आपके हर दिन को शुभ बनाएंगे ज्योतिष के उपाय

By: Future Point | 06-Feb-2019
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आपके हर दिन को शुभ बनाएंगे ज्योतिष के उपाय

वैदिक ज्योतिष शास्त्र में नवग्रहों को मान्यता दी गयी है। जिसमें से राहु केतु काल्पनिक ग्रह है, इन्हें किसी भी राशि का स्वामित्व नहीं दिया गया है। सप्ताह के सात दिनों के अनुसार सात ग्रहों के नाम रखें गए है। जैसे - रविवार का स्वामित्व सूर्य ग्रह को दिया गया है। सोमवार के दिन के स्वामी चंद्र ग्रह है। इसी श्रेणी में अन्य को स्वामित्व दिया गया है।

प्रत्येक व्यक्ति की कामना होती है की उसका दिन शुभ हो, इसके लिए वह हर सम्भव प्रयास भी व्यक्ति करता है। ऐसा माना जाता है की यदि दिन की शुरुआत अच्छी हो जाए तो सारा दिन शुभ व्यतीत होता है। परन्तु उनके बार हम जो चाहते है वह हासिल नहीं हो पाता है। यही वजह है की सभी व्यक्तियों के सब दिन समान नहीं होते है आपका हर दिन शुभ हो इस कामना के साथ आज हम आपको कुछ सरल उपाय बताने जा रहे है जिन्हें अपनाकर आप अपने दिन, सप्ताह और मास को शुभ बना सकते है। सप्ताह अवधि में आप की योजना यदि कुछ स्पेशल करने की है तो आप इन उपायों की सहायता लेकर अपने विशेष कार्यों में सफलता हासिल कर सकते है।

वारों का क्रम किस आधार पर निर्धारित किया गया है। आईये वारों के स्वामित्व के आधार को समझने का प्रयास करते है। आकाश में ग्रहों को निम्न क्रम दिया गया है - शनि, गुरु, मंगल, सूर्य, शुक्र, बुध एवं चंद्र। इस क्रम में प्रत्येक चतुर्थ ग्रह आने वाले वार का स्वामी होता है। उदाहरण के लिए - रविवार से चौथा ग्रह चंद्र है। चंद्र से चौथा ग्रह मंगल है। इसी प्रकार अन्य ग्रहों को वार का स्वामित्व दिया गया है।

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वार देवता


किस वार की शुभता प्राप्ति के लिए कौन से देवता का पूजन या उपाय करना चाहिए। भगवान विष्णु, शिव और श्री गणेश का पूजन प्रत्येक पूजा के लिए शुभ माना गया है। इनका पूजन आवश्यक भी कहा गया है। इसके अतिरिक्त सूर्य को अर्घ्य देना सामान्यता: अनुकूल ही माना गया है। वार स्वामियों के अवतार इस प्रकार है-

सूर्य ने राम अवतार में जन्म लिया। श्रीकृष्ण ने चंद्र, नृसिंह अवतार में मंगल, बुध को बुध का अवतार माना गया है। वामन अवतार गुरु के अवतार थे और परशुराम को शुक्र एवं शनि को कर्म अवतार कहा गया है।

रविवार


स्वास्थ्य से सम्बंधित सभी समस्याओं का निवारण करने के लिए सूर्य देव का पूजन सबसे अधिक शुभ माना जाता है। सूर्य देव को विष्णु स्वरूप माना गया है। रोगों पर नियंत्रण रखने, आरोग्यता की प्राप्ति के लिए भी सूर्य ग्रह को प्रसन्न किया जाता है। यह माना जाता है की आत्मबल को बेहतर करने और रोगों से लड़ने की शक्ति को बढ़ाने में भी सूर्य ग्रह की भूमिका अहम् होती है।

सूर्य का पूजन व्यक्ति के तनमन को शक्ति प्रदान करता है। आयु वृद्धि करता है। इस ग्रह की शुभता प्रजनन अंगों के रोगों में कमी करती है। संतान सुख भी उत्तम होता है। सूर्य उपासना के लिए सूर्य मंत्र का जाप करना चाहिए। इसमें गायत्री मंत्र का नित्य जाप और ऊं ओम् घृणि: सूर्य आदित्य:’मंत्र का जाप करना उपयोगी साबित होता है। इसके अतिरिक्त सूर्य अर्घ्य देना, पिता की सेवा करना और बुजुर्गों का आदर करना भी सूर्य को बल देता है।

