व्यापार वृद्धि यंत्र, देता है बिजनेस में अद्भुत सफलता,
By: Future Point | 02-Apr-2020
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धन कमाना जीवन का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण कार्य है| जीवनयापन और एक समृद्ध जीवन के लिए आवश्यक है धन का होना और इसी धन को अर्जित करने के लिए मनुष्य व्यापार या अपना बिजनेस करता है। अगर व्यापार अच्छा चलता है तो जीवन में सुख और समृद्धि बनी रहती है लेकिन यदि व्यापार में घाटा हो जाए या कमाने के बाद भी पैसों में बरकत न हो तो व्यक्ति मुश्किलों से घिर जाता है। ऐसी स्थिति में उसे पैसों से संबंधित कई तरह की परेशानियां घेर लेती हैं जिनसे वह चाहकर भी मुक्ति नहीं ले पाता। कई बार कुछ लोगों की बुरी नज़र की वजह से भी बिजनेस में नुकसान या घाटा होने लगता है तो वहीं कई बार कुंडली में बन रहे ग्रह दोषों के कारण भी कारोबार में बरकत नहीं हो पाती है।
अगर आपके भी बिजनेस में मुनाफा या बरकत नहीं हो रही है तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि ज्योतिष शास्त्र में मनुष्य की हर समस्या का हल है। व्यापार वृद्धि यंत्र की प्रतिष्ठा कर पूजा करने से बिजनेस में हो रही हानि को रोका जा सकता है। यह यंत्र दुकान में चोरी, अग्निकांड आदि भय को भी समाप्त करता है। इस यंत्र की चल-अचल दोनों तरह से प्रतिष्ठा होती है। यह वहां प्रतिष्ठित करने से शीघ्र ही व्यापार वृद्धि एवं लाभ होता है| इस यंत्र को काम्यकर्म अर्थात कामनापूर्ति के लिए स्थापित किया जाता है| ज्योतिष शास्त्र के कुछ चमत्कारिक उपाय और टोटकों से भी आप अपने बिजनेस में बरकत ला सकते हैं। तो आइए जानते हैं|
यंत्र सर्वोपरि एवं सर्वाधिक महत्वपूर्ण होते हैं व्यापार वृद्धि यंत्र की संरचना बड़ी ही विचित्र है, इस यंत्र को धनदाता और सर्वसिद्धिदाता कहा गया है| व्यापार वृद्धि यंत्र की रचना तांबे, चांदी या सोने के पत्र पर या स्फटिक पर की जा सकती है| शास्त्रों के अनुसार स्फटिक या स्वर्णपत्र पर शुभ मुहूर्त में अंकित यंत्र सर्वोत्कृष्ट माना जाता है| यह एक अत्यंत चमत्कारी यंत्र है लेकिन इसके चमत्कारी फलों का लाभ प्राप्त करने के लिए आवश्यक है कि इसकी रचना शुभ समय की जाए. इसमें रेखांकन शुद्ध हो और इसकी साधना विधि विधान के साथ निष्ठापूर्वक की जाए| व्यापार वृद्धि यंत्र की प्राण प्रतिष्ठा करके उसकी पूजा प्रतिदिन करनी चाहिए|
इससे दरिद्रता दूर रहती है व्यापार में सफलता प्राप्त होती है| यंत्र की पूजा करते समय मंत्र का जप करना चाहिए, और व्यापार वृद्धि यंत्र को पूजा प्रतिष्ठित करने के पश्चात व्यापार से सम्बंधित ब्रह्मस्थल में स्थापित किया जाता है| और हमेशा पूजा की जाती है| ऐसा करने से रुके व्यापार में वृद्धि होती है तथा धन का आगमन होता है, व्यापार में निरंतर घटा होने की स्थिति में इस यंत्र को सम्मुख रखकर व्यापार वृद्धि यंत्र का दश हजार ऋद्धि-सिद्धि मन्त्र जपने से शीघ्र ही व्यापार में लाभ होता है| इस यंत्र की अचल प्रतिष्ठा करके व्यक्ति को अपने पास रखने से अनेक तरह से व्यापार में लाभ होता है| यक्ति को निरंतर व्यापार में लाभ होता जाता है|
व्यापार वृद्धि यंत्र महत्व-
