जानिए क्‍या है शनि पीड़ा है और कैसे पा सकते हैं इससे छुटकारा | Future Point

जानिए क्‍या है शनि पीड़ा है और कैसे पा सकते हैं इससे छुटकारा

By: Future Point | 26-Oct-2018
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जानिए क्‍या है शनि पीड़ा है और कैसे पा सकते हैं इससे छुटकारा

ज्‍योतिषशास्‍त्र में नौ ग्रहों का उल्‍लेख मिलता है जिनमें शनि ग्रह को भी सबसे ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण माना गया है। शनि देव को न्‍याय का देवता कहा जाता है जो मनुष्‍य को उसके कर्मों एवं पापकर्मों का फल देते हैं। मान्‍यता है कि शनि देव कर्मों का दंड देते समय बिलकुल भी नरमी नहीं रखते हैं।

जातक को उसके शुभ और अशुभ कर्मों का फल शनि देव ही देते हैं। आपको बता दें कि न्‍याय के देवता शनि देव कभी भी अकारण पीड़ा नहीं देते हैं। अगर कोई व्‍यक्‍ति पाप करता है या गलत कार्यों में लिप्‍त रहता है तो शनि द्वारा दी गई पी‍ड़ा को भोगना पड़ता है। अपने कर्मों का फल या पीडा देने का माध्‍यम शनि देव बनते हैं।

आज हम आपको शनि की पीड़ा के बारे में संक्षेप में बताने जा रहे हैं कि शनि की पीड़ा क्‍या होती है और ये किस तरह से हमारे जीवन को प्रभावित करती है। तो चलिए जानते हैं शनि की पीड़ा के प्रभाव के बारे में...

शनि पी‍ड़ा से ग्रस्‍त मनुष्‍य को स्‍नायु तंत्र और कोई लंबा रोग घेरे रहता है।

कार्यों में विलंब और रुकावटें आती हैं।

रोज़गार और नौकरी यानि करियर के क्षेत्र में भी मुश्किलें आती हैं।

कई बार जीवन अकेले गुज़ारना पड़ता है।

शनि की कृपा के संकेत

ऐसा नहीं है कि शनि देव केवल पीड़ा ही देते हैं बल्कि वो शुभ प्रभाव भी देते हैं। अगर आपको अपने जीवन में निम्‍न संकेत मिल रहे हैं तो इसका मतलब है कि आपके ऊपर शनि देव की कृपा बरस रही है।

शनि देव की कृपा का सबसे बड़ा लाभ यही है कि हर बिगड़ा काम बन जाता है। शनि देव की कृपा प्राप्‍त लोगों को किसी भी काम के पूरा होने में ज्‍यादा परेशानी नहीं होती है। इनके साथ अगर कुछ बुरा भी हो जाए तो इन्‍हें ज्‍यादा नुकसान नहीं होता है।

जिन लोगों को शनि देव की कृपा प्राप्‍त होती है उन्‍हें किसी की मदद की जरूरत नहीं होती है। ये अपने दम पर आगे बढ़ते हैं। ये शून्‍य से शुरु करते हैं और अपने बल पर सफलता पाते हैं।

इन लोगों की सबसे बड़ी खासियत यही होती है कि ये छल-कपट से कोसों दूर रहते हैं। इस कारण ये किसी से भी मैत्री संबंध नहीं रखते हैं। शनि देव के प्रभाव से जातक को अकेले रहना ही अच्‍छा लगता है। ये आत्‍मज्ञानी होते हैं और एकांतवास में रहना पसंद करते हैं।

जी हां, जिन पर शनि देव अपनी कृपा बरसाते हैं वो ईमानदार बनते हैं और सही मार्ग पर चलते हैं। अधर्म से बचने के कारण ये शनि की पीड़ा से मुक्‍त रहते हैं। सत्‍यवचन बोलने के कारण इनके शुभचिंतक बहुत कम होते हैं।

ज्‍योतिष के अनुसार शनि की कृपा प्राप्‍त लोगों को 35 की उम्र के बाद सफलता मिलती है। कर्म प्रधान होने के कारण इनकी सफलता में किसी और का योगदान नहीं होता है। ये जो भी हासिल करते हैं अपनी मेहनत से करते हैं। कुछ शनि प्रधान लोग वैराग्‍य की ओर भी आकर्षित रहते हैं।

शनि पीड़ा शांत करने के उपाय

कुछ ज्‍योतिषीय उपायों की सहायता से शनि की पीड़ा एवं प्रकोप को शांत किया जा सकता है। आइए जानते हैं शनि पीड़ा की शांति के उपायों के बारे में ...

  • शनि देव के प्रकोप को शांत करने के लिए उनका रत्‍न नीलम धारण किया जा सकता है।
  • शनि को शांत करने के लिए काले घोड़े की नाल से बन्‍ना छल्‍ला मध्‍यमा अंगुली में धारण करें। इससे शनि देव का प्रकोप शांत होता है।
  • काले रंग के कपड़े में काले घोड़े की नाल को लपेटकर अनाज में रखने से उस घर में कभी भी अनाज की कमी नहीं होती है।
  • शनि देव को प्रसन्‍न करने के लिए शनिवार के दिन काले रंग की वस्‍तुओं का दान करें।
  • किसी गरीब या जरूरतमंद व्‍यक्‍ति या बच्‍चे को काले रंग की चप्‍पल पहलाएं। इस उपाय से जन्‍मकुंडली में शनि मजबूत होता है और जीवन की सभी मुश्किलें दूर होती हैं।
  • शनिवार के दिन शाम के समय भैरव बाबा के आगे तिल के तेल का दीपक जलाएं। इससे शनि दोष शांत होता है।
  • हनुमान जी की पूजा करने से भी शनि देव की पीड़ा शांत होती है। शनिवार के दिन घर में सुंदरकांड का पाठ करें।
  • शनिवार के दिन शनि शांति के लिए पीपल के पेड़ की पूजा करें। शाम के समय स्‍नान के पश्‍चात् पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। कच्‍चा दूध चढ़ाएं और धूप जलाएं।
  • शनि देव को प्रसन्‍न करने के लिए शनिवार के दिन काली चिडिया खरीदें और उसे पिंजड़े से आजाद कर दें।

शनि शांति मंत्र

शनि देव की पीड़ा से मुक्‍ति पाने के लिए रोज़ 108 बार इस मंत्र का जाप करें :

ऊं प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्‍चराय नम:।।

अगर आपको जीवन में सफलता नहीं मिल पा रही है और आपके प्रयास विफल हो जाते हैं तो आपके ऊपर शनि देव का प्रकोप हो सकता है। शनि पीड़ा से बचने के लिए उपरोक्‍त बताए गए उपायों को जरूर करें।


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