सूर्य शान्ति के कुछ अन्य सरल उपाय इस प्रकार है- प्रात: काल में सूर्य गायत्री मंत्र का नित्य जाप करें। मंत्र संख्या कम से काम एक माला रखें। सूर्य देव के प्रात:दर्शन पूजन करने से भी सूर्य ग्रह की शान्ति होती है। धूप का सेवन करना भी सूर्य शांति देता है। पिता का आदर सत्कार करना, सेवा कार्य करना और यथासंभव दान देना। ऐसा कोई कार्य न करें जिससे पिता अनादर हो या उन्हें ठेस पहुंचे।

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सोमवार


सोमवार के दिन की शुभता बनाए रखने के लिए सोमवार के दिन प्रात:स्नान आदि से मुक्त होकर शिवलिंग का जल और कच्चे दूध से अभिषेक करें। किसी कार्य पर जाते समय दूध या गंगा जल की कुछ बूँदें मुँह में डालकर निकलें। भगवान शिव की शुभता हेतु चंद्र मंत्र - ऊँ श्रां श्रीं श्रौं स: सोमाय नम: मंत्र का जाप करें।

मंगलवार


मंगलवार के दिन हनुमान दर्शन करें। हनुमानजी का दर्शन पूजन लाल फूलों से करें। प्रात:काल में थोड़े से शहद का सेवन अवश्य करें। मंगल ग्रह के निम्न मंत्र का एक माला जप करें। मंत्र - ऊँ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम:। मंगलवार के दिन यथासंभव लाल वस्त्र धारण करें।

बुधवार


बुधवार के दिन की शुभता प्राप्ति के लिए स्नान आदि क्रियाएं करने के पश्चात भगवान श्रीगणेश का पूजन पान, सुपारी और दूर्वा करें। गणेश जी को प्रणाम कर घर से निकलें। किसी ख़ास काम से निकलते समय घर से सौंफ खाकर ही चलें। बुध ग्रह का मंत्र - ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम: का जाप करें। मंत्र संख्या कम से कम एक माला अवश्य रखे। इस दिन आपका हरे वस्त्र धारण करना दिन की शुभता को बेहतर करता है।

गुरुवार


गुरुवार की शुभता प्राप्ति के लिए गुरुवार के दिन विष्णु दर्शन करें। संभव हो तो मंदिर जाएं। विष्णु जी का पूजन पीले रंग के फूलों, पीली मिठाई से करें। इसके साथ ही यदि आप गुरु ग्रह के निम्न मंत्र का कम से कम एक माला जाप करें। मंत्र - ऊँ ग्रां ग्रीं ग्रों स: गुरुवे नम: । किसी कार्य से बाहर जाते समय घर से निकलते समय घर से पीले रंग की मिठाई खाकर चले। इसके अतिरिक्त इस दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करें। इससे भी दिन की शुभता बनी रहती है।

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शुक्रवार


शुक्रवार के दिन की शुभता प्राप्ति के लिए इस दिन देवी लक्ष्मी जी का दर्शन पूजन करना चाहिये। घर में दर्शन पूजन करने के अतिरिक्त मंदिर में जाकर भी दर्शन पूजन किया जा सकता है। देवी लक्ष्मी जी को दूध, चावल से बनी खीर अति प्रिय है। घर से बाहर किसी काम से जा रहे है तो दही चीनी खाकर चलना सही रहता है। इसके अतिरिक्त शुक्र ग्रह के ऊँ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम: मंत्र का एक माला जाप करना भी अतिशुभ माना जाता है। शुक्रवार के दिन सफेद रंग के वस्त्र धारण करना दिन की शुभता को बेहतर करता है।

शनिवार


शनिवार के दिन हनुमान मंदिर में हनुमान का पूजन शुभता देता है। प्रात:काल में पीपल के पेड़ को जल चढ़ाएं और रात्रि में उसी पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। शनि मंत्र ऊँ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम: मंत्र का जाप पेड़ के निकट बैठकर। इस दिन अधिक से अधिक शनि वस्तुओं का सेवन करें, जिसमें सरसों का तेल, तिल, उड़द की दाल है। नीले या काले वस्त्र धारण करें।


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