जानें कुंडली में होने वाले मंगल दोष निवारण के उपाय । | Future Point

जानें कुंडली में होने वाले मंगल दोष निवारण के उपाय ।

By: Future Point | 28-May-2019
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जानें कुंडली में होने वाले मंगल दोष निवारण के उपाय ।

मांगलिक शब्द आधुनिक जीवन में एक ऐसा शब्द बन गया है जिसे सुन कर लोग एक बार तो भय खा जाते हैं, अनेक व्यक्ति परेशान हो जाते हैं कि मांगलिक दोष की वजह से कन्या एवं पुत्र के विवाह में बाधा आएगी, वास्तविक स्थिति ये है कि मांगलिक दोष सौ अथवा लगभग डेढ़ सौ वर्ष पूर्व ही प्रचलन में आया है और कुछ ज्योतिषियों में इसे इतने भयानक रूप में प्रस्तुत किया है कि मंगल दोष का नाम सुन कर ही आशंकित हो जाते हैं।

मंगल दोष क्या है –

भारतीय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार विवाह करने के पूर्व वर- वधु की कुंडली का मिलान किया जाता है, कुंडली में मांगलिक दोष का एक प्रमुख बिंदु होता है, विवाह तय होने में ज्योतिष के अनुसार यदि मंगल ग्रह जन्म कुंडली के प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम या द्वादश भाव में स्थित हो तो जातक की कुंडली में मांगलिक दोष होता है अतः मंगल दोष की वजह से जातक के विवाह में और जीवन में कई परेशानियां आती हैं।

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मंगल दोष निवारण के उपाय –

  • यदि जातक की जन्म कुंडली में मंगल उच्च का हो या शुभ स्थिति में तो प्रत्येक मंगलवार के दिन हनुमान जी के मंदिर में बताशे चढ़ाएं और इसके पश्चात् वो बताशे बहते जल में डाल दें, ऐसा करने से मंगल दोष का प्रभाव कम हो जाता है।
  • यदि जातक की कुंडली में मंगल अष्टम भाव में स्थित हो तो बहते जल में रेवड़ी, तिल या शक्कर डालने से मंगल का मारक दोष समाप्त हो जाता है।
  • यदि जातक की कुंडली में मंगल चौथे भाव में स्थित हो तो सास, दादी या माँ को बीमार करता है और परिवार में दरिद्रता आती है एवं संतान प्राप्ति में भी बाधा उत्पन्न होती है अतः इससे बचने के लिए प्रत्येक मंगलवार के दिन कुंए के जल से दातुन करना चाहिए।
  • मंगल दोष के कारण अग्नि से भी भय रहता है इससे बचने के लिए थोड़ी सी शक्कर अपने घर की छत पर बिखेर देनी चाहिए।
  • यदि मंगल दोष वाले जातक का विवाह दोष रहित वाले जातक से अनजाने में हो गया है तो इस दोष को काटने के लिए माँ मंगला गौरी व्रत या वट सावित्री व्रत अवश्य करना चाहिए।
  • मंगल दोष के जातकों को प्रति दिन या विशेष तौर पर मंगलवार के दिन बंदरों को गुड़ और चने खिलाने चाहिए और इसके अलावा अपने घर में लाल पुष्प वाले पौधे या वृक्ष लगाकर उनकी देखभाल करनी चाहिए और समय- समय पर पौधे को पानी देना चाहिए।
  • यदि वर मांगलिक है और कन्या मांगलिक नहीं तो विवाह के समय वर जब वधू के साथ फेरे ले रहा हो तब पहले तुलसी के साथ फेरे ले ले इससे मंगल दोष तुलसी पर चला जाता है और वैवाहिक जीवन में मंगल बाधक नहीं बनता है और इसी प्रकार यदि कन्या मांगलिक है और वर मांगलिक नहीं है तो फेरे से पूर्व भगवान विष्णु के साथ अथवा केले के पेड़ के साथ कन्या के फेरे लगवा देने चाहिए, ऐसा करने से मंगल दोष का प्रभाव कम हो जाता है।
  • मंगल दोष से पीड़ित जातक को छोटे भाई बहनों का ख्याल रखना चाहिए।
  • धर्म शास्त्रों के अनुसार जिन युवक व युवतियों का विवाह मंगल दोष के कारण नही हो पा रहा है तो प्रत्येक मंगलवार के दिन हनुमानजी के चरण से सिन्दूर ले कर उसका टीका माथे पर लगाने से हनुमान जी मंगल दोष को नष्ट कर देते हैं।
  • मंगल दोष से पीड़ित जातकों को इन बातो का विशेष ध्यान रखना चाहिए ,जैसे कि लाल रंग को देखें पर उस रंग के वस्त्र न पहनें, क्रोध कम करें, अधिक काम वासना से अलग रहें, सकारात्मक सोच को और भी ज्यादा बेहतर बनाएं, संयमित जीवन रखें, मंगलवार को एक समय भोजन करें और प्रति दिन हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
  • आटे को लोई में गुड रखकर सफेद गाय को यह खिलाये इसके अलावा मंगल चन्द्रिका स्तोत्र का पाठ करना चाहिए यह एक शक्तिशाली मंगल दोष कम करने का पाठ है।
  • यदि कुंडली में मंगल दोष परेशान कर रहा है, विवाह में बाधा उत्पन्न हो रही है तो प्रति दिन महा मृत्युंजय मन्त्र की एक माला जाप करना चाहिए।
  • प्रति दिन पीपल के वृक्ष में कच्चा दूध, शुद्ध जल और मिश्री डालने से मंगल दोष की शांति होती है।
  • मूंगा से बने गणपति का पेंडेंट गले में धारण करने से भी मंगल दोष की शांति होती है।
  • मंगल दोष वाले जातकों को अपने वजन के बराबर गुड़ तोलकर हनुमान जी के मंदिर में दान करने से मंगल दोष से मुक्ति मिलती है।
  • शुक्रवार के दिन सूखे छुआरे पानी में भिगोकर अपने सिरहाने रखे और सुबह उठते ही जल में प्रवाहित कर दें इससे मंगल दोष का प्रभाव कम हो जाता है।
  • भगवान विष्णु जी की नियमित पूजा करने से भी मंगल दोष से रक्षा होती है।
  • मंगल दोष से पीड़ित जातकों को मिट्टी के बर्तन में शहद भर कर शमसान में जाकर उस बर्तन को मिट्टी में दबाने से मंगल दोष कट जाता है।


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