कोरोना काल में नौकरी व व्यापार पर आ रहा है संकट, तो बुधवार से आरंभ करें ये उपाय

By: Future Point | 29-Apr-2020
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कोरोना काल में नौकरी व व्यापार पर आ रहा है संकट, तो बुधवार से आरंभ करें ये उपाय

कोरोना वायरस का असर सिर्फ इंसानों के स्वास्थ्य पर ही नहीं पड़ रहा, बल्कि यह दुनिया भर में रोजगार के लिए भी खतरनाक साबित होने वाला है। संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी के मुताबिक कोरोना वायरस के कारण दुनिया भर में लगभग 2.5 लाख नौकरियां खत्म हो सकती हैं। ज्योतिष विशेषज्ञों की मानें तो कोरोना वायरस के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी नहीं, महामंदी की चपेट में आ सकती है। भारत में इस बीमारी से संक्रमित होने वालों की संख्या हर दिन बढ़ रही है, भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी कोरोना का व्यापक और गंभीर प्रभाव पड़ने लगा है। 

कोरोना वायरस का असर इतना व्यापक है कि इसका प्रभाव अभी से ही दिखने लगा है। लॉकडाउन होने से लोगों की जिंदगी जैसे थम सी गई है। लोग फिर से अपनी जिंदगी की गाड़ी पटरी पर लाना चाहते हैं, लेकिन लॉकडाउन बढ़ जाने से फिलहाल ऐसा हो पाना संभव नहीं है। अभी लोगों को 3 मई तक घर पर और रहना होगा। ऐसे में हमें इस संकट से बचने के लिए कोई न कोई मार्ग अवश्य निकलना होगा। इसलिए हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसी बातें जिनको मानने से आपके मन को शांति और सुकून मिलेगा| सनातन धर्म एवं हिंदू शास्त्रों में गणपति को विध्नहर्ता अर्थात सभी परेशानियों को खत्म करने वाले बताया गया है। पुराणों में गणेश जी की भक्ति शनि सहित सारे ग्रहदोष दूर करने वाली बताई गई है|

बुधवार से शुरू करें ये पूजा-

बुधवार का दिन भगवान श्रीगणेशजी की पूजा को समर्पित होता है। और वैसे भी भगवन गणेश सभी देवताओं में सर्वप्रथम पूज्य हैं, किसी भी प्रकार की पूजा करने से पहले इन्हें पूजा जाता है, हिन्दू धर्म में इनका पूजन करना बहुत लाभदायक माना जाता है| कहते हैं कि चाहे जीवन में कोई भी कष्ट हो, दुःख-दर्द हो तो इनकी पूजा बड़ी शुभ फलदायक होती है, इसलिए आप बुधवार से उनकी पूजा शुरू कर दें। गणेशजी की पूजा से आपके कार्यों में आ रही सारी रुकावटें दूर होंगी, सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी, और मां लक्ष्मी की कृपा भी सदा बानी रहेगी।

जब घिर चुके हों दुख और संकटों से-

जब जीवन में हर तरफ दुख और संकट हो और निकलने का कोई मार्ग न मिले तो गौरी पुत्र गजानन की अराधना तुरंत फल देती है। भगवान गणेश की सात्विक साधनाएं अत्यंत सरल एवं प्रभावी होती है| गणेशजी की पूजा के लिए आपको अधिक विधि विधान और व्यवस्था की भी आवश्यकता नहीं होती, बस सच्चे मन से गजानन का नाम लेने मात्र से वह प्रसन्न हो जाते हैं और भक्तों को हर प्रकार के संकट से उबार देते हैं। गणेशजी के इस मंत्र-  ''ॐ वक्रतुण्डाय हूं''  का जप आप बुधवार से शुरू करके अगले 11 दिन तक करें, तो आपको हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होगी।

नौकरी और बिजनेस में उन्नति के लिए-

ॐ सौम्यरूपाय विद्महे वाणेशाय धीमहि तन्न: सौम्य: प्रचोदयात।।

अथवा '' ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नम:”

उपयुक्त मंत्रों का नियमित रूप से 108 बार जप करना आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगा और बुध को संतुलित कर शुभ फलदाई बनाएगा। इसके अतिरिक्त आप इन मंत्रों का जप महापुरुषचरण के स्वरुप में भी कर सकते हैं जिसे संकल्पित भाव से किया जाता है। यह प्रक्रिया अत्यधिक लाभकारी एवं दीर्घकालिक होती है। इससे व्यापार और नौकरी में किसी भी प्रकार की कोई अड़चन नहीं आती है।

