नवरात्री के सातवें दिन इस प्रकार कीजिए मां कालरात्रि की पूजा आराधना। | Future Point

नवरात्री के सातवें दिन इस प्रकार कीजिए मां कालरात्रि की पूजा आराधना।

By: Future Point | 16-Sep-2019
Views : 4985
नवरात्री के सातवें दिन इस प्रकार कीजिए मां कालरात्रि की पूजा आराधना।

नवरात्रि के सातवें दिन माता दुर्गा के कालरात्रि स्वरूप की पूजा की जाती है, देवी का यह रूप ऋद्धि-सिद्धि प्रदान करने वाला है, नवरात्री के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा करके हम अपने क्रोध पर विजय पाना सीखते हैं, कालरात्रि साधक को ज्ञान देती हैं कि अपने क्रोध का उपयोग स्वयं की सफलता के लिए कैसे करना है।

मां कालरात्रि की पूजा का विशेष महत्व-

सप्तमी की पूजा सुबह में अन्य दिनों की तरह ही होती है परंतु रात्रि में विशेष विधान के साथ देवी की पूजा की जाती है,पंडालों में जहां मूर्ति लाकर माता की पूजा की जाती है वहां पर सप्तमी तिथि के दिन सुबह माता को नेत्र प्रदान किए जाते हैं और माता आपने भक्तों को प्रथम दर्शन देती हैं और अपने भक्तों को कृपादृष्टि बरसाती हैं, दुर्गा पूजा का सातवां दिन तंत्र क्रिया की साधना करने वाले भक्तों के लिए अति महत्वपूर्ण होता है, सप्तमी पूजा के दिन तंत्र साधना करने वाले साधक मध्य रात्रि में देवी की तांत्रिक विधि से पूजा करते हैं, इस दिन मां की आंखें खुलती हैं, दुर्गा पूजा में सप्तमी तिथि का काफी महत्व बताया गया है।


Book Now! Navratri Puja


मां कालरात्रि का स्वरूप-

मां कालरात्रि का स्वरूप देखने में अत्यंत भयानक है, इनका वर्ण अंधकार की भांति काला और केश बिखरे हैं, मां कालरात्रि के तीन नेत्र ब्रह्मांड की तरह विशाल व गोल हैं, जिनमें से बिजली की भांति किरणें निकलती रहती हैं, मां कालरात्रि का यह भय उत्पन्न करने वाला स्वरूप केवल पापियों का नाश करने के लिए है, अपने भक्तों पर मां स्नेह की वर्षा करती हैं, कालरात्रि माता को काली का रूप भी माना जाता है, इनकी उत्पत्ति देवी पार्वती से हुई है।

मां कालरात्रि की उत्पत्ति की कथा-

पौराणिक कथा के अनुसार दैत्य शुंभ-निशुंभ और रक्तबीज ने तीनों लोकों में हाहाकार मचा रखा था, इससे चिंतित होकर सभी देवतागण शिव जी के पास गए, शिव जी ने देवी पार्वती से राक्षसों का वध कर अपने भक्तों की रक्षा करने को कहा, शिव जी की बात मानकर पार्वती जी ने दुर्गा का रूप धारण किया और शुंभ-निशुंभ का वध कर दिया, परंतु जैसे ही दुर्गा जी ने रक्तबीज को मारा उसके शरीर से निकले रक्त से लाखों रक्तबीज उत्पन्न हो गए, इसे देख दुर्गा जी ने अपने तेज से कालरात्रि को उत्पन्न किया, इसके बाद जब दुर्गा जी ने रक्तबीज को मारा तो उसके शरीर से निकलने वाले रक्त को कालरात्रि ने अपने मुख में भर लिया और सबका गला काटते हुए रक्तबीज का वध कर दिया।

मां कालरात्रि की पूजा विधि-

  • सर्वप्रथम कलश की पूजा करनी चाहिए।
  • इसके पश्चात नवग्रह, दशदिक्पाल, देवी के परिवार में उपस्थित देवी देवता की पूजा करनी चाहिए ।
  • इसके पश्चात मां कालरात्रि की पूजा करनी चाहिए।
  • देवी की पूजा से पहले उनका ध्यान करना चाहिए।
  • दुर्गा पूजा का सातवां दिन तांत्रिक क्रिया की साधना करने वाले भक्तों के लिए अति महत्वपूर्ण होता है।
  • सप्तमी पूजा के दिन तंत्र साधना करने वाले साधक मध्य रात्रि में देवी की तांत्रिक विधि से पूजा करते हैं।
  • इस दिन मां की आंखें खुलती हैं. षष्ठी पूजा के दिन जिस विल्व को आमंत्रित किया जाता है उसे आज तोड़कर लाया जाता है और उससे मां की आंखें बनती हैं।
  • दुर्गा पूजा में सप्तमी तिथि का काफी महत्व बताया गया है. इस दिन से भक्त जनों के लिए देवी मां का दरवाजा खुल जाता है और भक्तगण पूजा स्थलों पर देवी के दर्शन हेतु पूजा स्थल पर जुटने लगते हैं।
  • सप्तमी की पूजा सुबह में अन्य दिनों की तरह ही होती लेकिन रात में विशेष विधान के साथ देवी की पूजा की जाती है।
  • इस दिन अनेक प्रकार के मिष्टान और कहीं कहीं तांत्रिक विधि से पूजा होने पर मदिरा भी देवी को अर्पित किया जाता है।
  • सप्तमी की रात ‘सिद्धियों’ की रात भी कही जाती है. कुण्डलिनी जागरण हेतु जो साधक साधना में लगे होते हैं वो इस दिन सहस्त्रसार चक्र का भेदन करते हैं.

Book Now! Online Puja


मां कालरात्रि का ध्यान मन्त्र-

मां कालरात्रि का मंत्रः ॐ कालरात्रि देव्ये नमः , इस मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए।

मां कालरात्री की पूजा करने वालों को इस मंत्र का जप करना चाहिए

‘एकवेणी जपाकर्ण, पूरा नग्ना खरास्थिता. लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी, तैलाभ्यक्तशरीरिणी
वामपादोल्लसल्लोह, लताकंटकभूषणा वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा, कालरात्रिभयंकरी’

मां कालरात्रि के मंत्र-

या देवी सर्वभू‍तेषु मां कालरात्रि रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:



View all

2023 Prediction


2023-rashifal

Subscribe Now

SIGN UP TO NEWSLETTER
Receive regular updates, Free Horoscope, Exclusive Coupon Codes, & Astrology Articles curated just for you!

To receive regular updates with your Free Horoscope, Exclusive Coupon Codes, Astrology Articles, Festival Updates, and Promotional Sale offers curated just for you!

Download our Free Apps

astrology_app astrology_app

100% Secure Payment

100% Secure

100% Secure Payment (https)

High Quality Product

High Quality

100% Genuine Products & Services

Help / Support

Help/Support

Trust

Trust of 36 years

Trusted by million of users in past 36 years