इन ग्रहों से तय होता है किस क्षेत्र में जातक बनाएगा अपना करियर | Future Point

इन ग्रहों से तय होता है किस क्षेत्र में जातक बनाएगा अपना करियर

By: Future Point | 20-Dec-2022
Views : 3858इन ग्रहों से तय होता है किस क्षेत्र में जातक बनाएगा अपना करियर

हमोर जीवन में करियर एक महत्‍वपूर्ण पहलू होता है क्‍योंकि इससे यह तय होता है कि हमारी कितनी आय होगी, हम कितने सफल व्‍यक्‍ति बनेंगे और हमारी आर्थिक स्थिति कैसी रहेगी। हर कोई बेहतरीन और सर्वश्रेष्‍ठ करियर पाना चाहता है और अपने लक्ष्‍य को पाने के लिए यह महत्‍वपूर्ण भी है।

हालांकि, हर व्‍यक्‍ति को अपनी पसंद का करियर नहीं मिल पाता है। हो सकता है कि आपने नौकरी पाने के लिए बहुत मेहनत की हो लेकिन आपको अपने काम से संतुष्टि तभी मिलती है जब काम आपकी पसंद का हो या आपके मुताबिक हो। आपके लिए कौन-सा करियर सही रहेगा और करियर के किस क्षेत्र में आपको असफलता मिलने की संभावना है, इस सबका पता ज्‍योतिष से लगाया जा सकता है। जातक की कुंडली में कुछ ग्रहों और भावों का अध्‍ययन करने के बाद यह जाना जा सकता है कि व्‍यक्‍ति किस क्षेत्र में अपना करियर बनाएगा और उसे किस क्षेत्र में सफलता मिलेगी।

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कौन-से कारक करियर तय करते हैं

ग्रहों के समय के अनुसार, ज्योतिष में कई कारक हैं जो करियर को परिभाषित करते हैं जैसे कि व्यक्ति की राशि, ग्रहों की स्थिति और भाव की स्थिति। ये तीनों किसी व्यक्ति की आय के स्रोत को निर्धारित करने में मदद करते हैं और यह बताते हैं कि व्‍यक्‍ति को आगे बढ़ने या सफल होने का अवसर कब मिलेगा।

करियर पर ग्रहों का प्रभाव

करियर के संदर्भ में शनि अकेला सबसे अधिक प्रभावशाली ग्रह है। ज्‍योतिष में इस ग्रह को जीवन कारक या कर्म कारक कहा जाता है जो आपकी आय का कारक है और नौकरी एवं प्रोफेशन आदि को दर्शाता है। अशुभ ग्रह होने के बावजूद भी शनि लाभ पहुंचाता है। यदि कुंडली में शनि शुभ स्‍थान में हो तो जातक को अपने करियर में शुभ फल प्राप्‍त होते हैं। कुछ भावों में इसकी उपस्थिति इसकी शुभता और शक्‍ति का संकेत देती है और ऐसे मामलों में व्‍यक्‍ति को जीवन के कई पहलुओं में सफलता और लाभ मिलता है जिसमें करियर भी शामिल है।

शनि, बृ‍हस्‍पति और बुध का करियर पर अधिक प्रमुख प्रभाव पड़ता है। कुंडली में शनि आपकी कार्य नीति और गुणवत्तापूर्ण सेवा करने की क्षमता को प्रभावित करता है।

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नौकरी करने के योग

यदि दशम भाव में सूर्य या चंद्रमा की राशि है या ये दोनों ग्रह मजबूत स्थिति में विराजमान हैं, तो व्‍यक्‍ति नौकरी करता है।

यदि गतिशील ग्रह स्थिर राशियों के ग्रहों से कम हों, तो व्‍यक्‍ति ऐसा क्षेत्र चुनता है जिसमें धैर्य, सहनशीलता, संतुलन और शांति की जरूरत होती है। इसमें मेडिकल क्षेत्र या सरकारी नौकरी आती है।

अगर स्थिर राशि और गतिशील ग्रह, कुंडली में सामान्‍य राशि ग्रह से कम हों तो व्‍यक्‍ति की आय के कई स्रोत होते हैं। वो प्रॉपर्टी डीलिंग, ट्यूशन सेंटर आदि से धन कमा सकता है।

अगर कुंडली में सप्‍तम भाव के राशि स्‍वामी से दशम भाव का राशि स्‍वामी कमजोर है तो व्‍यक्‍ति डॉक्‍टर, वकील और प्रोफेसर बन सकता है।

यदि दशम भाव का स्वामी बलवान है लेकिन 12वें या 8वें या 6वें भाव में स्थित है या कम बलवान है, तो आप निजी क्षेत्र में काम करेंगे।

