शुभ-अशुभ का संकेत देते हैं मनुष्य के शरीर में होने वाले तिल

By: Future Point | 21-Apr-2020
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शुभ-अशुभ का संकेत देते हैं मनुष्य के शरीर में होने वाले तिल

व्यक्ति के शरीर पर तिल का होना भी किसी न किसी बात की ओर इंगित करता है, ऐसा विद्वान लोगों का मानना है। इतना ही नहीं तिल किस जगह है, इसके भी अलग-अलग मतलब हैं। शरीर के अंगो पर पाए जाने वाले तिल को लेकर कई तरह की मान्यताएं हैं, कुछ लोग तिल को शुभ मानते हैं तो कुछ लोग तिल में अपना चमकता हुआ भाग्य तलाशते हैं. लेकिन सच्चाई ये है कि हर तिल कुछ कहता है, शरीर पर बहुत से निशान जन्म के साथ ही मौजूद रहते हैं और बहुत से समय के साथ शरीर पर उभरते रहते हैं। 

समुद्रशास्त्र में इन सभी निशानों और चिह्नों का महत्व और मतलब बताया गया है, समुद्रशास्त्र के अनुसार शरीर पर मौजूद तिल का अपना महत्व है| शरीर के विभिन्न अंगों पर स्थिति के अनुसार यह शुभ और अशुभ परिणाम देते हैं। तिल के अध्ययन से हम शरीर के विभिन्न भागों में बने तिलों के बारे में समझ पाते हैं। कई तिल तो शरीर में जन्मजात होते हैं लेकिन कई तिल ऐसे भी होते हैं जो कि हमारे जीवन काल में उत्पन्न होते हैं और गायब भी हो जाते हैं तथा इनका रंग व आकार भी बदलता रहता है। यह भाग्य में बदलाव का संकेत देते हैं।

सामुद्रिकशास्त्र के अनुसार यह तिल मानव जीवन के कई रहस्यों से पर्दा उठाते हैं। आज यहां जानें, जीवन में क्या है तिलों का महत्व और शरीर के अंगो पर पाए जाने वाले तिल को लेकर क्या कहती हैं मान्यताएं, कुछ लोग तिल को शुभ मानते हैं तो कुछ लोग तिल में अपना चमकता हुआ भाग्य तलाशते हैं. लेकिन सच्चाई तो ये है कि हर तिल कुछ कहता है. आमतौर पर तो तिल काले ही होते हैं लेकिन कुछ लोगों में तिल के निशान लाल भी होते हैं, आइए जानते हैं, शरीर पर मौजूद उन तिलों के बारे में जो आपको शुभ लाभ मिलने के सूचक होते हैं।

तिलों में आकार का महत्व-

छोटे तिल- वह तिल जो कि इतने छोटे होते हैं कि उनको साधारणतया देखा नहीं जा सकता, ज्यादा प्रभाव नहीं डालते हैं।

बडे़ तिल- बडे़ तिल जातक के जीवन को विषेष रूप से प्रभावित करते हैं।

लम्बे तिल- लम्बे तिल प्रायः अच्छे परिणाम देते हैं।

हल्के रंग के तिल- हल्के रंग के तिल प्रायः शुभ होते हैं। लाल रंग के तिल या शहद के रंग के या हरे रंग के तिल सामान्यतः भाग्य में शुभता के सूचक होते हैं।

काले तिल- प्रायः अच्छे माने जाते हैं। लेकिन अधिक बड़े, और अधिक काले तिल इच्छित परिणाम के रास्ते में बाधक होते हैं।

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मानव शरीर में तिलों का महत्व-

