गोमेद रत्न धारण से क्या फायदे
By: Future Point | 12-Apr-2018
Views : 86336
गोमेद रत्न राहु ग्रह का रत्न हैं। इस रत्न को राहु की शुभता पाने के लिए धारण किया जाता हैं। मुख्यत: यह रत्न शहद या गोमूत्र के रंग का पाया जाता हैं। उत्तम क्वालिटी का गोमेद भारत, श्रीलंका और ब्राजील की रत्न खानों में पाया जाता हैं। इसके अलावा भी यह रत्न कई देशों में मिलता हैं परन्तु वहां के गोमेद को बहुत अच्छे स्तर का नहीं माना जाता हैं। यह कहा जाता हैं कि गोमेद रत्न की शुद्धता की यह पहचान हैं कि यह चमकदार और चिकना होना चाहिए। वैसे तो यह कई रंगों में पाया जाता हैं फिर भी काला, पीला, सफेद और उल्लू की आंख के रंग के गोमेद को विशेष रुप से पसंद किया जाता हैं। गोमेद रत्न प्राइस की क्वालिटी उसके मूल्य से जानी जा सकती हैं.
जिन व्यक्तियों की कुंडली में राहु लग्न या त्रिकोण भाव में स्थित हों तो उस भाव के भावेश का रत्न धारण न करके राहु का रत्न धारण करना चाहिए। राहु के विषय में यह कहा जाता हैं कि राहु जिस भाव में स्थित होता हैं उस भाव के स्वामी की सभी शक्तियों को अपने अधिकार क्षॆत्र में ले लेता हैं। इसके अतिरिक्त राहु मिथुन राशि में उच्चस्थ होते हैं और गुरु की राशि धनु में नीचस्थ होते हैं। बुध की राशियों में राहु के स्थित होने पर भी गोमेद रत्न पहना जा सकता हैं। यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि यदि राहु अष्टम भाव या 6वें अथवा 12वें भाव में स्थित हों तो गोमेद पहनने से बचना चाहिए।
- जिन व्यक्तियों की कुंडली मिथुन, तुला, कुम्भ या वृष हों उन व्यक्तियों का गोमेद रत्न पहनना शुभ होता हैं।
- राहु का केंद्र भाव में विराजित होने पर गोमेद रत्न के पहनने से अनुकूल फल प्राप्त होता हैं।
- इसके अतिरिक्त राहु एकादश भाव में स्थित हों तो गोमेद रत्न पहना जा सकता हैं।
- जब जन्मराशि से राहु की स्थिति 6वें या 8वें भाव में हों तो गोमेद रत्न पहनना श्रेयस्कर रहता हैं।
- शनि और राहु के कारकतत्वों में कुछ समानताएं होने पर यह रत्न मकर राशि के व्यक्तियों को भी शुभफलदायी रहता हैं।
- राहु को राजनीति का कारक ग्रह माना गया है। जो व्यक्ति राजनीति में पूर्ण रुप से सक्रीय हैं और सफल होना चाहते हैं। उन सभी को गोमेद रत्न धारण करना चाहिए।
- जन्मपत्री में राहु के साथ शुक्र और बुध के साथ हों तो गोमेद रत्न पहनने से विशेष लाभ प्राप्त होता हैं। न्याय प्रक्रिया से जुड़े व्यक्तियों को भी गोमेद रत्न शुभता देता हैं।
गोमेद रत्न के उपरत्न
Leostar Professional
Future Point has created astrology softwares for windows.
