13 फरवरी को कुंभ राशि में गोचर कर रहा है सूर्य, जानिए आपकी राशि में कैसा होगा असर | Future Point

13 फरवरी को कुंभ राशि में गोचर कर रहा है सूर्य, जानिए आपकी राशि में कैसा होगा असर

By: Future Point | 02-Feb-2023
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13 फरवरी को कुंभ राशि में गोचर कर रहा है सूर्य, जानिए आपकी राशि में कैसा होगा असर

वैदिक ज्‍योतिष में सूर्य गोचर काब हुत महत्‍व है। पिता ग्रह सूर्य 13 फरवरी 2023 को सुबह 9 बजकर 21 मिनट पर कुम्भ राशि में गोचर करेंगे। सूर्य की युति शनि के साथ होगी जो पहले से ही कुम्भ राशि में विराजमान हैं। शुक्र ग्रह भी कुंभ राशि में ही विराजमान रहेंगे। सूर्य और शनि की इस युति के प्रमुख प्रभाव देखने को मिलेंगे और यह सभी राशियों पर अपना प्रभाव दिखाएगा। पिता ग्रह सूर्य 15 मार्च 2023 को प्रात: 6 बजकर 13 मिनट तक कुम्भ राशि में रहेंगे। इसके बाद सूर्य मीन राशि में गोचर करेंगे।

सूर्य का गोचर हर महीने होता है। शनि की राशि कुंभ में सूर्य का गोचर महत्वपूर्ण माना जा रहा है। कुंभ राशि में सूर्य के गोचर का सभी 12 राशियों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ेगा। यदि आप जानना चाहते हैं कि इस गोचर का आपकी राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा तो इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें। सूर्य को सभी नौ ग्रहों का राजा कहा जाता है। हम सभी जानते हैं कि पृथ्वी, सूर्य के चारों ओर घूमती है, और सूर्य हमें हमारे संपूर्ण जीवन के लिए चमक और ऊर्जा प्रदान करता है। यह महत्वपूर्ण जीवन शक्ति हमारे शरीर में चलती है, और हमारा जीवन इसी ऊर्जा से चलता है।

सूर्य गोचर 2023

सूर्य ग्रह को शनि का पिता माना जाता है और यह एक ऐसा ग्रह है जिसका स्वभाव उग्र है। वहीं शनि ठंडी हवाओं के कारक ग्रह हैं। अतः इसे देखते हुए इन दोनों ग्रहों की युति कुम्भ राशि में उतनी अच्छी नहीं होगी। पिता ग्रह सूर्य आत्मविश्वास का कारक है तो वहीं शनि जातक को अनुशासन में रहने वाला बनाता है। अगर आप अपने जीवन में अहंकार से दूर रहेंगे और अनुशासन में रहकर काम करेंगे तो सूर्य और शनि की युति आपको अच्छे फल प्रदान करेगी। आपकी राशि में जिस भाव में सूर्य और शनि की युति बनेगी उस भाव से संबंधित सभी कार्यों में आपकी परीक्षा होगी। अनुशासित रवैया रखने से आपको लाभ मिलेगा। हालांकि, चूंकि शनि अपनी ही राशि में रहेंगे इसलिए वह अशुभ प्रभाव नहीं देंगे और सूर्य पिता है तो वह भी अपने पुत्र की राशि में नकारात्मक फल नहीं देंगे। इसलिए इस बात की कोई संभावना नहीं है कि यह युति किसी भी तरह से आपको नकारात्मक रूप से प्रभावित करेगी और आपको घबराने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है। पूर्व में यदि आपने कोई गलत काम किया है तो इस दौरान आपको उसका पछतावा हो सकता है। इस युति से आत्मग्लानि की भावना भी विकसित होगी। आपको स्थिति से बाहर निकलने का रास्ता भी खोजना होगा। आइए जानते हैं कि सूर्य के कुंभ राशि गोचर करने पर आपकी राशि पर क्‍या असर पड़ेगा।