 तांत्रिक गायत्री मंत्र-

ॐ ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरु गणेश

ग्लौम गणपति, ऋदि्ध पति। मेरे दूर करो क्लेश।।

बुधवार को गणेशजी की पूजा के साथ इस मंत्र का जप शुरू करें और 108 बार जपें। उसके बाद से रोजाना सुबह शिव-पार्वती और गणेशजी की पूजा के बाद 108 बार इस मंत्र का जप करें। इस मंत्र के प्रयोग के समय व्यक्ति को सात्विकता रखनी होती है और मांस, मदिरा, क्रोध, परस्त्री संबंधों से दूर रहना होता है।

आर्थिक मंदी और कर्ज मुक्ति के लिए-

गणेश कुबेर मंत्र-

ॐ नमो गणपतये कुबेर येकद्रिको फट् स्वाहा|

इस मंत्र का जप उन लोगों के लिए विशेष फलदायी है जो कर्ज से जूझ रहे हैं। आए दिन घर में तंगी बनी रहती हो। तब गणेशजी के पूजा के बाद गणेश कुबेर मंत्र का नियमित रूप से जप करने से व्यक्ति की आर्थिक परेशानियां दूर होने लगती है। आय के नए मार्ग बनने लगते हैं और भाग्योदय होने लगता है।

गणेश गायत्री मंत्र-

ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात।।

इस गणेश मंत्र का 108 बार जप करने से गणेशजी की कृपा प्राप्त होती है। लगातार 11 दिन तक इस मंत्र का जप करने से व्यक्ति के पाप धुलने लगते हैं और भाग्य उसका साथ देना शुरू कर देता है|

  • बुधवार के दिन गाय को हरा चारा खिलाना चाहिए और साबूत हरे मूंग का दान करना चाहिए।
  • बुध यंत्र को स्थापित करें और इसकी पूजा करें| प्रत्येक बुधवार को अपने घर की उत्तर दिशा में घी का दिया जलाएं|
  • बुध के गोचर के दौरान श्रीसूक्त का नियमित पाठ करें। भगवान विष्णु को तुलसी पत्र चढ़ाएं।
  • बुधवार के दिन गणेशजी को दूर्वा अर्पित करें। बुधवार के दिन गायों को हरा चारा खिलाएं।
  • दक्षिणावर्ती शंख की पूजा करें, और “ॐ नमः शिवाय  का नित्य जप करें| किसी जरूरतमंद को हरी सब्जियों का दान करें।
  • सूर्य देव की उपासना करें और उन्हें नियमित रूप से जल चढ़ाना प्रारंभ करें। बुधवार के दिन गाय को गुड़ खिलाएं।
  • गोचर के दौरान बुध के मंत्र ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम: का नियमित जाप करें। बुधवार के दिन गौशाला में गायों को हरा चारा खिलाएं।
  • ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र का निष्ठा से जाप करें| भगवान विष्णु के मंदिर में शुद्ध घी चढ़ाएं।
  • भगवान कृष्ण की पूजा करें, और उन्हें मक्खन, मिश्री का भोग लगाएं| किन्नरों को दान करें और उनका आर्शीवाद ग्रहण करें।
  • बुध ग्रह के कुप्रभाव से बचने हेतु विधारा की जड़ का धारण करें। इस जड़ को बुधवार के दिन बुध की होरा के समय अथवा बुध के नक्षत्र में ही धारण करें।
  • नियमित रूप से गायत्री मन्त्र का पाठ करें| साबुत मुंग का किसी वृद्ध ब्राह्मण को दान करें।
  • बुधवार के दिन हरे रंग के वस्त्र, हरी चुड़िया, हरे रंग के श्रृंगारिक प्रसाधनों का दान किन्नरों को करना चाहिए।
  • हर शुक्रवार को दुर्गा सप्तशती एवं विष्णु सहस्त्र पाठ का पाठ करना लाभकारी होता है।
  • नियमित रूप से तुलसी में जल कार्य प्रदान करें एवं नवग्रह चालीसा का पाठ करें|
  • कारोबार तथा कार्यक्षेत्र के विस्तार हेतु बुधवार को व्रत धारण करें।
  • चार मुखी एवं दसमुखी रुद्राक्ष को धारण कर बुध के कुप्रभावों से बचा जा सकता है।
  • मां दुर्गा की पूजा कर उन्हें हरी चूड़ियां अर्पण करें।
  • बुधवार के दिन कन्या पूजन कर हरी वस्तुएं दान करें|

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