  • ललाट के मध्य भाग में तिल का होना निर्मल प्रेम व धन वृद्धि की निशानी है। ललाट के दाहिने तरफ का तिल किसी विषय विशेष में निपुणता, किंतु बायीं तरफ का तिल फिजूलखर्ची का प्रतीक होता है। लेकिन स्त्रियों में बायीं ओर का तिल शुभ फल देता है।
  • यदि दोनों भौहों पर तिल हो तो जातक अकसर यात्रा करता रहता है। दाहिनी पर तिल सुखमय और बायीं पर तिल दुखमय दांपत्य जीवन का संकेत देता है।
  • कान के पास वाले हिस्से में यदि किसी पुरुष के दाईं तरफ तिल है तो यह एक शुभ चिह्न है। इस तिल के होने का मतलब है कि आपको जीवन में विभिन्न तरह की भौतिक सुख सुविधाएं और खुशियां मिलने वाली हैं।
  • स्त्रियों के बाएं गाल पर स्थित तिल पुत्र दायक होता है तथा बुढ़ापे में संतान सुख भी मिलता है। यदि तिल भौहों की नोक या माथे पर होता है तो स्त्री को राजपद की प्राप्ति होती है। नाक के अग्रभाग में स्थित तिल स्त्री को परम सुख की भागी बनाता है।
  • दायीं पुतली पर तिल हो तो व्यक्ति के विचार उच्च होते हैं। बायीं पुतली पर तिल वालों के विचार कुत्सित होते हैं। पुतली पर तिल वाले लोग सामान्यत: भावुक होते हैं।
  • आंख की पलकों पर तिल हो तो जातक संवेदनशील होता है। दायीं पलक पर तिल वाले बायीं वालों की अपेक्षा अधिक संवेदनशील होते हैं।
  • दायीं आंख पर तिल स्त्री से मेल होने का एवं बायीं आंख पर तिल स्त्री से अनबन होने का आभास देता है।
  • नाक पर तिल हो तो व्यक्ति प्रतिभासंपन्न और सुखी होता है। महिलाओं की नाक पर तिल उनके सौभाग्यशाली होने का सूचक है।
  • होंठ पर तिल वाले व्यक्ति बहुत प्रेमी हृदय होते हैं। यदि तिल होंठ के नीचे हो तो गरीबी छाई रहती है।
  • गाल पर लाल तिल शुभ फल देता है। बाएं गाल पर कृष्ण वर्ण तिल व्यक्ति को निर्धन, किंतु दाएं गाल पर धनी बनाता है।
  • जिस स्त्री की ठोड़ी पर तिल होता है, उसमें मिलनसारिता की कमी होती है।
  • गले पर तिल वाला जातक आरामतलब होता है। गले के आगे के भाग में तिल वाले जातक के मित्र बहुत होते हैं जबकि गले पर पीछे तिल होना जातक के कर्मठ होने का सूचक है। गले के पीछे स्थित तिल व्यक्ति को सौभाग्यषाली बनाते हैं लेकिन कंधे और गर्दन के जोड़ पर स्थित तिल का फल शुभ नहीं होता है। कानों पर स्थित तिल विद्या व धनदायक होते हैं।
  • दाएं कंधे पर तिल का होना दृढ़ता तथा बाएं कंधे पर तिल का होना तुनकमिजाजी का सूचक होता है।
  • ऐसे तिल वाला जातक प्रतिष्ठित व बुद्धिमान होता है। लोग उसका आदर करते हैं।
  • बायीं भुजा पर तिल हो तो व्यक्ति झगड़ालू होता है। उसका सर्वत्र निरादर होता है। उसकी बुद्धि कुत्सित होती है।
