बृहस्पति गोचर (Guru Gochar ) 2022: बृहस्पति हुए अतिचारी, क्या होगा असर देश दुनिया पर
By: Future Point | 18-Jan-2022
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Guru Gochar 2022: बृहस्पति को नव ग्रहों में सबसे ज्यादा शुभ और महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार बृहस्पति पति सुख, विवाह, धर्म, ज्ञान व अध्यात्म, संतान, विद्या, विवेक बुद्धि, स्वर्ण आदि का कारक ग्रह माना जाता है।
गुरु शुभता के प्रतीक है, ये कुंडली के बारह भावों में से अकेले ही पांच महत्वपूर्ण भावों का कारकत्व रखते हैं। इनकी दृष्टि पांचवीं और नवमीं मानी गई है, पंचम स्थान संतान, ज्ञान और बुद्धि का है वहीँ नवम भाग्य का माना जाता है, इसीलिए वृहस्पति को शुभ और महत्वपूर्ण ग्रह का दर्जा प्राप्त है। गुरु कर्क राशि में उच्च के व मकर में नीच राशि के होते हैं। धनु व मीन राशि गुरु की स्वयं की है।
इस गोचर के दौरान वृहस्पति अतिचारी गति से गोचर कर रहे हैं। वृहस्पति बारह राशियों का भोग (गोचर) 12 साल में तथा एक राशि का भोग लगभग 13 महीने में पुरा करता है। लेकिन वृहस्पति इस गोचर के दौरान इस 13 महीनों के एक राशि के भोग को लगभग साढ़े चार महीनों में ही पुरा कर रहा है, वृहस्पति का कुम्भ राशि में प्रवेश 20 नबंवर 2021 को हुआ और यह 13 अप्रैल 2022 को कुम्भ से मीन राशि में प्रवेश कर जायेंगे। वृहस्पति सम्पूर्ण जगत मानव जाति के लिए महत्वपूर्ण ग्रह माने जाते हैं इनका इतना अतिचारी गति में होना भारत सहित सम्पूर्ण विश्व के लिए बहुत अच्छा संकेत नहीं है।
मेदिनी ज्योतिष में ग्रहों के सूर्य से स्थिति के अनुसार विभिन्न प्रकार की गतियों का उल्लेख है। इनमें अतिचारी गति को विशेष रूप से अशुभ फल देने वाला कहा गया है। जब कोई ग्रह सूर्य के निकट आ जाता है तो उसके ग्रुत्वकर्षण प्रभाव के कारण उस ग्रह की गति तीव्र हो जाती है, जिसे हम ज्योतिष में ‘अतिचारी गति’ कहते हैं। मेदिनी ज्योतिष के प्रमुख ग्रंथों जैसे- बृहत्संहिता और भविष्यफल भास्कर के अनुसार ‘अतिचारी’ ग्रह फसलों का नाश करते हैं, महंगाई बढ़ाते हैं और मौसम में बड़े आश्चर्यजनक बदलाव लाते हैं। जिन चीजों का ये कारकत्व रखते हैं उनमे अशुभता लाने का काम करते हैं। इस दौरान गुरु के प्रभाव से देश में महामारी से परेशानी तो रहेगी, लेकिन उसका अशुभ असर धीरे-धीरे कम होता जाएगा।
देश में शिक्षा और धार्मिक गतिविधियों में रुकावटों की स्थिति भी बनी रहेगी। इस अशुभ स्थिति के कारण देश में उथल-पुथल बनी रहेगी। देश की जनता में असंतोष रहेगा। किसी न किसी तरह परेशानी बनी रहेगी। गुरु के अति चारी होने से अराजकता व मंहगाई का प्रकोप बढ़ेगा। सरकार को हिंसा, उपद्रव व आंदोलन का सामना करना पड़ेगा। वहीं राजनीतिक और प्रशासनिक अधिकारियों के लिए भी मुश्किलों वाला समय रहेगा। देश की सीमाओं पर तनाव बढ़ सकता है। भारत के पड़ोसी देशो में उत्पात बढ़ने के योग बन रहे हैं। सरकार को आलोचनाओं का सामना करना पड़ सकता है। गुरु के अतिचारी प्रभाव से कार्यक्षेत्र, आर्थिक जीवन, स्वास्थ्य, विवाह एवं संतान सुख आदि बाधित होंगे। आइये जानते हैं इस गोचर का आपकी राशि पर क्या पडेगा असर…
