मुश्किलों से हारते जा रहे हैं तो इसका कारण हो सकता है कालसर्प दोष, जानिए उपाय | Future Point

मुश्किलों से हारते जा रहे हैं तो इसका कारण हो सकता है कालसर्प दोष, जानिए उपाय

By: Future Point | 04-Oct-2018
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मुश्किलों से हारते जा रहे हैं तो इसका कारण हो सकता है कालसर्प दोष, जानिए उपाय

ज्‍योतिषशास्‍त्र के अनुसार जन्‍मकुंडली में गहों के कुछ विशेष योग बनने पर ग्रह दोष का निर्माण होता है जिनमें से एक कालसर्प दोष भी है। इस दोष के बारे में कहा जाता है कि यह जातक के पूर्व जन्‍म के किसी जघन्‍य अपराध के दंड या श्राप के फलस्‍वरूप उसकी कुंडली में बनता है।

आइए जानते हैं कि जन्‍मकुंडली में बनने वाले कालसर्प दोष के बारे में।


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कब बनता है कालसर्प दोष

जब कुंडली में लग्‍न भाव में राहु बैठा हो और सातवें घर में केतु विराजमान हो एवं बाकी सभी ग्रह राहु और केतु के एक और स्थित हों तो ऐसी स्थिति में उस जातक की जन्‍मकुंडली में कालसर्प दोष का निर्माण होता है।

कालसर्प दोष के प्रकार


1. अनंत | 2. कुलिक | 3. वासुकि | 4. शंखपाल | 5. पदम | 6. महापदम | 7. तक्षक | 8. कारकोटक | 9. शंखनाद | 10. घटक | 11. विषधर | 12. शेषनाग

कालसर्प योग भंग होने के योग

  • अगर कुंडली के उपचय भाव में कोई शुभ ग्रह बैठा हो तो कालसर्प योग निष्‍प्रभावी हो जाता है।
  • केंद्र में अशुभ ग्रह होने से भी इस दोष का दुष्‍प्रभाव नहीं पड़ता है।
  • अगर लग्‍न भाव का स्‍वामी, लग्‍न, चंद्रमा और सूर्य प्रबल हैं तो यह योग अर्थहीन हो जाता है।
  • अगर आपकी कुंडली में पंच महापुरुष योग है तो भी कालसर्प दोष निष्‍प्रभावी हो जाता है।

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कालसर्प दोष से प्रभावित जातक

इस दोष से पीडित व्‍यक्‍ति को सपने में सांप और पानी दिखाई देने लगते हैं। इसके अलावा वो खुद को हवा में उड़ते देखता है और उसके कार्यों में बार-बार रुकावटें आती हैं और उसके विचारों में आते निरंतर बदलाव की वजह से वो निर्णय नहीं ले पाता है। किसी भी काम को लेकर उसके मन में नकारात्‍मक विचार रहते हैं। इस दोष से पीडित विद्यार्थी का पढ़ाई में मन नहीं लगता है। इस दोष के प्रभाव की वजह से जातक नशे आदि की ओर आकर्षित होता है।

कालसर्प दोष के प्रभाव

इस दोष से ग्रस्‍त रहने वाले जातक की सेहत अमूमन खराब ही रहती है। इनकी अल्‍पायु होती है। इन्‍हें कोई असाध्‍य रोग घेर सकता है। इनकी आर्थिक, व्‍यवसायिक स्थिति ज्‍यादा अच्‍छी नहीं होती है और करियर में भी तरक्‍की पाने के लिए इन्‍हें बहुत मेहनत करनी पड़ती है। दोस्‍त या बिजनेस पार्टनर इन्‍हें धोखा दे सकता है। इन्‍हें बड़ी मुश्किलों और कठिनाइयों के बाद सफलता मिलती है।


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कालसर्प दोष से होने वाले नुकसान

अगर किसी व्‍यक्‍ति की कुंडली में कालसर्प दोष है तो उसके विवाह में देरी आती है या उसे कोई असाध्‍य या पुराना रोग परेशान करता है। ये दोष जातक को पैतृक संपत्ति का नुकसान भी करवाता है। इस दोष से पीडित व्‍यक्‍ति की दुर्घटना भी हो सकती है और इनमें आत्‍मविश्‍वास की कमी रहती है। आर्थिक और कानूनी परेशानियां घेरे रहती हैं। इस योग के कारण व्‍यक्‍ति का जीवन व्‍यापार, धन, परिवार और संतान की वजह से अशांत रहता है।

कालसर्प दोष के उपाय

  • अगर आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है तो आपको संक्रांति के दिन गंगाजल या गोमूत्र का अपने घर में छिड़काव करना चाहिए।
  • कालसर्प दोष से मुक्‍ति पाने के लिए हर सोमवार को गंगाजल और गाय के कच्‍चे दूध से शिवलिंग का अभिषेक करें।
  • कु्ते को दूध और रोटी खिलाने से भी कालसर्प दोष के अशुभ प्रभाव को शांत किया जा सकता है।
  • रोटी बनाते समय पहली रोटी पर तेल छिड़क कर गाय और कौओं को खिलाएं।
  • अपने घर के पूजन स्‍थल या पवित्र स्‍थान में 6 मोर पंख रखें और रात को सोने से पहले उस मोर पंख से हवा करें। इस उपाय से भी कालसर्प दोष शांत होता है।
  • चांदी का नाग-नागिन का जोड़ा बनवाकर उनकी पूजा करें और इसके पश्‍चात् बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। इससे भी कालसर्प दोष की पीड़ा से मुक्‍ति मिलती है।
  • किसी ऐसे शिव मंदिर में जाएं जहां पर शिवजी पर नाग ना हो। इस मंदिर में प्रतिष्‍ठा करवाकर नाग चढाएं।
  • कालसर्प दोष से मुक्‍ति पाने के लिए चंदन की लकड़ी के बने 7 मौली हर बुधवार या शनिवार के दिन शिव मंदिर में अर्पित करें।
  • भगवान शिव को चंदन या चंदन का इत्र चढ़ाएं और स्‍वयं भी मस्‍तक पर चंदन लगाएं।
  • इस दोष से मुक्‍ति पाने हेतु अपने वजन के बराबर कोयले पानी में बहाएं।
  • रोज़ गौमूत्र से दांतों की सफाई करें। ये उपाय भी आपको कालसर्प दोष के अशुभ प्रभावों से बचा सकता है।

कालसर्प दोष की शांति के लिए पूजा का भी विधान है। अगर आप कालसर्प दोष की शांति चाहते हैं तो किसी विद्वान पंडित से कालसर्प दोष निवारण पूजा भी करवा सकते हैं। इस पूजा के प्रभाव से आपकी जन्‍मकुंडली में स्थित कालसर्प दोष शांत हो जाएगा और आपको उसके अशुभ प्रभाव झेलने नहीं पड़ेंगें।


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कालसर्प दोष पूजन के नियम

  • पूजन की अवधि के दौरान मांस, मंदिरा, धूम्रपान और नशे आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • इस अवधि में पत्‍नी या किसी अन्‍य स्‍त्री के साथ शारीरिक संबंध नहीं बनाएं। हिंसात्‍मक कार्यों से भी दूर रहें।
  • भगवान शिव के त्र्यंबकेश्‍वर मंदिर में की जाने वाली कालसर्प योग निवारण पूजा से जो फल मिलता है वो किसी साधारण मंदिर में की गई पूजा से कई ज्‍यादा होता है।
  • इन उपायों की मदद से आप कालसर्प दोष से छुटकारा पा सकते हैं।

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