शनि की मकर राशि में वक्री चाल, जानिए क्या होगा आपकी राशि का हाल

By: Future Point | 14-May-2020
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शनि की मकर राशि में वक्री चाल, जानिए क्या होगा आपकी राशि का हाल

न्याय के कारक शनिदेव 11 मई सोमवार से अगले 142 दिनों के लिए मकर राशि में वक्री होने जा रहे हैं। शनिदेव 29 सितंबर 2020 तक वक्री गति में रहेंगे। शनि उत्तराषाढ़ा नक्षत्र जो कि सूर्य का नक्षत्र उस में वक्री रहेंगे। सूर्य शनि में आदर्श शत्रुता है। आज शनिदेव अपनी राशि में तो हैं लेकिन अपनी राशि में पीछे वक्री हो रहे हैं। शनि के वक्री होने से कुछ लोगों की परेशानियां बढ़ जाती हैं। शनि की मार उन लोगों पर सबसे ज्यादा होती है जिन जातकों पर शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या और महादशा चल रही हो। शनि न्यायधीश हैं, और न्यायलय में जो केश अब आएंगे वह रौवरी, हत्या, लूट-पाट, व्यभिचार, अत्याचार, एक-दूसरे के साथ विश्वासघात, पैसा खा जाना, आत्महत्या ऐसे केश ज्यादा आएंगे। 

शनि रोग के मूल कारक हैं  और शनि का २९ सितम्बर २०२० तक वक्री होना कोरोनावायरस नामक महामारी को बहुत तेजी से फैलाने का काम करेगा। शनि सम्बंधित व्यापार और नौकरी खतरे में आने वाली है। जिससे दुनिया का वायलेंस खतरे में पड़ जायेगा। आम तौर पर आपने देखा होगा, आयरन, पैट्रोल ऑइल, विल्डिंग मैटीरियल, ट्रांसपोरोटेसन, विल्डिंग कंस्ट्रक्शन, प्रॉपर्टीज, ऑटो मोबाईल का बिजनेस, मशीनरी, धातु से संबंधित व्यापार, उद्योग,  कैमिकल, अधिक परिश्रम करने वाले कार्य, कारखाना, वकालत, अस्पताल, चमड़ा, सीमेंट, भट्टी, लकड़ी, रबर इन सब चीजों में शनि की भूमिका है। इन पर शनिदेव राज करते हैं। इस समय  इन सभी कार्यों में हानि होने की स्थितियां हैं। इस दौरान सभी राशियों में इनका प्रभाव पड़ने वाला है। शनि को न्याय का देवता भी कहा जाता है जो जातक को उसके कर्म के हिसाब से फल देते हैं। आइये जानते हैं शनि के वक्री होने का प्रभाव हम पर कैसा पड़ेगा।

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मेष राशि (Aries)

इस दौरान मेष राशि वालों के लिए वक्री होकर शनिदेव दशवें भाव में गोचर करेंगे| यह भाव विशेष रूप से कर्म को दर्शाता है, और शनि भी कर्म के ही स्वामी हैं| लेकिन शनि का वक्री होना मेष राशि वालों के लिए परेशानियां ला सकता है परंतु आप अपने कार्यों को करने के लिए उत्साहित भी रहेंगे। इस समय आपको अपने कार्य को पूरी ईमानदारी के साथ करना होगा। जिसका लाभ आपको अवश्य मिलेगा। दूसरों के विवाद में पड़ने से बचें। सेहत का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। शनि के वक्री होने की वज़ह से नये कामों में कुछ रुकावटें आ सकती हैं| प्रेम संबंधों के लिए यह समय बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता|

उपाय-

  • "शिव पञ्चाक्षरि" तथा महा मृत्युंजय मंत्र को पढ़ते हुए भगवान शिव की पूजा करें, और शिवलिंग पर जलाभिषेक करें|

वृषभ राशि (Taurus)