मेष राशि

पंचम भाव का स्वामी सूर्य 11वें भाव में गोचर करेगा। एकादश भाव मित्रों और सामाजिक सहयोगियों, इच्छाओं और सपनों को दर्शाता है। यह समय आपके लिए अनुकूल रहेगा और इस चरण में आप अपने क्षितिज का विस्तार कर सकते हैं। आप अपने नए गुणों को विकसित कर सकते हैं। लंबे समय से अटके हुए काम पूरे हो सकते हैं। अपने पेशे और व्यवसाय के प्रति ईमानदारी से किए गए प्रयासों के लिए आपको पदोन्नति और सराहना भी मिल सकती है। आपके घर में कुछ मांगलिक कार्यों का आयोजन हो सकता है, जिससे आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। 11वें भाव में सूर्य का प्रभाव यात्रा की संभावना को दर्शाता है। आप विदेश यात्रा पर भी जा सकते हैं।

उपाय: प्रत्येक रविवार को आपको बैल को गुड़ खिलाना चाहिए और सूर्य को तांबे के लोटे में जल और गोंद मिला कर अर्पित करना चाहिए।

वृषभ राशि

चतुर्थ भाव का स्वामी सूर्य दशम भाव में गोचर करेगा। दशम भाव करियर, प्रसिद्धि और महत्वाकांक्षाओं को दर्शाता है। कुंभ राशि में सूर्य के गोचर का सीधा प्रभाव करियर से जुड़े मामलों पर पड़ता है। आपके करियर के लिए बहुत अच्छा समय है। आपको कुछ क्षेत्रों में खुद को बेहतर बनाने के संकेत मिल सकते हैं, या आप कुछ गलतियों को सुधारना चाह सकते हैं। यह आपके लिए अपनी त्रुटियों को सुधारने का सही समय होगा। यदि आप बदलने से इनकार करते हैं या कुछ नया सीखने से पीछे हटते हैं, तो यह समय आपके लिए कठिन होगा।

उपाय: आपको अपने पिता और पिता समान लोगों का सम्मान करना चाहिए और सरकार की बुराई करने से बचना चाहिए।

मिथुन राशि

तीसरे भाव का स्वामी सूर्य नवम भाव से गोचर करेगा। नवम भाव धर्म, तीर्थ और अंतर्ज्ञान का भाव है। गोचर का चरण आपके लिए बहुत अनुकूल दिखाई दे रहा है और करियर में सफलता प्राप्त करने की उचित संभावना है। शैक्षणिक मोर्चे पर आप अच्छा प्रदर्शन करेंगे। यह आर्थिक रूप से एक अच्छा वर्ष प्रतीत होता है। व्‍यापारियों के सामने चुनौतियां आ सकती हैं। आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा में भी वृद्धि होगी। नवम भाव में सूर्य के प्रभाव के कारण आप तीर्थ यात्रा की योजना भी बना सकते हैं। आप अपने परिवार में किसी विशेष समारोह में शामिल हो सकते हैं। आपके दशम भाव में सूर्य और शनि की युति के कारण, आप अपने काम पर अधिक ध्यान देंगे। आपके पिता के साथ आपके संबंध तनावपूर्ण रहेंगे, लेकिन आपको उनका ध्यान रखना चाहिए और किसी भी तरह के झगड़े से दूर रहना चाहिए।

