ओपल रत्न पहनने के फायदे और ओपल पत्थर पहनने की विधि
By: Future Point | 20-Mar-2018
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यह सर्वविदित हैं कि रत्न हमारे जीवन की दिशा और दशा दोनों में जबरदस्त परिवर्तन लाने की क्षमता रखते हैं। कोई भी रत्न धारण करने से पहले यह जान लेना चाहिए कि कौन सा रत्न, किस व्यक्ति को धारण करना चाहिए। अन्यथा गलत रत्न धारण करने से लाभ के स्थान पर नुकसान होने की संभावनाएं भी बन सकती हैं। यहां भी ध्यान देने योग्य बात यह कि सभी रत्न अपने धारक के लिए नुकसान का कारण नहीं बनते हैं। कुछ ऐसे भी रत्न हैं जिन्हें कोई भी धारण कर सकता हैं। ऐसे ही रत्नों की श्रेणी में ओपल रत्न आता हैं। आईये आज हम अपने इस आलेख में आपको बताते है कि ओपल रत्न किस राशि के व्यक्तियों को धारण करना चाहिए और धारण करते समय कौन से नियमों का पालन करना चाहिए-
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ओपल रत्न (Opal Stone) बहुत सुंदर रत्नों की श्रेणी में आता हैं। इसे शुक्र ग्रह के सभी फल प्राप्त करने के लिए विशेष रुप से धारण किया जाता हैं। ओपल शुक्र ग्रह का उपरत्न हैं। तथा यह हीरा रत्न का सब्स्टिटूड हैं। यह माना जाता है कि अपने सौंदर्य और अद्भुत आभा के लिए जाना जाने वाला यह रत्न अपने धारक को प्यार और ढ़ेर सारी खुशियां देने का कार्य करता हैं। वैदिक ज्योतिष रत्न ऒपल धारण करने के लिए अनेक लाभ हैं। शुक्र ग्रह से जुड़े कार्यक्षेत्रों मे कार्यरत व्यक्तियों को यह रत्न अवश्य धारण करना चाहिए। आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि ओपल रत्न (Opan Gemstone) आस्ट्रेलिया देश का राष्ट्रीय रत्न का दर्जा दिया गया हैं। यह रत्न कई रंगों में पाया जाता हैं। अपनी खूबसुरत आभा के कारण यह रत्न सबको अपनी ओर आकर्षित करता हैं।
ओपल रत्न के विषय में यह मान्यता है कि ओपल रत्न धारण करने से निम्न लाभ प्राप्त होते हैं।
- सौंदर्य प्रसाधनों से जुड़ा व्यापार या व्यवसाय कर रहें व्यक्तियों को ओपल रत्न धारण करने से लाभ बेहतर होते हैं।
- दूध और दूध से बनी वस्तुओं जैसे- डेयरी उत्पादों, मिठाई और इसी प्रकार के व्यवसायों में कार्यरत व्यक्तियों को ओपल रत्न धारण करने से लाभ होता हैं।
- प्रेम संबंधों में सफलता पाने के लिए भी ओपल रत्न धारण किया जाता हैं।
- कला जगत, कलात्मक कॄतियों के निर्माता, रचनात्मक विषयों से जुड़े व्यक्तियों का रत्न धारण करना शुभ और अनुकूल फलदायक साबित होता हैं।
- चिकित्सा क्षेत्र में ओपल का उपयोग हार्मोनल स्त्राव को संतुलित करने के लिए किया जाता हैं।
- यह माना जाता है कि यह रत्न अपने धारक की भावनाओं को दर्शाता हैं। इसमें किसी भी प्रकार का कोई असंतुलन होने पर यह भावनाओं को संतुलित करने का कार्य भी करता हैं।
- सबसे अच्छी बात यह है कि ओपल रत्न को वफादारी, सच्चाई और सहजता का प्रतीक रत्न हैं। मन की चंचलता में स्थिरता लाने का कार्य यह करता हैं।
- अपनी मनमोहक छ्टा से यह व्यक्ति की भावनात्मक स्थिति को बेहतर करता हैं और जीवन में शांति लाता हैं।
- नेत्र चिकित्सा में इसका उपयोग किया जाता हैं।
- दांपत्य जीवन में किसी भी प्रकार की कोई समस्या चल रही हों तो ओपल रत्न धारण करने से वैवाहिक जीवन के सु्खों में बढ़ोतरी होती हैं।
- ओपल रत्न शुक्र का उपरत्न होने के कारण इसे प्रेम, स्नेह और विपरीत लिंग संबंधों को मजबूत करने के लिए धारण किया जाता हैं।
- धन की देवी लक्ष्मी जी की शुभता प्राप्ति के लिए भी ओपल रत्न को धारण किया जा सकता हैं।
- यह रत्न अपने धारक को सुख-शांति और सहजता देता हैं।
- यदि कुंडली में शुक्र रत्न बलवान हों, शुभ भावों का स्वामी होकर, शुभ भाव में स्थित हों तो यह रत्न धारण करना धारक को स्वास्थ्य, संतान और भाग्य सभी कुछ दे सकता हैं।
- ओपल रत्न वॄषभ राशि / वृषभ लग्न, तुला राशि/ तुला लग्न और मिथुन लग्न, कन्या लग्न, मकर लग्न और कुम्भ लग्न वालों को विशेष रुप से ओपल रत्न धारण करना चाहिए। कुम्भ लग्न और कन्या लग्न वालों के लिए तो यह भाग्य रत्न होता हैं।
ओपल रत्न कैसे धारण करें / ओपल रत्न धारण विधि
ओपल रत्न को स्वर्ण धातु शुक्रवार के दिन धारण करना चाहिए। स्वर्ण धातु लेना संभव न हों तो चांदी या वाईट गोल्ड् में भी इस रत्न को धारण किया जा सकता हैं। यह रत्न अनामिका अंगूली में धारण करना चाहिए। धारण और अंगूठी में रत्न धारण करने के लिए शुक्ल पक्ष के शुक्रवार का प्रयोग करना चाहिए।
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