इस दौरान वृषभ राशि वालों के लिए वक्री होकर शनिदेव नौवें भाव में गोचर करेंगे, नौवें भाव का सम्बन्ध विशेष रूप से व्यक्ति के भाग्य से होता है| शनि आपके भाग्य स्थान में वक्री होकर गोचर करेंगे| लेकिन वृषभ राशि में शनि का वक्री होकर मकर राशि में जाना कुछ ठीक संकेत नहीं है। इस अवधि के दौरान आपको धन संबंधित फैसले लेते समय सावधान रहना होगा। किसी गलत तरीके से धन कमाने की कोशिश न करें। इस समय आपको अपने व्यापार व कार्य पर ध्यान देना होगा। किसी भी तरह की चूक आपके लिए नुकसान देह साबित हो सकती है।

उपाय-

  • शनिवार के दिन जल में कच्चा दूध मिलकर पीपल की जड़ में अर्पित करें|
  • शिव चालिसा का पाठ 41 दिनों तक लगातार करें|

मिथुन राशि (Gemini)

इस दौरान मिथुन राशि वालों के लिए वक्री होकर शनिदेव आठवें भाव में गोचर करेंगे| इस राशि पर शनि की ढैया चल रही है, इसलिए प्रत्येक कार्य को सोच समझ कर करें, इस समय के दौरान आलस्य से बचें, नौकरी में विवादास्पद स्थितियों से स्वयं को दूर रखें| गुप्त विद्याओं में रूचि तथा पुराने धन की प्राप्ति होगी, इस दौरान दुर्घटना होने की संभावना है| विशेष सावधानी बरतें| लंबे समय से चले आ रहे ज़मीन-जायदाद के मामलों का निपटारा होने आसार हैं| धन के मामले में फैसले सोच समझकर लें और सेहत का विशेष ध्यान रखें।

उपाय-

  • उड़द मिली रोटी काले कुत्ते को शनिवार के दिन खिलाएँ।
  • मीट्टी के बर्तन में सरसों के तेल का दान करें

कर्क राशि (Cancer)

इस दौरान कर्क राशि वालों के लिए वक्री होकर शनिदेव सातवें भाव में गोचर करेंगे| सप्तम भाव से शनि लग्न को दृष्ट करेंगे| जिसके कारण इस दौरान आपके प्रत्येक कार्य में विलम्ब की स्थिति रहेगी| और आप अधिक आलस्य करेंगे| व्यवसाय और पारिवार से जुड़े कुछ मुद्दे अचानक से आपके लिए एक बड़ी समस्या का कारण बन सकते हैं, इस दौरान किसी महिला मित्र की वज़ह से आपको फायदा होगा| इस समय आपको आंखे, कंधे हड्डियों से संबंधित रोग परेशान कर सकते हैं, शनि का वक्री होना आपकी सेहत के लिए सही नहीं है। आपको अपने सेहत का विशेष ख्याल रखना होगा। और कुछ मानसिक तनाव भी बना रहेगा| क्रोध अधिक रह सकता है, जिसके कारण सहयोगी और साझेदारों के साथ अनबन अधिक रहने वाली है| 

उपाय-

  • सोमवार के दिन शिवलिंग पर पंचामृत से अभिषेक करें|
  • माता का सम्मान करें और उन्हें कुछ वस्तुएं भेंट दीजिए|

सिंह राशि (Leo)  

इस दौरान सिंह राशि वालों के लिए वक्री होकर शनिदेव छठे भाव में गोचर करेंगे| इस गोचर के दौरान आप अपने विरोधियों से डटकर सामना कर पाने में सफल होंगे, गुप्त शत्रु इस समय बलवान होकर मानसिक परेशानियां देंगे, पर आपको हरा नहीं पाएंगे| स्वास्थ्य का ध्यान रखना आपके लिए अतिआवश्यक है| इस अवधि में आपको अपने व्यापार व कार्य पर पूरी एकाग्रता व ईमानदारी के काम करना होगा। धन संबंधित मामलों के निर्णय सोच-समझकर लें| लीवर, किडनी, डायबिटिक के रोग परेशान कर सकते हैं|  खर्च भी अधिक रहने वाले हैं|

