बॉलीवुड में टूटते विवाह

By: Future Point | 03-Jan-2019
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बॉलीवुड में टूटते विवाह

शादी एक आसान सफर की तरह नहीं होती है। कभी-कभी इसमें कुछ परेशानियाँ (गड़बड़) हो जाती है। प्रत्येक शादी की अपनी परेशानियाँ होती है, जो की कई मुद्दों के कारण पैदा होती है। अक्सर आप जिस तरह के मुद्दे का सामना एक अशांत (शादी में करते है, वह ठीक उसी तरह का होता है जैसा एक बुरे रिश्ते में उत्पन्न होता है। बॉलीवुड की दुनिया जितनी ऊपर से सुंदर है उतनी ही अंदर से खोखली भी है। पर्दे पर रिश्तों और प्रेम की कहानी कहने वाले लोग निजी जिंदगी में रिश्तों को कुछ समझते ही नहीं है। हिंदी सिनेमा में तमाम ऐसे उदाहरण हैं जो ऊपर लिखी लाइन का समर्थन करते हैं। शादी जिंदगी का सबसे महत्वपूर्ण रिश्ता है। समय के साथ हर चीज बदलती है तो पति-पत्नी के रिश्तों में भी बदलाव लाजिमी है।

शादी को निभाने के लिए त्याग, समर्पण, परस्पर भरोसा, समझौता, सामंजस्य जैसी बातें जरूरी हैं, मगर इनमें से किसी भी पहलू पर अति से रिश्ते में खटास पैदा होने लगती है। अब अगर बात करें बॉलीवुड रिश्तों की तो वहां पर रिश्तों की स्थिति बहुत ही गंभीर हैं। विवाह होने और टूट्ने दोनों का ग्राफ बहुत अधिक उतार-चढ़ाव लिए हुए है। यही वजह है कि बॉलीवुड में विवाह काफी हद तक अभिनेताओं और अभिनेत्रियों की प्रसिद्धि के समान हैं, यानी अनिश्चित। ग्लैमर जगत की जोडियां भी बाकि सभी जोडियों की तरह स्वर्ग में ही तय होती हैं। स्वर्ग में बनने वाली जोडियां पृथ्वी पर आकर टूट भी जाती हैं। जल्द ही प्रेम विवाह होते हैं और तलाक भी जल्द ही हो जाते हैं। आज हम इस आलेख में इसी विषय पर बात करने जा रहें हैं कि बॉलीवुड में टूटते विवाहों का क्या कारण हैं-

सैफ अली खान और अमृता सिंह

एक समय पर बॉलीवुड में सैफ ने पहले अपने से 12 साल बड़ी अमृता सिंह से शादी कर बवाल मचा दिया था और उसके बाद 10 वर्ष छोटी करीना कपूर से शादी कर एक बार फिर से सबको चौंका दिया। आज छोटे नवाब सैफ अली खान और उनकी बेगम करीना कपूर दोनों की लाइफ एकदम परफेक्ट लगती है। ऐसा लगता है मानो ये 'मेड फॉर इच अदर' हैं। खबरों की माने तो अमृता सिंह के साथ अपनी 13 साल के विवाह को तोड़ने में सैफ को एक पल नहीं लगा। दोनों का टूटा हुआ रिश्ता बॉलीवुड के रिश्तों की कड़्वे सच की तस्वीर पेश करता है। अमृता सिंह के साथ सैफ की शादी 13 साल चली फिर दोनों का तलाक हो गया।

किशोर कुमार और योगिता बाली

अभिनेता, गायक और अपने समय के मशहूर कामेडियन किशोर कुमार ने अपने पूरे जीवन में चार बार शादी की। किशोर कुमार का करियर जितना सफल रहा, उनका वैवाहिक जीवन उतना ही असफल रहा। किशोर कुमार की शादीशुदा लाईफ में कुछ ना कुछ लगा रहा। चार विवाह करने के बाद भी उनके वैवाहिक जीवन को असफल ही कहा जाएगा। पहली शादी रुमा देवी के साथ की। दूसरी शादी मधुबाला जी के साथ, योगिता उनकी तीसरी पत्नी थी इनके साथ इनकी शादी केवल दो साल ही चली। चौथी और अंतिम शादी इन्होंने लीना चंद्रावर्कर के साथ की। चौथी शादी टूटी तो नहीं परन्तु किशोर कुमार का असमय जाने से लीना का जीवन कष्टमय अवश्य होगा।

कमल हसन और सारिका

कुछ इसी तरह की स्थिति कमल हसन और सारिका के साथ रही। एक लम्बा अर्सा लिन-इन रिश्तें में रहने के बाद दोनों का अलगाव हो गया। सारिका अपने वक्त की सबसे तरक्कीपसंद अभिनेत्रियों में रही हैं और उन्होंने कमल हासन के साथ करीब 16 साल बिताए। दोनों ने अपनी पहली बेटी श्रुति के जन्म (1986) के बाद 1988 में विवाह किया और उनकी दूसरी बेटी अक्षरा का जन्म 1991 में हुआ। सारिका ने अपने इस फैसले को लेकर हमेशा गरिमामय चुप्पी साधे रखी और सार्वजनिक जीवन में कभी कुछ नहीं कहा। न कमल के साथ विवाह के दिनों को लेकर और न ही उनसे तलाक को लेकर। खबरों की माने तो दोनों के अलगाव की वजह कमल का अन्य किसी के साथ लिव-इन में रहना रहा।

