2019 चुनाव और राहुल गांधी की कुंडली | Future Point

2019 चुनाव और राहुल गांधी की कुंडली

By: Future Point | 12-Jan-2019
Views : 9202
2019 चुनाव और राहुल गांधी की कुंडली

कांग्रेस पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री पद का भार नेहरू जी, इंदिरा जी और राजीव जी ने बखूबी निभाया था। वर्तमान समय में सोनिया जी और कुछ लोगों की प्रियंका गांधी पर भी लोगों की आस्था है। इसी राजनैतिक घराने में जन्म लेने वाले राहुल गांधी क्या समय आने पर देश की जनता की उम्मीदों पर खरा उतरेंगे।

विश्व की सबसे मजबूत लोकतंत्र की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी का राजनैतिक भविष्य आने वाले चुनाव 2019 से तय होगा। 2019 के चुनाव में राहुल गांधी का भविष्य क्या रहेगा यह चुनाव का परिणाम तय करेगा। राहुल गांधी की कुंडली इस विषय में क्या कहती हैं आईये जानें-

19 जून 1970 को दोपहर 05 बजकर 50 मिनट पर दिल्ली में जन्में राहुल गांधी की कुंडली मिथुन लग्न की है। वर्तमान में चंद्रमा इनकी राशि से दूसरे भाव की धनु राशि पर गोचर कर उनकी ‘साढेसाती’ को प्रभावी कर रहे हैं। शनि की ‘साढेसाती’ का यह समय नयी जिम्मेदारियों के साथ कुछ मानसिक कष्ट भी दिखा रहा है। अपनी माता सोनिया गांधी के स्वास्थ्य को लेकर अगले दो वर्षो तक उनको विशेष चिंता रहेगी। साथ ही जन्म नक्षत्र पर गोचर कर रहे शनि तथा मंगल में शुक्र की विंशोत्तरी दशा में उनको अपनी पार्टी के भीतर कुछ पुराने नेताओं के विरोध का सामना करना होगा।

Personalised Yearly Horoscope 2019

लग्न से चतुर्थ भाव पर शनि की दॄष्टि माता के शारीरिक स्वास्थ्य कष्ट का कारण बनी हुई है। युवा ग्रह मंगल ग्रह की महादशा के प्रभाव में चल रहे राहुल गांधी अपनी पार्टी में युवा और नए चेहरों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देंगे जिससे वरिष्ठ नेता उनसे नाराज होकर कुछ असहज स्थितियां पैदा कर सकते हैं। इसके साथ ही ‘साढ़ेसाती’ के प्रभाव और उनके लग्न भाव पर बन रहे पापकर्तरी योग संघर्ष और तनाव की स्थिति बनाए रखेंगे। नीचस्थ चंद्र छ्ठे भाव में अदालती मामलों के कारण इनकी परेशानियां बढ़ा सकता हैं।

जमीन जायदाद के क्रय-विक्रय से जुड़े मामलों को लेकर राहुल गांधी और उनकी माता सोनिया गांधी दोनों को वर्ष 2019 में कुछ असहज हालातों का सामना करना पड़ सकता है। राहुल गाँधी की कुंडली में मंगल और सूर्य नवम भाव में अच्छे योग में स्थित होकर एक संतुलित राजनीतिक सफलता दिलाने का योग बना रहे हैं। वर्तमान में इनकी मंगल महादशा में गुरु की अंतर्द्शा प्रभावी हैं। महादशानाथ मंगल आयेश होकर लग्न भाव में स्थित हैं, और अंतर्द्शानाथ गुरु सप्तमेश और दशमेश हैं तथा पंचम भाव में स्थित हैं।

कर्मेश का पंचम भाव में स्थित होना, करियर में स्थिरता की कमी और बाधाओं की स्थिति देती हैं। पिछले दिनों मंगल की महादशा और राहु की अंतर्दशा में ही वह कांग्रेस के अध्यक्ष बने हैं। यही वजह है कि राहुल गांधी को भविष्य में इससे ऊंचा पद प्राप्त नहीं हो पाएगा, इसके साथ ही आने वाले समय में इनके कार्यों और वक्तव्यों की आलोचना भी होगी। फिर भी मंगल की अंतर्द्शा या शनि की अंतर्द्शा आने पर राहुल गांधी के लिए सत्ता सुख भोगने के मार्ग अवश्य खुल सकते हैं। क्योंकि मिथुन लग्न की कुंडली में नीच का एकादशस्थ का शनि राजयोग देता है।


यह भी पढ़ें: 2019 चुनाव और मोदी सरकार ज्योतिष


Previous
2019 चुनाव और मोदी सरकार ज्योतिष

Next
इमरान खान से दोस्ती अभी समय लेगी