Get Your Software
आर्थिक कारणों या अन्य कारणॊं से गोमेद रत्न धारण करना संभव ना हों तो इसके उपरत्न धारण किए जा सकते हैं। उपरत्नों में तुरसा और साफी है। इसके अतिरिक्त अकीक भी इसका उपरत्न हैं।
गोमेद रत्न के साथ कौन सा रत्न न पहनें-
- गोमेद रत्न के साथ कभी भी माणिक्य, मूंगा, मोती और पुखराज नहीं पहना जाता। इससे गोमेद अपना पूरा फल दे पाता हैं। टूटा-फूटा गोमेद पहनना भी शुभ नहीं माना जाता।
- गोमेद एक प्रकार का पत्थर होता है,जिसे लोग अंगूठी में जड़वा कर अपनी ऊँगली में पहनते है,ज्योतिषशास्त्र में इस पत्थर को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। ऐसा माना जाता है की अगर आपकी कुंडली में राहु ग्रह दोष हो तो इस रत्न को पहनने से दूर हो जाता है। इसे पहनने से कुंडली से सभी प्रकार के राहुदोष मिट जाते है। इसके अलावा अगर नौकरी या बिजनेस में परेशानी आ रही हो या धन की कमी हो मन अशांत रहता हो ,घर में हमेशा लड़ाई झगडे होते हो तो ऐसे में इसे पहनना आपकी सभी समस्याओ का समाधान कर सकता है।
- गोमेद रत्न को पहनने के लिए सबसे पहले इसे 24 घंटे के लिए गोमूत्र में डालकर छोड़ दे,अगर आपका गोमेद रत्न असली है तो गौमूत्र का रंग बदल जाता है। अगर ये नकली है तो गौमूत्र का रंग नहीं बदलता है।
- आप चाहे तो इसे दूध में डालकर भी पता लगा सकते है की ये असली है या नहीं,इसके लिए अगर आपका गोमेद रत्न असली है तो इसे दूध में डालने पर दूध का रंग गोमूत्र की तरह दिखने लगता है ।
- इस बात का हमेशा ध्यान रखे की अगर आप गोमेद रत्न को धारण कर रहे है तो इसे हमेशा बुधवार रात के 12 बजे के उपरान्त शुक्ल पक्ष एवं सही लग्न में धारण करे।
- इन चीजों को पर्स में रखने से दूर हो जाती है धन की कमी
- ऐश्वर्य पाने के लिए करे मंदार के फूलो से सूर्यदेव की पूजा
- श्राद्ध की पूजा में ज़रूर करे तुलसी के पत्तो का इस्तेमाल
- ज्योतिष के अनुसार, राहु का प्रतिनिधित्व गोमेद रत्न करता है। यह चमकदार और चिकना रत्न होता है। राहु के प्रकोप से बचने के लिए गोमेद रत्न धारण किया जाता है।
कौन पहन सकता है
किसी व्यक्ति की राशि या लग्नन मिथुन, तुला, कुंभ या वृष हो तो ऐसे लोगों को गोमेद अवश्य पहनना चाहिए। कुंडली में राहु यदि केंद्र यानी 1,4,7, 10 भाव में हो, तो गोमेद अवश्य धारण करना चाहिए। इसके अलावा राहु यदि दूसरे, तीसरे, नौंवे या ग्यारहवें भाव में हो, तो भी गोमेद धारण करना बहुत लाभदायक होगा।
राहु अगर अपनी राशि से छठे या आठवें भाव में स्थित हो, तो गोमेद पहनना हितकर होता है। यदि राहु शुभ भावों का स्वामी हो और स्वयं छठें या आठवें भाव में स्थित हो, तो गोमेद धारण करना लाभदायक होता है। राहु मकर राशि का स्वामी है। अत: मकर राशि वाले लोगों के लिए भी गोमेद धारण करना लाभ फलों को बढ़ाता है। राहु अगर शुभ भाव का स्वामी है और सूर्य के साथ युति बनाए या दृष्ट हो अथवा सिंह राशि में स्थित हो, तो गोमेद धारण करना चाहिए। शुक्र, बुध के साथ अगर राहु की युति हो रही हो, तो गोमेद पहनना चाहिए।
गोमेद रत्न धारण के लाभ
राहु की शुभता प्राप्ति के लिए गोमेद रत्न पहना जाता हैं। यह रत्न कालसर्प योग के कष्टॊं का निवारण करने के लिए भी धारण किया जाता हैं। लग्न भाव में राहु स्थित हों तो यह रत्न धारण करने से स्वास्थ्य में सुधार होता हैं। अगर बात करें इस रत्न के चिकित्सीय लाभ की तो यह रत्न पाचन से जुड़े रोगों, त्वचा विकारों और क्षयरोग से मुक्ति दिलाने में सहयोग करता हैं। गोमेद राहु के फलों की शुभता को बढ़ाकर उन्हें शीघ्र प्राप्त होने में सहयोग करता हैं। इसकी शुभता से मान-सम्मान की प्राप्ति और अन्य सभी सुख साधन व्यक्ति को प्राप्त होते हैं।