लाल किताब से जानिए कि आपके जीवन में गृहस्थ सुख है या नहीं, और करें ये उपाय
By: Future Point | 08-Apr-2020
Views : 9353
आज के समय में पति-पत्नी में तकरार और अविश्वास लगभग हर गृहस्थी में प्रवेश करता जा रहा है। वास्तव में हम सुखी दाम्पत्य के तीन मूल सूत्रों को भूलते जा रहे हैं ये सूत्र हैं आदर, विश्वास और प्रेम। सभी चाहते हैं कि दाम्पत्य सुखी रहे। इसके लिए खूब कोशिश भी की जाती है। सुख दाम्पत्य का मूल स्वभाव है। हम जितने प्रेम से भरे होंगे, परिवार में सुख की संभावना उतनी ही बढ़ जाती है। पति-पत्नी को अपना संबंध ठीक प्रकार से चलाने के लिए यह आवश्यक है कि वह एक-दूसरे पर पूर्ण विश्वास करें| विवाह एक सुखद अनुभूति है, जिसके आनंद की प्राप्ति के लिये प्रत्येक मानव उत्सुक रहता है। लेकिन आज के भाग-दौड़ से भरे समय में पति- पत्नी दाम्पत्य जीवन के सुख से काफी दूर जाते हुए नजर आ रहे हैं। तनाव पति- पत्नी के मध्य आम बात बनती जा रही है, जिसके चलते वैवाहिक जीवन में नई-नई परेशानियां घर करती जा रही हैं। पति- पत्नी के मध्य टकराव ही वैवाहिक जीवन के लिए अभिशाप बनता है। जहां पर ईगो का टकराव न हो, वहां पर वैवाहिक जीवन निरंतर सफलता के साथ चलता है।
गृहस्थ सुख का अर्थ है कि दाम्पत्य जीवन में रहकर सभी तरह के सुख भोगना। गृहस्थ सुख के विषय में लाल किताब की अपनी मान्यताएं हैं, ज्योतिष की इस विधा में दाम्पत्य जीवन के सुख के विषय में कई योगों का उल्लेख किया गया है, इनके अनुसार विवाह और वैवाहिक सुख के लिए शुक्र सबसे अधिक जिम्मेवार होता है, इस विषय में लाल किताब और भी बहुत कुछ कहती है,यह संभव होता है शुक्र की अच्छी स्थिति से। शुक्र, भोग-विलास, दाम्पत्य सुख, सांसारिक सुख, प्रेम, मनोरंजक, व्यवसाय, पत्नी का कारक ग्रह है। प्रमेह, मूत्राशय, चर्म, सेक्स संबंधी बीमारी से इसका सीधा संबंध है। आइये जानते हैं कि लाल किताब इस संबंध में क्या कहती है।
लाल किताब पीड़ित शुक्र | Lal Kitab Suffering Venus-
लाल किताब के अनुसार शुक्र जन्म कुण्डली में कमजोर हो तो स्त्री सुख में कमी आती है| राहु अगर सूर्य के साथ योग बनाता है तो शुक्र मंदा हो जाता है जिसके कारण आर्थिक परेशानियों के साथ साथ स्त्री सुख भी बाधित होता है| लाल किताब में लग्न, चतुर्थ, सप्तम एवं दशम भाव को बंद मुट्ठी का घर कहा गया है, इन भाव के अतिरिक्त किसी भी अन्य भाव में शुक्र और बुध एक दूसरे के आमने-सामने बैठे हों तो शुक्र पीड़ित होकर मन्दा प्रभाव देने लगता है, इस स्थिति में शुक्र यदि द्वादश भाव में होता है तो मन्दा फल नहीं देता है, कुण्डली में खाना संख्या 1 अर्थात लग्न भाव में शुक्र हो और सप्तम में राहु तो शुक्र को मंदा करता है जिसके कारण दाम्पत्य जीवन का सुख नष्ट होता है| लाल किताव के अनुसार ग्रह अगर एक दूसरे से छठे और आठवें घर में होते हैं तो टकराव की स्थिति बनती है| सूर्य और शनि कुण्डली में टकराव के ग्रह बनते हैं तब भी शुक्र मंदा फल देता है जिससे गृहस्थी का सुख प्रभावित होता है, पति पत्नी के बीच वैमनस्य और मनमुटाव रहता है|
Leostar Professional
Future Point has created astrology softwares for windows.