उपाय: रविवार के दिन रुद्राभिषेक करें। इसी के साथ शिवलिंग पर गेहूं भी चढ़ाएं।

कर्क राशि

सूर्य आपके जीवन में अचानक से कई उतार-चढ़ाव ला सकता है। प्रभाव और सम्मान में वृद्धि होगी, लेकिन स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना होगा। आग, जहर और दवाओं के रिएक्शन से भी बचने की जरूरत है। परिवार में अलगाववाद की स्थिति उत्पन्न न होने दें, जमीन जायदाद व पैतृक संपत्ति को लेकर विवाद खत्म होगा। आकस्मिक धन प्राप्ति के योग बनेंगे और दिया हुआ धन वापस मिलने के योग भी बनेंगे। इस गोचर के फलस्वरूप आपको अपनी वस्तुओं और अपने सामान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। संभावना है कि इस अवधि के दौरान आपका समय बर्बाद हो सकता है। आर्थिक दृष्टिकोण से यह अवधि सामान्य रहेगी। हालांकि, आपको किसी भी प्रकार का निवेश करने से बचना चाहिए क्योंकि शनि और सूर्य की युति आपके अष्टम भाव में होगी और इसके साथ ही यदि आप अधिक निवेश की ओर भागते हैं तो आपको उनमें नुकसान उठाना पड़ सकता है। ऐसा भी हो सकता है कि जिन जातकों को पैतृक संपत्ति मिलनी थी, वह उन्हें न मिले और इस मामले में उन्हें बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है।

उपाय: आपको प्रतिदिन सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए और श्री सूर्याष्टकम का पाठ अवश्य करना चाहिए।

सिंह राशि

सूर्य के गोचर का प्रभाव आपके काम और व्यवसाय पर पड़ सकता है लेकिन पार्टनरशिप में व्यवसाय करने से बचें। विवाह संबंधी बातों में देरी हो सकती है। वैवाहिक जीवन और ससुराल से संबंधों में कड़वाहट न आने दें। सरकार का पूरा सहयोग रहेगा। यदि आप सरकारी सेवा के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो ग्रह गोचर अनुकूल रहेगा। यदि आप अपनी रणनीति और योजनाओं को गोपनीय रखकर काम करेंगे तो आपको अधिक सफलता मिलेगी। आपकी सामाजिक स्थिति प्रभावित हो सकती है, लेकिन आर्थिक दृष्टिकोण से यह समय सामान्य रहेगा। पारिवारिक जीवन अच्छा रहेगा, लेकिन इस दौरान अपने जीवनसाथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। लोगों को जाने बिना उन पर भरोसा न करें और अपने दोस्तों के प्रति सतर्क रहें। जैसा कि आपको अपने किसी मित्र द्वारा धोखा दिया जा सकता है। इस दौरान आपको कमर दर्द की शिकायत हो सकती है। नौकरीपेशा जातकों को लंबे समय की मेहनत के बाद पदोन्नति के योग बनेंगे।

उपाय: प्रतिदिन आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें और इसी के साथ श्री विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का भी पाठ करने से आपको लाभ मिलेगा।

कन्‍या राशि

व्‍यापार में रणनीति कारगर रहेगी, कोर्ट कचहरी के मामलों में भी फैसला आपके पक्ष में आने के संकेत हैं। गुप्त शत्रु परास्त होंगे। विदेश यात्रा का लाभ मिल सकता है। विदेशी कंपनियों में नौकरी या नागरिकता के लिए किए गए प्रयास भी शुभ फल देंगे। यदि इस अवधि के मध्य में आपको कोई बड़ा काम शुरू करना है या कोई अनुबंध करना है तो अच्छा संयोग है। आपको अपने जीवन के विभिन्न चरणों में बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। छठे भाव में सूर्य के प्रभाव के कारण ऑफिस में आपका परफॉर्मेंस प्रभावित हो सकता है। यह अवधि आपके करियर के विकास पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है। अवसाद और निराशा से दूर रहने के लिए अपनी अपेक्षाओं को कम रखें। इस दौरान आपको आर्थिक नुकसान का भी सामना करना पड़ सकता है।

उपाय: रविवार की सुबह से प्रतिदिन गायत्री मंत्र का एक निश्चित संख्या में जाप करने से आपको लाभ होगा।