उपाय-

  • अमावस्या के दिन खीर का दान करें|
  • शनिवार और बुधवार के दिन शिवलिंग का शहद से अभिषेक करना श्रेयकर रहेगा|

कन्या राशि (Virgo)

इस दौरान कन्या राशि वालों के लिए वक्री होकर शनिदेव आपकी राशि से पांचवें भाव में गोचर करेंगे| जिसके चलते  व्यवसाय सामान्य रहेगा| किसी नए बिज़नेस की शुरुआत करने जा रहें हैं, तो अच्छी तरह से विचार-विमर्श ज़रुर कर लें| इस समय कुछ पुराने दोस्तों के साथ विवाद भी उभर सकता है| शिक्षा की दृष्टि से इस गोचर के दौरान अच्छे परिणाम घटित होंगे| जो लोग प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में लगे थे उन्हें भी इस दौरान कोई शुभ समाचार मिलने की संभावना है। इस राशि के विवाहित जातकों को संतान के स्वास्थ्य का इस समय विशेष ध्यान रखना होगा। नौकरी में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है| पेट से सम्बंधित परेशानियां व घर के बड़े-बुजुर्गों का स्वास्थ्य खराब हो सकता है|

उपाय-  

  • शनिवार के दिन काला अथवा नीला कंबल ज़रूरतमंद को दान करें|

तुला राशि (Libra)

इस दौरान तुला राशि वालों के लिए वक्री होकर शनिदेव आपकी राशि से चौथे भाव में गोचर करेंगे| इस दौरान आपकी राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है| जिसके कारण आपको मानसिक परेशानियों से गुजरना पड़ सकता है, नौकरी में कार्य का दबाव अधिक रहेगा| पारिवारिक कारणों से भी व्यवसायिक स्थल पर परेशानियां आ सकती हैं| ऐसे में आपको विशेष सावधान रहना होगा। किसी भी तरह का फैसला लेने से पहले आपको विचार करना चाहिए। शनि के वक्री होने से माता या भाई बहनों के साथ मतभेद हो सकता है, पेट और त्वचा संबंधी रोग परेशान कर सकते हैं|

उपाय-

  • प्रतिदिन दशरथकृत शनि स्तोत्र का पाठ करें|
  •  नदी के किनारे पीपल का पेड़ लगाये,

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वृश्चिक राशि (Scorpio)

इस दौरान वृश्चिक राशि वालों के लिए वक्री होकर शनिदेव आपकी राशि से तीसरे भाव में गोचर करेंगे| इस समय आपको अपने विवेक से काम लेना होगा। शनि का वक्री होना आपके न्यायिक कार्य में कुछ बाधा उत्पन्न कर सकता है। इसके साथ ही कार्य स्थल पर भी आपको कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आपको अपना कार्य पूरी श्रद्धा से करना होगा। आप अपने स्वबाहुबल से अपनी नौकरी व व्यवसाय में प्रगति करेंगे, किसी काम को परिपूर्ण करने के लिए आलस का त्याग बेहद जरूरी है,

उपाय-

  • मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करें|
  • मंगलवार और शनिवार के दिन गुड़ व चने गरीबों और मजदूरों में बांटें|

धनु राशि (Sagittarius)