मेष राशि (Aries)
मेष राशि से एकादश भाव में अतिचारी गुरु का गोचर होने जा रहा है। इस भाव से आय, उपलब्धियों और बड़े भाई बहनों के बारे में विचार किया जाता है। इस दौरान आय अच्छी रहेगी, लेकिन व्यय की स्थिति भी निरंतर बनी रहेगी। वहीं शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं में अधिक मेहनत करने की आवश्यकता होगी। इस दौरान आपकी धर्म और अध्यात्म में रूचि बढ़ेगी। कार्यक्षेत्र में आप अपने काम से बॉस को प्रभावित कर सकते हैं, हालांकि आपके कुछ विरोधियों को यह बात चुभेगी और वो आपके खिलाफ साज़िश कर सकते हैं। काम के सिलसिले में परिवार से दूर रहने वाले जातक गोचर की अवधि के दौरान अच्छी सफलता प् सकते हैं।
उपाय- गुरुवार के दिन शिवलिंग का शहद से अभिषेक करना श्रेयकर रहेगा।
वृषभ राशि (Taurus)
इस गोचर के दौरान अतिचारी गुरु आपकी राशि से दशवें भाव में गोचर कर रहे हैं। इस समय नौकरी कर रहे जातकों को कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकते हैं। वहीं जो जातक अभी नौकरी की तलाश कर रहे हैं उन्हें कुछ और इन्तजार करना पड़ सकता है। तथा व्यापार कर रहे जातकों के लिए समय सामान्य रहेगा। वैवाहिक जीवन में किसी तीसरे के आने से या किसी पुराने मतभेद की वज़ह से आपसी तनाव की स्थिति बन सकती है। बहुत ही सूझ-बूझ से चलेंगे तो बात अधिक नहीं बिगड़ेगी। स्वस्थ्य जीवन की बात की जाए तो आप समय का आनंद ले सकते हैं। हालांकि, छोटी-मोटी स्वास्थ्य समस्याओं को नजरअंदाज न करें और परेशानी से बचने के लिए जरूरी उपाय लें। खुद को वायरल संक्रमण से बचाने के लिए एहतियाती उपाय करें।
उपाय- नियमित रूप से भगवान शिव की आराधना करते हुए उन्हें गेहूं अर्पित करें। साथ ही बृहस्पतिवार के दिन ब्राह्मणों को भोजन कराएं।
मिथुन राशि (Gemini)
इस गोचर के दौरान अतिचारी गुरु आपकी राशि से नवमें भाव में गोचर कर रहे हैं। यह ग्रह धर्म, उच्च शिक्षा, अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं, भाग्य और पिता के साथ संबंध आपके नौवें भाव में अतिचारी अवस्था में गोचर कर रहा है। इस गोचर के दौरान आपको भाग्य का साथ काम मिलेगा। पेशेवर जीवन पर नजर डाली जाए तो, वह नौकरी के अवसर जिनकी तलाश आप लंबे समय से कर रहे थे वह आपको मिल सकते हैं। लेकिन इसके लिए अधिक प्रयत्न करने होंगे। वहीं उच्च शिक्षा में बाधाएं आ सकती हैं और आपके पिता जी का स्वास्थ्य भी खराब रह सकता है। इस चरण के दौरान आपको कोई बड़ा खर्च नहीं होगा। आने वाले समय के लिए अच्छी आर्थिक योजना बनाएं और आकस्मिक खर्चों के लिए वित्त का प्रबंधन करना सीखें। विवाहित जोड़े अपने जीवनसाथी के साथ एक खुशहाल और आनंदित गुजार सकते हैं।
उपाय- गाय को आटे की लोई में गुड़ भरकर हल्दी का टीका लगाकर खिलाएं। घर के बुजुर्गों का सम्मान करें।
कर्क राशि (Cancer)