तुला राशि

सूर्य के गोचर का प्रभाव छात्रों और प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले छात्रों के लिए उत्तम रहेगा, लेकिन प्रेम से संबंधित मामलों में उदासीनता रहेगी। संतान संबंधी चिंता में कमी आएगी। नवविवाहित जोड़े के लिए संतान प्राप्ति और उद्भव के भी योग हैं। आय के साधन बढ़ेंगे। लिए गए निर्णयों और किए गए कार्यों की सराहना होगी। परिवार के वरिष्ठ सदस्यों और बड़े भाइयों से भी सहयोग मिलने की संभावना है। सरकारी विभागों में रुके हुए काम पूरे होंगे। संभावना है कि आप विचलित हो सकते हैं इसलिए आपको ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी जाती है। अपना समय व्यर्थ करने से बचेंगे तो लाभ होगा, क्योंकि इससे भविष्य में निराशा हो सकती है। पंचम भाव में सूर्य के प्रभाव के कारण आपको अपने प्रेम जीवन में प्रतिबद्धता के मुद्दों का सामना करना पड़ सकता है।

उपाय: आपको योग और सूर्यनमस्कार का अभ्यास करना चाहिए और अधिक नमक खाने से बचना चाहिए।

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए पिता ग्रह सूर्य दशम भाव का स्वामी है और इस गोचर के साथ वह आपके चतुर्थ भाव में आ जाएगा। सूर्य का चतुर्थ भाव में यह गोचर उतना अनुकूल नहीं कहा जा सकता क्योंकि शनि भी इसी भाव में रहेंगे। इस दौरान परिवार में तनाव और झगड़े की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। परिवार के सदस्यों के बीच सामंजस्य की कमी और ईर्ष्या में वृद्धि देखी जा सकती है। आपके माता-पिता का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है और आपको उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए। इस सूर्य के कुम्भ राशि में गोचर से आपके परिवार से जुड़े खर्चों में भी वृद्धि हो सकती है। आपको अपने पारिवारिक जीवन में भावनात्मक संतुलन बनाने की आवश्यकता महसूस होगी। यह अवधि आपको पारिवारिक मामलों में उलझाए रख सकती है जिसके कारण आपके काम में उतार-चढ़ाव आ सकता है। स्वास्थ्य के लिहाज से, आपको मानसिक अशांति, फेफड़ों में संक्रमण, घुटने में तकलीफ, सिरदर्द या शरीर में दर्द हो सकता है। अपनी मां के साथ प्यार से बात करें, और अगर उन्हें कोई स्वास्थ्य समस्या आती है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

उपाय: अपने पारिवारिक जीवन और करियर में उन्नति और सफलता के लिए एक सफेद स्‍टार ट्री लगाएं।

धनु राशि

सूर्य का गोचर बड़ी सफलता दिला सकता है। अपने आक्रामक स्वभाव के कारण आप अपना ही नुकसान कर सकते हैं, लेकिन यदि आप अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखकर काम करेंगे तो आपको अधिक सफलता मिलेगी। घर में अलगाववाद के हालात पैदा न होने दें। छोटे भाइयों से भी संबंध खराब होने की संभावना है। धर्म और अध्यात्म में रुचि बढ़ेगी। सामाजिक संस्थाओं और अनाथालयों आदि में बड़े पैमाने पर दान-पुण्य करेंगे। आपके विदेश यात्रा पर जाने की संभावना है। कार्यक्षेत्र में आपको अपने सहकर्मियों का सहयोग मिलेगा, लेकिन उनमें से कुछ आपकी टांग खींचते हुए भी नजर आएंगे। छोटी यात्रा आपके लिए संकट का कारण बन सकती है और आपके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है। सगे-संबंधियों के साथ आपके संबंधों में तनाव आ सकता है। आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और आप व्यावसायिक उपक्रमों में सफल होंगे और अपनी मेहनत से आगे बढ़ेंगे।