Get Your Software
लाल किताब पीड़ित मंगल | Lal Kitab Suffering Mars-
मंगल के पीड़ित होने से भी वैवाहिक जीवन का सुख नष्ट हो जाता है| कुण्डली में मंगल 1, 4, 7, 8 और खाना संख्या 12 में उपस्थित हो तो मांगलिक दोष बनाता है, इस दोष के कारण पति-पत्नी में सामंजस्य की कमी रहती है, एक दूसरे से वैमनस्य रहता है, जीवनसाथी का स्वास्थ्य प्रभावित होता है| लाल किताब के अनुसार अगर कुण्डली में मंगल दोषपूर्ण हो तो विवाह के समय घर में भूमि खोदकर उसमें तंदूर या भट्ठी नहीं लगानी चाहिए, इस स्थिति में व्यक्ति को मिट्टी का खाली पात्र बहते पानी मे प्रवाहित करना चाहिए| अगर आठवें खाने में मंगल पीड़ित है तो किसी विधवा स्त्री से आशीर्वाद लेना चाहिए, कन्या की कुण्डली में अष्टम भाव में मंगल है तो रोटी बनाते समय तबे पर ठंडे पानी के छींटे डालकर रोटी बनानी चाहिए|
सुखयम गृहस्थी के लिए लाल किताब के टोटके | Lal Kitab Totke-
- लाल किताब के अनुसार जन्मपत्री में शुक्र मंदा होने पर व्यक्ति को 25 वर्ष से पूर्व विवाह नहीं करना चाहिए|
- सूर्य और शुक्र के योग से शुक्र मंदा होने पर व्यक्ति को कान छिदवाना चाहिए, संयम का पालन करना चाहिए|
- कांटेदार फूलों को घर के अंदर गमले में नहीं लगाना चाहिए इससे भी पारिवारिक जीवन अशांत होता है. विवाह के पश्चात स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानियां बढ़ने पर कपिला गाय के दूध का दान करना चाहिए. जीवनसाथी को सोने का कड़ा पहनाने से भी लाभ मिलता है|
- कुण्डली में शुक्र से छठे खाने में बैठे ग्रह का उपाय करने से दाम्पत्य जीवन में खुशहाली आती है, इस उपाय से पति पत्नी के बीच वैचारिक मतभेद भी दूर होता है और आपसी सामंजस्य स्थापित होता है,
- सुखमय वैवाहिक जीवन के लिए पति-पत्नी को अपने सोने की चारपायी के सभी पायों में शुक्रवार के दिन चांदी की कील ठोंकनी चाहिए,
- परायी स्त्रियों से सम्पर्क नहीं रखना चाहिए. दाम्पत्य जीवन में परस्पर प्रेम और सामंजस्य की कमी होने पर शुक्रवार के दिन जीवनसाथी को सुगंधित फूल देना चाहिए|
- दाम्पत्य जीवन में परस्पर प्रेम और सामंजस्य की कमी होने पर शुक्रवार के दिन जीवनसाथी को सुगंधित फूल देना चाहिए। कांटेदार फूलों को घर के अंदर गमले में नहीं लगाना चाहिए इससे भी पारिवारिक जीवन अशांत होता है।
- विवाह के पश्चात स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानियां बढ़ने पर कपिला गाय के दूध का दान करना चाहिए| जीवनसाथी को सोने का कड़ा पहनाने से भी लाभ मिलता है।
- सुखमय वैवाहिक जीवन के लिए कुण्डली में अगर शुक्र के मुकाबले का कोई ग्रह बलवान है तो उसे दबाने का उपाय करना चाहिए,
- सूर्य और शुक्र के योग से शुक्र मंदा होने पर व्यक्ति को कान छिदवाना चाहिए। संयम का पालन करना चाहिए। परायी स्त्रियों से सम्पर्क नहीं रखना चाहिए।
- विवाह में बार बार बाधाएं और रूकावट आने पर व्यक्ति को सुनसान भूमि में लकड़ी से ज़मीन खोदकर नीले रंग का फूल दबाना चाहिए,
- शनि के दुष्प्रभाव के कारण विवाह में विलम्ब हो रहा है तो शनिवार के दिन लकड़ी से भूमि खोदकर काला सुरमा दबाना चाहिए,
लाल किताब के उपाय कैसे और कब करें | Remedies of Lal Kitab -
लाल किताब के उपाय दिन में ही करने चाहिए, एक उपाय पूरा हो जाने के बाद ही दूसरा उपाय करें,
उपाय कम से कम 43 दिन लगातार करें, उपाय करने में सावधानी जरुर बरतें, बिना उचित सलाह के कोई उपाय आप को और मुस्किल में डाल सकता है| प्राचीन ज्योतिष ग्रंथों में कष्टों के निवारण के उपायों को भली प्रकार समझाया गया है, जिसमें लग्नेश तथा लग्न के लिए शुभ ग्रहों का रत्न धारण करना, अनिष्टकारी ग्रहों की शांति के लिए उनका पूजन, मंत्र जप, हवन और ग्रह संबंधित वस्तुओं के दान का उल्लेख होता है। जीवन के कष्टों को दो भागों में बांटा गया है। एक वे जिनको उपायों द्वारा शांत किया जा सकता है, और दूसरे वे जिनका भोग कर ही निवारण होता है। यह कुंडली के अध्ययन से ज्ञात होता है।
कुछ अन्य उपाय-
- सांसारिक सुखों के लिए गाय, कुत्ते एवं कौवे को अपने भोजन में से हिस्सा देना।
- परेशानी से बचने के लिए सूखा नारियल जल प्रवाह करना।
- चांदी, चावल, दूध, दही, श्वेत चंदन, सफेद वस्त्र तथा सुगंधित पदार्थ किसी पुजारी की पत्नी को दान करें।
- बीमारी से बचने के लिए कभी कभी पका हुआ पीला कद्दू मंदिर में दान करना आदि।
- गाय, कुत्ता, कौवा को नियमित भोजन देने से पारिवारिक सुख शांति बनी रहती है|
- चांदी का टुकड़ा या चंदन की लकड़ी नदी या नहर में प्रवाहित करें।
- सफेद वस्त्र का प्रयोग करें। घर में तुलसी का पौधा लगाएं।
- श्वेत चंदन का तिलक करें। पानी में चंदन मिलाकर स्नान करें।
- शुक्रवार के दिन गाय/गौशाला में हरा चारा दें। सुगंधित पदार्थ का इस्तेमाल करें।