यदि दशम भाव में बुध और चंद्र का प्रभाव हो तो पत्रकारिता/लेखन में करियर के संकेत मिलते हैं।

बृहस्पति और बुध के बलवान होने पर व्‍यक्‍ति कवि बन सकता है।

10वें घर में चंद्रमा और बृहस्पति गजट अधिकारी स्तर पर बैंक की नौकरी का परिणाम देते हैं।

यदि दशम मंगल नवमांश में स्थित है, तो यह सेना, कुश्ती और पुलिस में करियर बनाने का संकेत देता है। ये लोग सत्ता के क्षेत्र में अपना करियर बना सकते हैं।

शनि की कुछ विशेषताओं वाला सूर्य मैनेजमेंट, सरकारी या प्रशासनिक नौकरी दिलवाते हैं।

अपना छोटा-सा बिजनेस करते हैं

यदि 7वें और 10वें भाव की राशियां समान रूप से बली हों तो इसका प्रभाव सर्विस के साथ-साथ पर्सनल बिजनेस पर भी होता है। जैसे वकील, डॉक्टर आदि सेवा के अलावा अपनी प्रैक्टिस खुद से शुरू कर सकते हैं।

यदि शनि या मंगल या सूर्य दशम भाव में स्वामी की मजबूत स्थिति के साथ दशम भाव को प्रभावित करते हैं तो जातक चिकित्सा के पेशे से जुड़ता है।

बृहस्पति ग्रह के साथ तीसरे, छठे और दसवें घर के स्वामी वकालत का संकेत देते हैं।

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बड़ा व्‍यापार करते हैं

यदि सप्तम और चतुर्थ भाव के स्वामी कमजोर हैं लेकिन सप्तम भाव का स्वामी बलवान है, तो यह आपकी मजबूत व्यावसायिक क्षमता को दर्शाता है।

यदि सभी ग्रह जैसे कि बृहस्पति, बुध, और शुक्र या चंद्रमा के चतुर्थांश में कोई एक स्थान पर हैं, तो यह पर्सनल बिजनेस या कारखाने को इंगित करता है।

यदि चंद्रमा और गुरु/बुध/शुक्र एक दूसरे से दूसरे और 12वें भाव में हों तो व्‍यक्‍ति अपना व्‍यापार शुरू करता है।

चन्द्रमा से बृहस्पति तीसरे भाव में और शुक्र एकादश भाव में हो तो जातक का अपना व्यवसाय होता है।

चतुर्थांश में सभी ग्रह एक व्यक्ति के व्यवसाय के रूप में कृषि को दर्शाते हैं।

कुंडली में ग्रहों और भावों की दशा का करियर पर असर

यदि जातक की कुंडली में छठे, दसवें और ग्‍यारहवें घर से अच्‍छी तरह से जुड़े हुए किसी ग्रह की महादशा नहीं चल रही है, तो व्‍यक्‍ति को इस काल के दौरान सफलता नहीं मिल पाती है।

अगर मंगल दशम भाव से अच्‍छी तरह से जुड़ा हुआ है तो जातक पुलिस, सेना से जुड़ सकता है या मेडिकल की दुकान खोल सकता है, सर्जन या इंजीनियर बन सकता है।

चतुर्थ भाव शिक्षा का होता है और यदि चतुर्थेश दशम भाव में हो तो जातक आमतौर पर अपने जीवन में शिक्षा से संबंधित कुछ न कुछ करता है।

यदि पहले भाव का स्वामी दशम भाव में स्थित हो तो जातक बहुत मेहनती व्यक्ति होता है और अपने प्रयासों से अपना नाम बनाता है।

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ज्‍योतिष की करियर में सहायता

ज्योतिष ग्रहों और तारों के अध्ययन का एक प्राचीन विज्ञान है। जन्म के समय और जीवन भर ग्रहों और सितारों की स्थिति हमारे जीवन की घटनाओं को प्रभावित करती है।

यदि किसी व्‍यक्‍ति को करियर में अड़चनें आ रही हैं या मनचाही नौकरी नहीं मिल पा रही है, तो कुछ ज्‍योतिषीय उपाय आपकी इस समस्‍या का समाधान कर सकते हैं। वैदिक ज्‍योतिष में कुंडली में बैठे ग्रहों के अशुभ प्रभाव के कारण करियर में आ रही अड़चनों का निवारण किया जा सकता है। वैदिक ज्योतिष हमें अपने बारे में और हमारे जीवन पर ग्रहों के प्रभावों के बारे में गहन जानकारी प्रदान करता है।