पूजा भट्ट और मनीष मखीजा

24 फरवरी 1972 को जन्मी फिल्म अभिनेत्री पूजा भट्ट को अभिनय विरासत में मिली थी। पूजा ने दूसरे बॉलीवुड स्टार किड्स की तरह ही फिल्म डैडी से अपने अभिनय करियर की शूरूआत की थी। पूजा भट्ट ने दो शादियां की। पहली शादी रणवीर शूरी के साथ और दूसरी शादी मनीष मखीजा के साथ की। रणवीर शूरी के साथ इनके वैवाहिक जीवन का अंत मार-पीट और घरेलू हिंसा के पुलिस केस के साथ हुआ। उसके बाद 2004 में इन्होंने दूसरी शादी मनीष मखीजा के साथ की। पर शादी के 11 सालों बाद पूजा ने मनीष मखीजा अलग रहने का फैसला कर लिया। पूजा जितनी अच्छी अदकारा थी उतनी ही उम्दा फिल्म मेकर भी। पर लगता है उनकी इसी कंट्रोवर्सीज ने उन्हे बॉलीवुड से दूर रहने पर मजबूर कर दिया था। पूजा भट्ट ने अपनी शादी के टूटने की जानकारी सार्वजनिक तौर पर अपने ट्विटर खाते से दी।

संजय दत्त और रिया पिल्लई

संजय दत्त और विवाद दोनों का चोली दामन का साथ रहा हैं। माता नर्गिस के परलोक गमन के साथ ही सुनील दत्त के जीवन में विवादों का आगमन हुआ। संजय दत्त का पहला विवाह ऋचा शर्मा के साथ हुआ। ऋचा शर्मा की एक लम्बी बीमारी के बाद मृत्यु के कुछ समय बाद इन्होंने मॉडल रिया पिल्लई से शादी कर ली। इनके साथ 7 साल का वैवाहिक जीवन रहा और फिर तलाक हो गया। 2008 में इन्होंने मान्यता से विवाह किया और अभी तक वैवाहिक जीवन सुखमय बना हुआ है। संजय दत्त ने ऋचा शर्मा से विवाह अपनी पहली संतान से रिश्ता तोड़ने के बाद की थी। परन्तु वह अधिक समय तक नहीं चली।

आमिर खान और रीना

आमिर खान भले ही फिल्म जगत में बुलंदियों पर हो और इंडस्ट्री में मिस्टर परफेक्शनिस्ट के नाम से जाने जाते हों लेकिन आमिर खान का वैवाहिक जीवन ज़्यादा अच्छा नहीं रहा हैं। आमिर फिल्मो में तो अपनी अभिनेत्रियों के साथ रिश्ता निभा लेते हैं लेकिन ये निजी ज़िन्दगी में ऐसा नहीं कर पाए। बता दे आमिर खान ने दो शादियां की हैं और पहली शादी 16 साल के लम्बे समय के बाद समाप्त हो गयी थी। 1986 में आमिर खान ने किरण राव से घर से भाग कर शादी की। दोनों के दो बच्चे है। परन्तु आमिर की रुचि किरण राव में अधिक होने से 16 साल बाद इनके विवाह का अंत हो गया और 2005 में इन्होंने किरण राव से शादी कर ली।

अनुराग कश्यप और कल्कि

अनुराग कश्यप को अपने फिल्मों के सशक्त निर्देशन के लिए हमेशा से जाना जाता रहा है। फैन हों या आलोचक सभी इनकी प्रशंसा करते रहें है। एक ओर जहां इनका करियर सफल और प्रभावशाली रहा है, वहीं इनका वैवाहिक जीवन उतार-चढ़ाग से युक्त रहा। अनुराग कश्यप ने अब तक दो विवाह किए। पहला विवाह आरती बजाज से किया। इनका यह विवाह छ: साल चला। 2011 में इन्होंने कल्कि कोचलिन से शादी कर ली। अनुराग कश्यप और कल्कि दोनों 2011 में विवाह सूत्र में बंधे। इनकी शादी मात्र 2 साल में ही दम तोड़ गई और 2011 में इन्होंने अलग होने का फैसला कर लिया।

ऋतिक रोशन और सुजैन खान

ऋतिक रोशन और सुजैन खान हमेशा बॉलीवुड के सबसे पसंदीदा जोड़े में से एक रहे हैं। विवाह के लगभग १४ साल बाद इनका अलग होना सबको चौंका गया। दोनों के रिश्तों के विभाजन की आधिकारिक खबर ने इनके प्रशंसकों, शुभचिंतकों और यहां तक कि प्रियजनों को भी एक बड़ा झटका दिया।

