वास्तु : इन यंत्रों के उपयोग से जीवन में आएंगी अधिक खुशियां
हमारी संपूर्ण प्रकृति पंच तत्व अर्थात जल, पृथ्वी, वायु, अग्नि और आकाश पर आधारित हैं। इन्हीं पंचतत्वों में संतुलन का कार्य वास्तु शास्त्र करता हैं। जिस भी स्थान पर पंचतत्व एक दूसरे के साथ मिलकर कार्य नहीं करते हैं। उस स्थान का वास्तु बिगड़ा हुआ होता हैं। वास्तव में पंचतत्वों से संबंधित एक शास्त्र सम्मत विज्ञान हैं। इस शास्त्र में दिशाओं और तत्वों के द्वारा शुभता प्राप्त की जाती हैं। वास्तुशास्त्र यह कहता हैं कि यदि वास्तु सम्मत स्थान पर रहा जाए तो निश्चित रुप से परिणाम सुखद प्राप्त होते हैं।
फ्यूचर पाॅइन्ट | 09-Jun-2018
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