शिक्षा के क्षेत्र में श्रेष्ठ सफलता पाने के लिए धारण करें चार मुखी रुद्राक्ष,

By: Future Point | 28-Mar-2020
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शिक्षा के क्षेत्र में श्रेष्ठ सफलता पाने के लिए धारण करें चार मुखी रुद्राक्ष,

चारमुखी रुद्राक्ष मनुष्य को धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष प्रदान करने वाला है| यह स्वयं ब्रह्मा तथा देवी सरस्वती का प्रतिनिधि माना गया है। ब्रह्मा जी को सर्व वेदों का ज्ञाता भी कहा जाता है, इसलिए चार मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाले व्‍यक्‍ति के जीवन में भी शिक्षा प्राप्ति के सभी रास्ते खुल जाते हैं। चारमुखी रुद्राक्ष बुध के हानिकारक प्रभाव को ख़त्म कर देवी सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए ही धारण किया जाता है। यह अभीष्ट सीढ़ियों को देने वाला परम गुणकारी रुद्राक्ष है| अनुकूल विद्या को प्राप्त करने में इससे सहायता मिलती है तथा सद्गुरु की प्राप्ति होती है| इस रुद्राक्ष के प्रभाव से दिमागी कमजोरी दूर हो जाती है। मानसिक शक्ति, बुद्धि एवं ज्ञान की प्राप्ति के लिए इससे बेहतर और कुछ नहीं है, इसलिए जो भी जातक शिक्षा में कमजोर है, जीवन में खूब नाम कमाना चाहता है, अपने मस्तिष्क का विकास चाहता है उसे नि:संकोच चार मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। छात्रों की दृष्टिकोण से देखा जाएँ तो यह रुद्राक्ष बच्चों का दिमाग तेज करता है, स्मरण शक्ति को बढाता है। चार मुखी रुद्राक्ष एकाग्रता बढ़ाता है एवं वैज्ञानिक अध्‍ययन और धार्मिक ग्रंथों के अध्‍ययन में काफी फायदेमंद साबित होता है। मिथुन, कर्क, धनु और मीन राशि व लग्न के लोगों के लिए यह बहुत ही लाभकारी होता है। यह रुद्राक्ष तार्किक और संरचनात्मक सोच को नियंत्रित करने में भी मदद करता है। इसके प्रभाव से धार्मिक कार्य में रूचि बढ़ती है, मन ईश्वर भक्ति में विलीन हो जाता है। मानसिक शांति मिलती है।ज्योतिषीय दृष्टिकोण से चार मुखी बुध गृह द्वारा शासित है, इसे धारण करने से जातक की बुद्धि का विकाश होता है| स्नायु एवं मानसिक रोग का नाश होता है|

चार मुखी रुद्राक्ष को अभिमंत्रित करने की विधि : –

सबसे पहले शुद्ध चार मुखी रुद्राक्ष घर ले आएं| इस रुद्राक्ष को शुक्ल पक्ष के किसी भी सोमवार के दिन धारण कर सकते हैं। अब सोमवार के दिन सुबह-सुबह पूजा स्थल पर बैठकर रुद्राक्ष को पहले पंचामृत( दूध-दही-घी-शहद-गंगाजल) से स्नान कराएं| अब शुद्ध जल से स्नान कराएं| अंत में गंगाजल से स्नान कराएं| अब रुद्राक्ष को कुमकुम आदि से तिलक करें और लाल कपड़ा बिछाकर पूजा स्थल पर रख दें| अब चंदन, अक्षत, बिल्वपत्र, लालपुष्प आदि अर्पित करें तथा धूप, दीप दिखाकर पूजन करके अभिमंत्रित करें|

अब हाथ में जल लेकर संकल्प लें, हे परमपिता परमेश्वर मैं ( अपना नाम बोलें) इस रुद्राक्ष को भगवान भोलेनाथ के मन्त्रों से अभिमंत्रित कर रहा हूँ इसमें मुझे सफलता प्रदान करें| इसके बाद हाथ के जल को नीचे जमीन पर छोड़ दें| अब एक माला भगवान गणेश के मंत्र की जपें| इसके पश्चात् एक माला अपने गुरु देव की जपें| अब आप भगवान भोलेनाथ के इस मंत्र की अधिक से अधिक माला का जप करें| मंत्र इस प्रकार से है, ‘‘ ॐ नमः शिवाय’’ यह पंचाक्षर मंत्र अत्यंत श्रेष्ठ है| इसके पश्चात् रुद्राक्ष को दीपक की लौं के ऊपर से 21 बार भगवान भोलेनाथ का नाम लेते हुए घुमाएं| अब भगवान शिव के मंदिर जाकर शिवलिंग की विधिवत पूजा करें और अंत में रुद्राक्ष को शिवलिंग से स्पर्श कराते हुए पूर्व दिशा की तरफ मुख करते हुए रुद्राक्ष को गले में धारण कर लें| यह रुद्राक्ष को अभिमंत्रित करने की बहुत ही सरल विधि है| इसे आप स्वयं प्रयोग करके इसका लाभ उठा सकते हैं| यदि आप स्वयं इसे अभिमंत्रित नहीं कर पाते हैं| तो आप फ्यूचर पॉइंट द्वारा सिद्ध चार मुखी रुद्राक्ष आर्डर कर सकते हैं|