विवाह टूटने के ज्योतिषीय कारण

एक लम्बे समय तक साथ रहने के बाद अचानक ऐसा क्या होता है कि पति-पत्नी अलग होने का मन बना लेते हैं। विवाह के बाद कुछ समय तो गॄहस्थी की गाडी बढिया चलती रहती है किंतु कुछ समय के बाद ही पति पत्नि में कलह झगडे, अनबन शुरू होकर जीवन नारकीय बन जाता है। इन स्थितियों के लिये भी जन्मकुंडली में मौजूद कुछ योगायोग जिम्मेदार होते हैं। अत: विवाह तय करने के पहले कुंडली मिलान के समय ही इन योगायोगों पर अवश्य ही दॄष्टिपात कर लेना चाहिये। ग्रह, नक्षत्र और राशियां कुछ इस तरह के योग बनाते हैं कि आपसी रिश्तों की डोर अपने आप ही टूट्ने लगती हैं। आज इस आलेख में हम यही बताने जा रहें है कि कौन से ज्योतिषीय योगों के कारण विवाह तलाक का रुप ले लेता है-

  • सातवें भाव में खुद सप्तमेश स्वग्रही हो एवं उसके साथ किसी पाप ग्रह की युति अथवा दॄष्टि भी नही होनी चाहिये। लेकिन स्वग्रही सप्तमेश पर शनि मंगल या राहु में से किन्ही भी दो ग्रहों की संपूर्ण दॄष्टि संबंध या युति है तो इस स्थिति में दापंत्य सुख अति अल्प हो जायेगा। इस स्थिति के कारण सप्तम भाव एवम सप्तमेश दोनों ही पाप प्रभाव में आकर कमजोर हो जायेंगे।
  • यदि शुक्र के साथ लग्नेश, चतुर्थेश, नवमेश, दशमेश अथवा पंचमेश की युति हो तो दांपत्य सुख यानि यौन सुख में वॄद्धि होती है वहीं षष्ठेश, अष्टमेश अथवा द्वादशेश के साथ संबंध होने पर दांपत्य सुख में न्यूनता देती है।
  • यदि सप्तम अधिपति पर शुभ ग्रहों की दॄष्टि हो, सप्तमाधिपति से केंद्र में शुक्र संबंध बना रहा हो, चंद्र एवम शुक्र पर शुभ ग्रहों का प्रभाव हो तो दांपत्य जीवन अत्यंत सुखी और प्रेम पूर्ण होता है।
  • लग्नेश सप्तम भाव में विराजित हो और उस पर चतुर्थेश की शुभ दॄष्टि हो, एवं अन्य शुभ ग्रह भी सप्तम भाव में हों तो ऐसे जातक को अत्यंत सुंदर सुशील और गुणवान पत्नी मिलती है जिसके साथ उसका आजीवन सुंदर और सुखद दांपत्य जीवन व्यतीत होता है। (यह योग कन्या लग्न में घटित नही होगा)
  • सप्तमेश की केंद्र त्रिकोण में या एकादश भाव में स्थित हो तो ऐसे जोडों में परस्पर अत्यंत स्नेह रहता है। सप्तमेश एवं शुक्र दोनों उच्च राशि में, स्वराशि में हों और उन पर पाप प्रभाव ना हो तो दांपत्य जीवन अत्यंत सुखद होता है।
  • सप्तमेश बलवान होकर लग्नस्थ या सप्तमस्थ हो एवं शुक्र और चतुर्थेश भी साथ हों तो पति पत्नि अत्यंत प्रेम पूर्ण जीवन व्यतीत करते हैं।
  • सप्तमेश एवं शुक्र एक दूसरे की राशि में केंद्र या त्रिकोण में बैठे हों और उन पर द्वितीयेश और चतुर्थेश का दॄष्टि संबंध हो तो निहायत ही सुखद दांपत्य सुख प्राप्त होता है।
  • पुरूष की कुंडली में स्त्री सुख का कारक शुक्र होता है उसी तरह स्त्री की कुंडली में पति सुख का कारक ग्रह गुरु ग्रह होता है। स्त्री की कुंडली में बलवान सप्तमेश होकर वॄहस्पति सप्तम भाव को देख रहा हो तो ऐसी स्त्री को अत्यंत उत्तम पति सुख प्राप्त होता है।
  • जिस स्त्री के द्वितीय, सप्तम, द्वादश भावों के अधिपति केंद्र या त्रिकोण में होकर गुरु ग्रह से देखे जाते हों, सप्तमेश से द्वितीय, षष्ठ और एकादश स्थानों में सौम्य ग्रह बैठे हों, ऐसी स्त्री अत्यंत सुखी और पुत्रवान होकर सुखोपभोग करने वाली होती है।
  • पुरूष का सप्तमेश जिस राशि में बैठा हो वही राशि स्त्री की हो तो पति-पत्नी में बहुत गहरा प्रेम रहता है।
  • वर कन्या का एक ही गण हो तथा वर्ग मैत्री भी हो तो उनमें असीम प्रेम होता है। दोनों की एक ही राशि हो या राशि स्वामियों में मित्रता हो तो भी जीवन में प्रेम बना रहता है।

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