इस व्यापार वृद्धि यंत्र को दुकान में स्थापित करने और नियमित पूजा करने से आपके व्यापार में आने वाली सभी बाधाएं दूर होती हैं तथा सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है, धन का आगमन होता है और आय के मार्ग प्रशस्त होते हैं। व्यापार में निरन्तर घाटा होने की स्थिति में इस यंत्र को सम्मुख रखकर मंत्र जपने से व्यापार में आश्चर्यजनक लाभ होता है इस यंत्र की अचल प्रतिष्ठा करके अपने पास रखने से व्यापारियों को अनेक प्रकार से व्यापार और साझेदारी में लाभ होता है।
व्यापार वृद्धि यंत्र उपयोग-
यदि आप नया व्यापार शुरु करना चाहते हैं या आपके बिजनेस में नुकसान हो रहा है तो ये व्यापार वृद्धि यंत्र आपके लिए मंगलकारी सिद्ध होगा। व्यापार में सफलता पाने हेतु और दरिद्रता को दूर करने के लिए भी व्यापार वृद्धि यंत्र शुभ प्रभाव देता है। किसी भी साझेदारी हेतु लेन-देन करते समय व्यापार वृद्धि यंत्र का पूजन और दर्शन करने से सफलता प्राप्त होती है यदि आपको लगातार प्रयास करने के बावजूद भी घाटा हो रहा है तो व्यापार वृद्धि यंत्र को अपने दुकान की पूर्व या उत्तर दिशा में स्थापित करें, जिससे लाभ प्राप्त होगा| जो व्यापार में समृद्धि तथा संपन्नता देखना चाहते हैं और दरिद्रता आदि को समाप्त करना चाहते हैं उन्हें पवित्र मन से व्यापार वृद्धि यंत्र के सम्मुख अग्नि में गाय के दूध का हवन और नित्य लक्ष्मी सूक्त का पाठ व लक्ष्मी मंत्र का जप करना चाहिए, तथा प्रतिदिन एक माला का हवन करने से व्यापार में वृद्धि और अचल लक्ष्मी की प्राप्ति होती है|
व्यापार वृद्धि यंत्र पूजा -
शुक्ल पक्ष के बुधवार के दिन शुभ मुहूर्त में व्यापार वृद्धि यंत्र के सम्मुख बैठकर माला जप करने से धन का आगमन बना रहता है, व्यापार वृद्धि यंत्र की पूजा नियमित रूप से करनी चाहिए और पूजा करते समय यंत्र के ऊपर इत्र आदि का छिड़काव करना चाहिए तथा धूप, दीप, नैवद्य अर्पित करने चाहिए इससे रोजगार में वृद्धि होती है. इस यंत्र की नियमित रूप से पूजा पाठ एवं माला जप करने से लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है| व्यापार वृद्धि यंत्र की पूजा फूल, लड्डू, नारियल इत्यादि से करनी चाहिए, व्यवसायियों, दुकानदारों को यंत्र की विधिवत प्राण प्रतिष्ठा करवाकार उसे अपनी दुकान में विधिपूर्वक स्थापित करना चाहिए, व्यापार में यदि दिन-रात मेहनत करते रहने पर भी घाटा हो रहा हो तो उन्हें ऐसे में व्यापार वृद्धि यंत्र की स्थापना पूर्व अथवा उत्तर दिशा में करनी चाहिए, विधिवत प्राण प्रतिष्ठा कर स्थापित किए गया व्यापार वृद्धि यंत्र समस्त बाधाएं और कष्ट क्लेश दूर करता है|
व्यापार वृद्धि यंत्र के लाभ-
- इससे आय के मार्ग प्रशस्त होते हैं और आय में वृद्धि होती है।
- नौकरी, व्यापार और रोज़गार में आ रही अड़चनों को भी व्यापार वृद्धि यंत्र की स्थापना से दूर किया जा सकता है।
- धन संबंधी समस्याओं से मुक्ति दिलाने में एकमात्र सिद्ध उपाय है व्यापार वृद्धि यंत्र।
व्यापार वृद्धि मंत्र-
इन मंत्रो का व्यापार वृद्धि मंत्र के समक्ष नित्य जाप करने से व्यापार में वृद्धि होती है| और माँ लक्ष्मी की कृपा नित्य बनी रहती है|
ऊं श्री ह्रीं क्लीं महालक्ष्मै नम:।
ऊं महालक्ष्म्यै विदमहे महाश्रियं च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोद्यात।
ऊं या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मी रूपेण संस्थिता।
नमतस्यै नमतस्यै नमतस्यै नमो नम:।
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