में भी बढ़ोतरी होगी।

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मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र एवं केतु 2021 में रोजगार दिलाने वाले ग्रह हैं इसलिए इनके प्रभाव वाले क्षेत्रों में रोजगार के अत्यधिक अवसर उपलब्ध होंगे जिनमें सेना, पुलिस, फिल्म उद्योग, शिक्षा के क्षेत्र, बैंकिंग एवं बीमा के सेक्टर, ऑटो, टेलीकॉम, एवियेशन, होटल्स, फार्मा, ई-कॉमर्स एवं भारी उद्योग के सेक्टर्स में रोजगार के सर्वाधिक अवसर उपलब्ध होंगे। प्रतियोगियों को चाहिए कि इन सेक्टर्स में नौकरी हेतु अधिक प्रयत्न करें और आवेदन का कोई भी अवसर जाने न दें।

भारतवर्ष की जनता अपने श्रम शक्ति के प्रभाव से रोजगार के और अवसर उत्पन्न करने में पूर्णतः सफल रहेगी । दूसरों को भी रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने लायक हो जाएगी। आप ऐसा मान सकते हैं कि वर्ष 2021 में नौकरियों के अवसर अधिक से अधिक मिलने वाले हैं। बिजनेस में भी वृद्धि होंगी।

कुल मिलाकर साल 2021 भारत की स्थिति में सुधार लेकर आएगा, जिससे लोगों में सकारात्मकता और ऊर्जा देखने को मिलेगी। हालांकि नववर्ष 2021 में नई योजनाएं देर से लागू हो पाएंगी लेकिन साल के मध्य तक महँगाई से राहत मिलने और रोजगार की स्थिति सुधरने की संभावना है। 20 नवंबर 2021 में गुरु ग्रह का भारत की कुंडली के दशवें भाव में प्रवेश करने से रोजगार में बढ़ोतरी और लाभ की स्थितियां पैदा होंगी। ग्रह-नक्षत्रों की चाल के अनुसार 2021 के बेहतर होने की पूरी-पूरी संभावना है।


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