  • हाथ की उंगलियों के मध्य स्थित तिल जातक को सौभाग्यशाली बनाते हैं। अंगूठे पर तिल जातक को कार्यकुशल, व्यवहार कुशल तथा न्यायप्रिय बनाता है। तर्जनी पर तिल जातक को विद्यावान, गुणवान, धनवान लेकिन शत्रु से पीड़ित बनाता है। मध्यमा पर तिल शुभ फलदायी होता है। जातक का जीवन सुखी व शांतिपूर्ण होता है। अनामिका पर तिल जातक को विद्वान, यशस्वी, धनी और पराक्रमी बनाता है जबकि कनिष्ठा पर तिल जातक को सम्पत्तिवान तो बनाता है लेकिन जीवन में शांति की कमी रहती है। हथेली के मध्य में तिल धन प्राप्त कराते हैं। बांह में कोहनी के नीचे स्थित तिल शुभ होता है। यह शत्रु नाशक होता है। परंतु कलाई पर स्थित तिल अशुभ होता है। भविष्य में जेल की सजा हो सकती है। हाथ की त्वचा पर स्थित तिल शुभफलदायी होते हैं।
  • सूर्य पर्वत मतलब रिंग फिंगर के नीचे के क्षेत्र पर तिल हो तो व्यक्ति समाज में कलंकित होता है। किसी की गवाही की जमानत उल्टी अपने पर नुकसान देती है। नौकरी में पद से हटाया जाना और व्यापार में घाटा होता है। मान- सम्मान पर प्रभावित होता है और नेत्र संबंधित रोग तंग करते हैं।
  • बुध पर्वत यानी लिटिल फिंगर के नीचे के क्षेत्र पर तिल हो तो व्यक्ति को व्यापार में हानि उठानी पड़ती है। ऐसा व्यक्ति हिसाब-किताब व गणित में धोखा खाता है और दिमागी रूप से कमजोर होता है।
  • छाती पर दाहिनी ओर तिल का होना शुभ होता है। ऐसी स्त्री पूर्ण अनुरागिनी होती है। पुरुष भाग्यशाली होते हैं। शिथिलता छाई रहती है। छाती पर बायीं ओर तिल रहने से भार्या पक्ष की ओर से असहयोग की संभावना बनी रहती है। छाती के मध्य का तिल सुखी जीवन दर्शाता है। यदि किसी स्त्री के हृदय पर तिल हो तो वह सौभाग्यवती होती है।
  • यदि किसी व्यक्ति की कमर पर तिल होता है तो उस व्यक्ति की जिंदगी सदा परेशानियों से घिरी रहती है।
  • पीठ पर तिल हो तो जातक भौतिकवादी, महत्वाकांक्षी एवं रोमांटिक हो सकता है। वह भ्रमणशील भी हो सकता है। ऐसे लोग धनोपार्जन भी खूब करते हैं और खर्च भी खुलकर करते हैं। वायु तत्व के होने के कारण ये धन संचय नहीं कर पाते।
  • पेट पर तिल होने से जातक भोजन का शौकीन होता है। लेकिन नाभि के आसपास स्थित तिल जातक को धन-समृद्धि दिलाते हैं। यदि तिल नाभि से थोड़ा नीचे है तो जातक को कभी भी धन का अभाव नहीं होता है।
  •  पीठ पर तिल जातक को महत्वाकांक्षी, भौतिकवादी प्रवृत्ति देता है। जातक रोमांटिक स्वभाव का तथा भ्रमणषील होता है। ऐसे जातक धन खूब कमाते हैं तथा खर्चा भी खूब करते हैं । पेट पर तिल हो तो व्यक्ति चटोरा होता है। ऐसा व्यक्ति भोजन का शौकीन व मिष्ठान्न प्रेमी होता है। उसे दूसरों को खिलाने की इच्छा कम रहती है।
  • दाहिने घुटने पर तिल होने से गृहस्थ जीवन सुखमय और बायें पर होने से दांपत्य जीवन दुखमय होता है।
  • पैरों पर तिल हो तो जीवन में भटकाव रहता है। ऐसा व्यक्ति यात्राओं का शौकीन होता है। दाएं पैर पर तिल हो तो यात्राएं सोद्देश्य और बाएं पर हो तो निरुद्देश्य होती हैं।
  • समुद्र विज्ञान के अनुसार जिनके पांवों में तिल का चिन्ह होता है उन्हें अपने जीवन में अधिक यात्रा करनी पड़ती है। दाएं पांव की एड़ी अथवा अंगूठे पर तिल होने का एक शुभ फल यह माना जाता है कि व्यक्ति विदेश यात्रा करेगा। लेकिन तिल अगर बायें पांव में हो तो ऐसे व्यक्ति बिना उद्देश्य जहां-तहां भटकते रहते हैं।

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