इस दौरान धनु राशि वालों के लिए वक्री होकर शनिदेव आपकी राशि से दूसरे भाव में गोचर करेंगे| आपके ऊपर शनि साढ़ेसाती की दूसरी ढैया चल रही है| इस समय मानसिक तनाव थोड़ा अधिक  रहेगा| कुछ लाभ भी होगा जिसका उपयोग आप अपने कर्ज एवं अपने रुके हुए कामों को पूरा करने के लिए कर सकते हैं| इस दौरान कोई भी कार्य शुरु करना चाहें तो विशेष सतर्कता और मेहनत के साथ कार्य करें, तभी यह शनि आपको सफलता दिलाएगा| आपको कुछ पैसों की तंगी का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए सोच समझ कर खर्च करें| कोई फैसला लेने से पहले अच्छी तरह विचार करें, किसी के बारे में बुरा न सोचें, स्वास्थ्य का ध्यान रखें|

 उपाय-

  • विष्णु भगवान का पूजन करें|
  • गरीबों को चने की दाल से बनी खिचड़ी खिलाएं|

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मकर राशि (Capricorn)

इस दौरान मकर राशि वालों के लिए वक्री होकर शनिदेव उनकी ही राशि में गोचर करेंगे| शनि आपके राशि स्वामी हैं। ऐसे में आपको कुछ राहत मिल सकती है। व्यापार के लिए यह गोचर कुछ नए अवसर लेकर आएगा, और आर्थिक स्थिति में भी कुछ सुधार होगा, लेकिन लाभ से अधिक खर्चे बढ़ेंगे, और मानसिक तनाब भी  बना रहेगा, जिस वजह से आपका स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है| आपको डायबिटीज, लीवर या अस्थमा जैसी बीमारियां परेशान कर सकती हैं| यदि आप पार्टनरशिप में बिज़नेस कर रहे हैं, तो बिजनेस पार्टनर से थोड़ा सावधान रहें|

उपाय-

  • मंगलवार और शनिवार के दिन सुंदरकाण्ड का पाठ करें|
  • शनिवार के दिन गरीबों को कंबल, चप्पल और कपड़े का दान करें|
  • सरसों का तेल दान करें। 

कुंभ राशि (Aquarius)

इस दौरान कुंभ राशि वालों के लिए वक्री होकर शनिदेव उनकी ही राशि से बारहवें में गोचर करेंगे| इस दौरान व्यवसाय में किसी बड़े निवेश के लिए सोच समझ कर ही आगे बढ़ें| नौकरी को बदलने के लिए यह समय बेहतर नही है| इस समय अवधि में व्यर्थ की भागदौड़ और वाद विवाद उभर सकते हैं, किसी कानूनी वाद-विवाद में भी उलझ सकते हैं| नये कार्य को करने से पहले किसी सीनियर की सलाह अवश्य लें| पार्टनर को पूर्णरूप से समय नहीं दे पाने के कारण गलतफहमियां बढ़ सकती हैं, वैवाहिक कार्यों में शनि का सहयोग मिलेगा| घुटनों के रोग तथा आँखों से संबंधित रोग परेशान कर सकते हैं, और चोट इत्यादि लगने का भय रहेगा| आमदनी से अधिक खर्च होंगे|

उपाय-

  • सात मुखी रुद्राक्ष धारण करें,  और काले रंग की गाय की सेवा करें|
  • शनिवार को साबुत उडद किसी भिखारी को दान करें|

मीन राशि (Pisces)

इस दौरान मीन राशि वालों के लिए वक्री होकर शनिदेव उनकी राशि से ग्याहरवें भाव में गोचर करेंगे| शनि का वक्री होना आपके सेहत के लिए ठीक नहीं है ऐसे में आपको सावधान रहना होगा। खान पान पर विशेष ध्यान दें। डेली रूटीन में आपको कुछ बदलाव करना पड़ सकता है। आपको अपने संतान पक्ष से कुछ तनाव का सामना करना पड़ सकता है। करियर में भी कुछ दिक्कतें आ सकती है। काम से मन उठ सकता है। अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें लापरवाही परेशानी पैदा कर सकती है| आपको अपना धैर्य बना कर रखना होगा।

उपाय-

  • हनुमान जी के मंदिर में बैठकर राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करें,
  • तेल का दीपक पीपल के वृक्ष के नीचे जलाएं|

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