कर्क राशि से अतिचारी गुरु का परिवर्तन अष्टम घर में हो रहा है। इस भाव से हम जीवन में आने वाले उतार चढ़ावों और अचानक से होने वाली घटनाओं के बारे में विचार करते हैं। अष्टम भाव में अतिचारी बृहस्पति के गोचर से आपको जीवन में कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इस गोचर काल में आपको अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना होगा, पेट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। कारोबारियों को इस समय सामान की डिलीवरी करने में कठिनाई हो सकती है। नौकरी पेशा लोगों को अधिक परिश्रम करने की आवश्यकता है और अपने कार्यस्थल पर अच्छी स्थिति को बनाए रखने के लिए अधिक आउटपुट देने की कोशिश करनी चाहिए। आर्थिक रूप से, सचेत रहना होगा इस समय किसी से उधार लेने या किसी को उधार देने से बचें। यह गोचर बीमा, पीएफ, लोन जैसे मुद्दों के लिए भी अहम हो सकता है। विवाहित जोड़ों को अपने साथी के साथ संवाद करते समय सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
उपाय- शिव सहस्त्रनाम स्तोत्र का नियमित रूप से पाठ करें और बृहस्पतिवार का व्रत रखें।
सिंह राशि (Leo)
इस गोचर के दौरान अतिचारी बृहस्पति आपकी राशि से सातवें भाव में गोचर करेंगे। इस भाव से विवाह एवं साझेदारी आदि का विचार किया जाता है। इस गौचर के दौरान आप अपने सहकर्मियों और उच्च अधिकारियों के साथ अच्छे संबंध बनाए, तभी वेतन में वृद्धि की संभावना हो सकती है। इस राशि के कुछ जातकों को नौकरी के बेहतर अवसर भी प्राप्त हो सकते हैं। करियर को बेहतर करने के लिए जो लक्ष्य आपने तय किये हैं उन्हें आप प्राप्त कर सकते हैं, यदि आपकी मेहनत अबल दर्जे की रही। व्यवसाय का विस्तार आशाजनक बना रह सकता है और व्यापारिक साझेदार के साथ चल रहे विवाद का समाधान होने की संभावना है। जो लोग एक नया व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं वह भी इस दौरान आगे बढ़ सकते हैं। अप्रत्याशित वित्तीय लाभ होने की भी संभावना है। लेकिन जोखिम भरा निवेश करने से इस राशि के जातकों को बचना चाहिए।
उपाय- हर गुरुवार को केले के वृक्ष का पूजन करें।
कन्या राशि (Virgo)
इस गोचर के दौरान अतिचारी बृहस्पति आपकी राशि से छठे भाव में गोचर करेंगे। आपकी राशि से गुरु के छठें भाव में विराजमान होने से इसका प्रभाव आपके स्वास्थ्य पर विपरीत रूप से पड़ सकता है। आपको पेट से जुडी समस्याएं परेशान कर सकती हैं। किसी प्रकार का मानसिक तनाव इस दौरान आपको परेशान कर सकता है, लिहाजा आपको सलाह दी जाती है कि किसी भी कठिन परिस्थिति में धैर्य और संयम बरक़रार रखें। इस दौरान आपका शत्रु पक्ष प्रबल रहेगा, लिहाजा इस समय आपको ऐसे लोगों से दूर रहने में ही भलाई है जिनसे आपकी बनती ना हो। आर्थिक स्थिति में सुधार करने के लिए इस राशि के कुछ जातक इस दौरान बैंक से लोन ले सकते हैं। छात्रों के लिए यह गोचर सामान्य रहेगा, जो जातक प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं उन्हें अधिक म्हणत करने की जरूरत होगी।
उपाय- गुरुवार को गाय को हराचारा और गुड़ खिलाएं।
तुला राशि (Libra)