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चार मुखी रुद्राक्ष धारण करने के लाभ : –

चार मुखी रुद्राक्ष उन जातकों के लिए सबसे अधिक उपयोगी है जो अपने ज्ञान में वृद्धि करना चाहते है| बुद्धि को तीव्र बनाना चाहते है| चार मुखी रुद्राक्ष धारण करने से संतान संबंधी सुख प्राप्त होता है| कुंडली में बुध ग्रह कमजोर होने पर चार मुखी रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए| शरीर से रोगों को दूर करने में भी चार मुखी रुद्राक्ष को उपयोगी माना गया है| राशी के अनुसार चार मुखी रुद्राक्ष मिथुन राशी वाले जातकों के लिए शुभ माना गया है| शिक्षा की दृष्टि से पढाई करने वाले बच्चों को चार मुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए| इस रुद्राक्ष को धारण करने से वाणी में मिठास के साथ-साथ दूसरों को प्रभावित करने की कला विकसित होती है| शिवमहापुराण के अनुसार इस रुद्राक्ष को लम्बे समय तक धारण कर भगवान शिव के बीज मंत्रो के जप करने से जीव हत्या के पाप से मुक्ति मिलती है| चार मुखी रुद्राक्ष धारण करने से मनोरोग, मस्तिष्क विकार, लकवा, त्वचा सम्बन्धी रोगों में लाभ मिलता है|

बौद्धिक विकास की दृष्टि से-

चार मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के बाद धारण करने वाले व्यक्ति का बौद्धिक विकास होता है। मानसिक शांति मिलती है और किसी भी क्षेत्र में निराशा हाथ नहीं लगती। इस रुद्राक्ष के प्रभाव से मस्तिष्क में गलत भावनाएं उत्पन्न नहीं होती, व्यक्ति मानसिक शांति हेतु ईश्वर की शरण में जाता है, धार्मिक कार्य में रूचि बढ़ती है, जीवन सुखमय और आध्यात्म की ओर अग्रसर होता है।

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शिक्षा के क्षेत्र में सफलता-

चार मुखी रुद्राक्ष को धारण करने वाला व्यक्ति बहुत ही भाग्यशाली होता है। इसे धारण करने के पश्चात शिक्षा ग्रहण करने से सम्बंधित चिंता से मुक्ति मिलती है, चारमुखी रुद्राक्ष को स्वयं ब्रह्मा तथा देवी सरस्वती का प्रतिनिधि माना गया है। ब्रह्मा जी को सर्व वेदों का ज्ञाता भी कहा जाता है, इसलिए चार मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति के जीवन में भी शिक्षा प्राप्ति के सभी रास्ते खुल जाते हैं। यह रुद्राक्ष अपने आप ही जातक का मार्ग प्रशस्त करता है, हमें मार्गदर्शन करता है। चार मुखी रुद्राक्ष करियर तथा शिक्षा में सफलता दिलाने में सहायक होता है।

स्मरण शक्ति तथा एकाग्रता में वृद्धि-

चार मुखी रुद्राक्ष बच्चों का दिमाग तेज करता है, स्मरण शक्ति को बढाता है। चार मुखी रुद्राक्ष एकाग्रता बढ़ाता है एवं वैज्ञानिक अध्ययन और धार्मिक ग्रंथों के अध्ययन में काफी फायदेमंद साबित होता है। यह रुद्राक्ष तार्किक और संरचनात्मक सोच को नियंत्रित करने में भी मदद करता है। एकाग्रता में वृद्धि के लिए भी चार मुखी रुद्राक्ष धारण करने से लाभ होता है। जिस जातक का मन एक जगह स्थिर नहीं रहता, मन में बुरे-बुरे ख्ययालात आते है उनके लिए यह रुद्राक्ष किसी वरदान से कम नहीं है।

मान-सम्मान की प्राप्ति-

इस रुद्राक्ष को धारण करने वाला व्यक्ति बहुत ही भाग्यशाली होता है। इसे धारण करने के पश्चात समाज में मान-सम्मान के साथ पद-प्रतिष्ठा मिलती है। चार मुखी रुद्राक्ष करियर तथा शिक्षा में सफलता दिलाने में सहायक होता है। प्रशासनिक कार्यों में किसी तरह की रूकावटे आ रही हो तो चार मुखी रुद्राक्ष के प्रभाव से वो रुकावटें अपने आप समाप्त होंगी। इस रुद्राक्ष के प्रभाव से जातक एक सम्मानित जीवन व्यतीत करता है।

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