उपाय:  श्री रामरक्षा स्तोत्र का प्रतिदिन पाठ करना आपके लिए लाभकारी रहेगा।

मकर राशि

आपकी वाणी में कटुता बढ़ने से आपके संबंधों पर बुरा असर पड़ सकता है। आपको ज्‍यादा खाने से बचना चाहिए नहीं तो आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। कुम्भ राशि में सूर्य के इस गोचर से आपको दांतों में दर्द हो सकता है। आपको अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रयास करने चाहिए। आपको अचानक गुप्त धन लाभ होगा और विरासत में संपत्ति मिलने के योग बनेंगे। अपने साथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए क्योंकि यह गोचर उनके स्वास्थ्य के लिए अनुकूल नहीं रहेगा। व्यापार में निवेश करने के लिए यह समय अनुकूल रहेगा। आपकी नौकरी में वृद्धि देखने को मिलेगी और इससे आपको लाभ भी होगा।

उपाय: प्रतिदिन श्री आदित्य हृदय स्तोत्र या श्री सूर्य अष्टकम का पाठ करने से आपको लाभ मिलेगा।

कुंभ राशि

सूर्य के प्रभाव से मान-सम्मान और प्रभाव में वृद्धि होगी। अपनी कार्यकुशलता और ऊर्जा के बल पर आप कठिन से कठिन परिस्थितियों पर भी आसानी से विजय प्राप्त कर लेंगे। जो लोग आपको नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे थे, वे मदद के लिए आगे आएंगे। सरकारी विभागों में रुके हुए कार्य पूरे होंगे। यदि आप किसी तरह के नए टेंडर के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो उस दृष्टि से भी यह ग्रह गोचर अनुकूल रहेगा। अपने स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए अच्छी जीवनशैली अपनाने की कोशिश करें क्योंकि सूर्य और शनि की युति भी बनेगी। आपको अपने स्वास्थ्य के प्रति अनुशासित और चौकस रहना चाहिए और उदासीनता के रवैये से बचना चाहिए, नहीं तो यह समय आपको स्वास्थ्य संबंधी परेशानी दे सकता है। बुखार, सिर दर्द, शरीर में दर्द और बेहोशी जैसी स्वास्थ्य समस्याएं आ सकती हैं। यह गोचर वैवाहिक जीवन में उतार-चढ़ाव की स्थिति पैदा कर सकता है। व्‍यापारिक दृष्टिकोण से यह समय अच्‍छा रहेगा। आपके व्यापार में प्रगति होगी।

उपाय: गले में सन पेंडेंट पहनने से आपको बहुत लाभ मिलेगा।

मीन राशि

यह सूर्य गोचर कुम्भ राशि में आपके बारहवें भाव में होने जा रहा है और पिता ग्रह सूर्य आपके छठे भाव का स्वामी है। इस समय आपके खर्चे बढ़ सकते हैं और उनके बढ़ने से आपको तनाव हो सकता है। यात्रा व विदेश जाने की योजना सफल होगी। आपकी आर्थिक स्थिति आपके अनियंत्रित और अनियोजित खर्चों से बोझिल हो सकती है। आपको अपने विदेशी संपर्कों से लाभ मिलेगा, जिससे आपका व्यवसाय आगे बढ़ेगा। आप अपने काम की वजह से यात्रा में व्यस्त रहेंगे। इस दौरान आपको स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हो सकती है और बेवजह की चिंताओं के कारण आपका मानसिक तनाव बढ़ सकता है। आपको अपने विरोधियों से सावधान रहना होगा और आपको ध्यान का अभ्यास करना चाहिए, क्योंकि इससे आपको फायदा मिलेगा। आपका मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होगा और इसके साथ ही आपके स्वास्थ्य में भी सुधार होगा। व्यर्थ की चिंता छोड़कर अध्यात्म के मार्ग पर चलना चाहिए और परमात्मा की शरण लेनी चाहिए। अपने काम पर ध्यान देने से आपको सफलता मिलेगी।

उपाय: शनिवार की रात्रि को तांबे के पात्र में जल भरकर अपने तकिए के पास रखें। रविवार की सुबह वही पानी किसी लाल फूल वाले पौधे में डाल दें, ऐसा करने से आपको लाभ मिलेगा।


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