तुला राशि से अतिचारी गुरु का परिवर्तन पांचवें घर में हो रहा है। इस भाव से विद्या और ज्ञान के बारे में भी विचार किया जाता है। यह समय तुला राशि के विद्यार्थियों के लिए निरासाजनक रह सकता है, इस दौरान विद्यार्थियों को सफलता पाने के लिए अधिक मेहनत करने की जरूरत होगी। व्यावसायिक रूप से इस राशि के लोग अपने अधीनस्थों, सहकर्मियों और वरिष्ठों के साथ अपने संबंधों को बेहतर बना सकते हैं। अपने कार्यक्षेत्र में कड़ी मेहनत और ईमानदारी प्रयासों के लिए, आप ईनाम और सराहना प्राप्त कर सकते हैं। स्वास्थ्य जीवन पर नजर डालें तो खांसी और जुकाम जैसे छोटे-मोटे रोग हो सकते हैं, इस दौरान किसी भी तरह के वायरल संक्रमण से बचने के लिए जरूरी सावधानी बरतें। वहीं नवविवाहितों को संतान प्राप्ति के लिए अभी थोड़ा इन्तजार करना होगा।
उपाय- बृहस्पतिवार के दिन अपने गले में सोने की चेन पहनें व बेसन का हलवा बनाकर भगवान विष्णु को भोग लगांए और फिर उसे प्रसाद स्वरूप में बांटें।
वृश्चिक राशि (Scorpio)
वृश्चिक राशि से अतिचारी गुरु का परिवर्तन चौथे भाव में हो रहा है। चतुर्थ भाव में गुरु के गोचर से आपको जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। पारिवारिक जीवन में माता-पिता के साथ आपके मतभेद होंगे जिसकी वजह से आपके वैवाहिक जीवन पर भी फर्क पड़ेगा। परिस्थितियों को अपने अनुकूल करने के लिए आपको धीरज से काम लेना होगा। लिहाजा इस दौरान निजी जीवन में कठिनाईयों का समाना करना पड़ सकता है। विवाहित जातकों की जीवनसाथी के साथ मतभेद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। आपको सलाह दी जाती है कि इस तरह की स्थिति उत्पन्न होने पर धैर्य से काम लें वर्ना बात बिगड़ सकती है। इस गोचर काल के दौरान आपको खासतौर से अपने करीबी रिश्तेदारों और दोस्तों से सतर्क रहने की आवश्यकता है, किसी प्रकार का आघात पहुँच सकता है। वहीं स्वास्थ्य भी खराब रह सकता है, स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए आपको प्रयास करने होंगे।
उपाय- हर पूर्णिमा के दिन व्रत लें और सत्यनारायण कथा का श्रवण करें।
धनु राशि (Sagittarius)
इस गोचर के दौरान अतिचारी बृहस्पति आपकी राशि से तीसरे भाव में गोचर करेंगे। इस भाव में गुरु ग्रह की उपस्थिति आपके लिए लाभदायक नहीं कही जा सकती। इस दौरान आपके अंदर आलस्य की अधिकता रहेगी और आप हर काम को कल पर टालने की कोशिश करेंगे। कार्यक्षेत्र और बिज़नेस से जुड़े जातकों के लिए ये समय ख़ासा परेशानी वाला साबित हो सकता है। गुरु गोचर के दौरान आपके काम में अड़चनें पैदा हो सकती हैं और परेशानियों का आपको सामना करना पड़ सकता है। इस राशि के कुछ जातकों को अपने निवास स्थान में परिवर्तन करना पड़ सकता है। इस अवधि में आपको अनचाही यात्राएं भी करनी पड़ सकती हैं। बिज़नेस और नौकरी करने वाले इस राशि के जातकों को इस समय अपने काम की गति बढ़ाने की जरुरत है। अगर आप ऐसा नहीं करते तो कई चुनौतियाँ आपके सामने आ सकती हैं।
उपाय- प्रत्येक बृहस्पतिवार को नियमित रूप से व्रत रखें और पांच मुखी रुद्राक्ष पीले रंग के धागे में गले में धारण करें।
मकर राशि (Capricorn)
