घर में पूजा के समय क्यों जलाते हैं दिया, जाने क्या है इसका महत्व ।
By: Future Point | 21-May-2019
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अज्ञान रूपी अंधकार को दूर करने और ज्ञान रूपी प्रकाश को प्रज्वलित करने के लिए पूजा पाठ और आरती आदि करते समय दीप प्रज्वलित किया जाता है, सृष्टि में सूर्य देव को जीवन ऊर्जा का स्त्रोत माना जाता है और शास्त्रों के अनुसार अग्नि देव को सूर्य देव का परिवर्तित रूप कहा गया है इसी कारण जीवन प्रदान करने वाली जीवन ऊर्जा को केंद्रीय भुत करने के लिए दीप प्रज्वलित होने वाली अग्नि के रूप में सूर्य देव को पूजा- पाठ आदि कार्यों में अनिवार्य रूप से शामिल किया गया है।
मानव शरीर रचना के प्रमुख पांच तत्वों में पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि और आकाश में से अगिन का भी प्रमुख स्थान माना जाता है, अतः शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि अग्नि देव की उपस्थिति में उनको साक्षी मान कर किये गए कार्य अवश्य ही सफल होते हैं, और प्रज्वलित दीप में अग्नि देव का वास होता है इसलिए पूजा अर्चना करते समय और अपनी भक्ति को सफल करने के लिए दीप प्रज्वलित करना आवश्यक माना जाता है।
दिया जलाने का धार्मिक महत्व –
धार्मिक ग्रन्थों के अनुसार देवी – देवताओं की साधना करने के लिए दीप प्रज्वलित करने का बहुत ही विशेष महत्व होता है, शास्त्रों के अनुसार दीयों को सम संख्या में जलाने से ऊर्जा निष्क्रिय हो जाती है अतः विषम संख्या में ही दीये प्रज्वलित करने चाहिए, ऐसा माना जाता है कि विषम संख्या में दीयों को जलाने से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है और दिया जलाने से वातावरण शुद्ध होता है अतः दिया जलाने से पूरे के सदस्यों को लाभ मिलता है चाहें वो पूजा आदि में सम्मिलित हों या न हों।
इस प्रकार दिया जलाने से मिलने वाले उसके लाभ -
- यदि आपका सूर्य ग्रह कमजोर है तो उसे मजबूत करने के लिए, आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ करें और इसके साथ में तिल के तेल का दीपक जलाना चाहिए इससे आपके तेज़ में बृद्धि होगी।
- इन बातों का ज्ञान आपको अवश्य होना चाहिए कि दीपक की लौ पूर्व दिशा की ओर रखने से आयु में वृद्धि होती है, और दीपक की लौ पश्चिम दिशा की ओर रखने से दुख बढ़ता है, दीपक की लौ उत्तर दिशा की ओर रखने से धन लाभ होता है. और इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि दीपक की लौ कभी भी दक्षिण दिशा की ओर न रखें, ऐसा करने से जन या धन की हानि होती है।
- यदि आप बहुत मेहनत करते है फिर भी आप के व्यापार नहीं चलते है, नौकरी नहीं लगती है, धन के सम्बन्ध में कोई समस्या होती है या कर्ज के संबंध में कोई परेशानी आती है तो रोज आपको भगवान् विष्णु और माँ लक्ष्मी के सामने घी का दीपक जलाना चाहिए ।
- किसी भी प्रकार का आर्थिक लाभ प्राप्त करने के लिए नियम से अपने घर के मंदिर में शुद्ध घी का दीपक जलाना चाहिए।
- देवी-देवताओं के सामने घी का दीपक अपने बाएं हाथ की ओर लगाना चाहिए और तेल का दीपक दाएं हाथ की ओर लगाना चाहिए।
- इस बात का ध्यान भी अवश्य रखें कि तेल का दीपक हमेशा कष्ट और किसी भी समस्या के निवारण के लिए प्रज्वलित किया जाता है, और घी का दीपक मनोकामना पूर्ति के लिए और सुख व समृद्धि की प्राप्ति के लिए प्रज्वलित किया जाता है।
- घी का दीपक हमेशा अपने दाहिनी तरफ और तेल का दीपक हमेशा अपनी बाईं तरफ रखना चाहिए और इस बात का ध्यान भी अवश्य रखें कि जब भी आप दीपक जलाएं तो घी में तेल को नहीं मिलाना चाहिए।
- गाय के घी में रोगाणुओं को मिटाने की क्षमता होती है, यह घी जब दीपक की सहायता से अग्नि के संपर्क में आता है तो वातावरण को पवित्र बना देता है और इसके जरिये प्रदूषण दूर होता है।
- इसी तरह के गुण तिल के तेल में भी पाये जाते हैं, तिल के तेल का दीपक प्रज्वलित करने से आक्सीजन की वृद्धि है।
- ऐसा माना जाता है कि दीपक जलाने से पूरे घर को फायदा मिलता है, चाहे उस घर का कोई सदस्य पूजा में सम्मिलित हो या ना हो परन्तु उसे भी इस ऊर्जा का लाभ प्राप्त होता है।
- दीपक हमें रोशनी प्रदान करता है अतः रोशनी के संबंध में शास्त्रों में एक पंक्ति उल्लेखनीय है – “असतो मा सद्गमय। तमसो मा ज्योतिर्गमया। मृत्योर्मामृतं गमय॥
- इस बात का ध्यान भी अवश्य रखना चाहिए कि घर का मंदिर हमेशा ईशान कोण में होना चाहिए और दीपक की लो हमेशा पूर्व और उत्तर दिशा की और होना चाहिए, इनसे धन प्राप्ति के योग बनते है और मनोकामना पूर्ण होती है ।
- जब भी आप दीपक जलाये तो ध्यान रखे कि दीपक हमेशा साफ़ सुधरा होना चाहिए और कही भी टूटा हुआ, खण्डित नहीं होना चाहिए ।