मकर राशि वालों के लिए अतिचारी बृहस्पति का परिवर्तन आपकी राशि से दूसरे भाव में चल रहा है। इस भाव से आपकी वाणी, संपत्ति, परिवार, भोजन, आदि के बारे में विचार किया जाता है। इस गोचर के दौरान गुरु का आपकी राशि के दूसरे भाव में विराजमान होना आपके लिए कुछ शुभ संकेत दे रहा है। गुरु गोचर के प्रभाव से आपको धन लाभ होगा और आप पैसों की अधिक बचत करने में सफल होंगें। इस गोचर के दौरान आपको अपने निजी जीवन में कुछ बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है और इससे धनु राशि के जातक अपनी मानसिक शांति खो सकते हैं। इस राशि के जातकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे हर स्थिति में शांत रहें और मानसिक और शारीरिक रूप से गलत दिशा में जाने से बचें। इस दौरान योग या ध्यान का अभ्यास करने की आपको सलाह दी जाती है। व्यावसायिक रूप से यह गोचर इस राशि के जातकों के लिए फायदेमंद हो सकता है।
उपाय- अपनी पेंट या शर्ट की जेब में पीला रुमाल रखें और मस्तक पर केसर का तिलक लगाएँ।
कुंभ राशि (Aquarius)
कुम्भ राशि वालों के लिए अतिचारी बृहस्पति का परिवर्तन आपकी राशि में ही हो रहा है। गोचर की इस अवधि में इस राशि के जातकों का अपने प्रियजनों से संघर्ष हो सकता है और इसके कारण मानसिक शांति खराब हो सकती है। यह समय आपकी परीक्षा का समय माना जा सकता है और इस अवधि के दौरान भौतिकवादी सुखों में कमी आ सकती है। आपको यह सलाह दी जाती है कि धैर्य बनाए रखें और अति आत्मविश्वास से बचें और सभी के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखने की कोशिश करें। यह अवधि वैवाहिक जातकों के लिए अच्छी नहीं कही जा सकती। जो लोग शादी करने वाले हैं उनके जीवन में भी कुछ रुकावटें आ सकती हैं। व्यावसायिक जीवन पर नजर डालें तो इस दौरान कार्यस्थल पर माहौल बहुत अच्छा नहीं होगा। इस दौरान आपको वरिष्ठों के साथ अनावश्यक बहस से बचने की सलाह दी जाती है। साथ ही विपरीत परिस्थितियों में भी इस समय आपको ईमानदारी का रास्ता अपनाना चाहिए।
उपाय- भूरे रंग की गाय को आटे की लोई में गुड़ भरकर हल्दी का टीका लगाकर खिलाएं। घर के बुजुर्गों का सम्मान करें।
मीन राशि (Pisces)
मीन राशि वालों के लिए अतिचारी बृहस्पति का परिवर्तन आपकी राशि से बारहवें भाव में हो रहा है। द्वादश भाव को हानि भाव भी कहा जाता है इसलिए इस गोचर के दौरान आपको धन संबंधी मामलों में सोच-समझकर चलना होगा। किसी को भी उधार देने से पहले उसकी विश्वसनीयता को अवश्य जान लें। आर्थिक रूप से इस गोचर के दौरान आपके ख़र्च बढ़ सकते हैं और अनावश्यक ख़र्च आपको परेशान कर सकते हैं। संपत्ति से संबंधित मामलों से निपटने के लिए आपको सावधान रहने की सलाह दी जाती है क्योंकि धोखा मिलने की भी संभावना है। यदि आप अचल संपत्ति बेच रहे हैं तो आप सौदे को अंतिम रूप देने में समस्या का सामना कर करते हैं। गोचर के इस काल में आप अपने निजी और कामकाज के सिलसिले में लंबी यात्रा पर जा सकते हैं। गुरु गोचर की इस अवधि में आपका धन धार्मिक प्रयोजनों पर ज्यादा खर्च हो सकता है।
उपाय- बृहस्पतिवार से शुरू कर हर दिन बृहस्पति के बीज मंत्र 'ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः' का जाप करें और जहां तक हो सके पीले रंग के कपड़े पहनें।