हकीक दिलाता है हर क्षेत्र में सफलता जानिए इसके लाभ और धारण करने की विधि

By: Future Point | 17-Apr-2020
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हकीक दिलाता है हर क्षेत्र में सफलता जानिए इसके लाभ और धारण करने की विधि

हकीक एक अल्पमोती पत्थर है| जिसे उपरत्न की श्रेणी में मानाजाता है, यह अपारदर्शक होता है, जो कि अनेक रंगो में पाया जाता है, प्राचीनकाल से ही हकीक को ज्योतिष शास्त्र में महत्वपूर्ण माना गया है, आजकल प्राकृतिक रत्न इतने महंगे हैं, कि हर कोई उन्हें खरीद नहीं सकता| जो लोग महंगे रत्न खरीदने में असमर्थ हैं, वे अपने ग्रहों के अनुसार या किसी भी रंग के हकीक को धारण कर सकते हैं|चांदी में धारण किया जाने वाला यह रत्न सामान्य कीमत का होता है| इसे साधारण जौहरी कि दुकान से भी प्राप्त किया जा सकता है| ग्रीक दार्शनिकों ने इस रत्न को 300 ईसा पूर्व खोजा था। 

हकीक सभी मुख्य रत्नों का विकल्प होता है। इसे आमतौर पर माला या अंगूठी के रूप में पहना जाता है। ज्योतिषी की सलाह के मुताबिक बताए गए रंग के अनुसार कोई भी व्यक्ति हकीक को धारण कर सकता है। हकीक मुख्यत: 6 रंगों में पाया जाता है, जैसे काला, सफेद, पीला, लाल, हरा एवं नीला आदि प्रकार के हकीक पाए जाते हैं। सभी का महत्व अलग-अलग है। जिस हकीक में सफेद पट्टियां पाई जाती हैं उसे सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। काला मानसिक संतुलन और तनाव के लिए, सफेद आध्यात्मिक शांति और वैराग्य के लिए, पीला हकीक निर्मिकता, धन और सुख समृद्धि के लिए, नीला हकीक अच्छी नींद और बुरे सपने से बचने के लिए होता है। 

हकीक या हकीक से बनी माला को ज्योतिष के लिहाज से बेहद ही लाभदायक माना गया है। ऐसी मान्यता है की हकीक की माला से जप करने से भगवान शिव अति प्रसन्न हो जाते है। इसके अलावा हकीक की माला फेरने के साथ यदि हनुमान जी के मन्त्र का जप किया जाए, तो यह भी अति लाभप्रद होता है। जीवन में कितना भी बड़े सा बड़ा कष्ट क्यों न आये हकीक के प्रभाव से स्वयं की रक्षा के साथ-साथ उन कष्टों का निवारण भी हो जाता है। हकीक को पहनने से तीन ग्रहों शनि, राहु केतु के दोष दूर हो जाते हैं| इसके अलावा हकीक को पहनने से बुरी नज़र से भी बचाव होता है, साथ ही आपके बिज़नेस में आ रही रुकावट भी दूर हो जाती है|

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हकीक की गुणवत्‍ता | Quality of Hakik Sulemani

हकीक और लगभग सभी जेमस्‍टोन (रत्‍नों) की गुणवत्‍ता उनके आकार और रंग पर निर्भर करती है। हकीक यदि चमकदार और बेहतर रंग का है तो वह उच्‍च गुणवत्‍ता का माना जाता है। यदि रेमेडी के रूप में पहनने के लिए हकीक खरीद रहे हैं तो इस बात का ध्‍यान अवश्‍य रखें कि वह कहीं से टूटा न हो, चमकदार हो और पहले किसी के द्वारा इस्‍तेमाल किया हुआ न हो। लेकिन अगर सिर्फ फैशन के तौर पर हकीक पहनने जा रहे हैं तो बहुत ज्‍यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है। तब बेहतरीन डिजाइन के आधार पर हकीक पहना जा सकता है।

हकीक को धारण करने की विधि | Method of wearing Hakik

प्रातःकाल सूर्योदय से पूर्व या सुबह स्नान करने के बाद मंगलवार या शनिवार के दिन यह हकीक या माला धारण करना शुभ फलदायक होता है। काला हकीक व उसकी की माला धारण करते समय शनि, तथा मंगल देव को याद करते हुए पूरी श्रद्धा से पूजा अर्चना करके 108 बार शनि के बीज मन्त्र – ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः मंगल के बीज मंत्र- ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम: का जाप जरुर करना चाहिए।

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हकीक के लाभ | Benefits of Sulemani Hakik Stone

  • ऐसा माना जाता है कि हकीक को पहनने से या उसे आस-पास रखने मात्र से ही आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी होती है। यह नकारात्मक ऊर्जा को बाहर करता है जिससे उदासी, उलझन और चिड़चिड़ा पन दूर होता है।
  • हकीक पहनने से व्यक्ति अपने लक्ष्य के प्रति ज्यादा समर्पित होता है। ऐसा माना जाता है कि इसको पहनने से कार्यक्षेत्र में ज्यादा अच्छा परफार्मेंस हो जाता है, काम में मन लगता है और बेकार की बातें मन में नहीं आती हैं। हृदय और मस्तिष्क के बीच संतुलन बनाता है जिससे निर्णय क्षमता में भी वृद्धि होता है।
  • हकीक धारण करने से भूतप्रेत आदि से रक्षा तथा नजर दोष, प्रेत दोष, एवं बुरी नजरों से बचता है| तथा पाचन क्रिया को भी लाभ देता है| और अलग-अलग रंगों का अलग-अलग लाभ है|
  • श्वेत हकीक शुक्र दोष और मन को शांत करता है|
  • हकीक को प्रोटेक्टिव स्टोन यानि की सुरक्षा करने वाले रत्न की तरह भी इस्तेमाल किया जाता है। हकीक साथ रखने से बुरी नजर आप पर नहीं पड़ती और बुरी आत्माओं से भी आपका बचाव होता है। इसलिए ही माताएं अपने नवजात बच्चों के आस-पास इस पत्थर को रखती हैं।
  • माना जाता है कि हकीक को घर में या पास में रखने से सौभाग्य की वृद्धि होती है अर्थात भाग्योदय होता है।
  • गुणों से भरा हुआ यह पत्थर शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और प्राकृतिक रूप से व्यक्ति को बैलेंस करता है। ऐसा देखा गया है कि बैड रूम में इस पत्थर को रखने से नींद अच्छी आती है और रात को चौंक कर जागने की आदत भी कम हो जाती है।
  • कहते हैं हकीक की माला का जप करने से भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं।
  • यह माला बहुत ही प्रभावशाली होती है, इसके इस्तेमाल करने से जातक के मन से डर का खात्मा हो जाता है, साहस में वृद्धि होती है। शत्रुओं से बचाव हो जाता है, इसके साथ ही एक सुरक्षा की भावना मन में उत्पन्न होती है।
  • इससे किसी भी प्रकार का संकट नहीं रहता और शनि, राहु एवं केतु के दोष दूर हो जाते हैं|
  • हकीक के मोतियों की माला पहनने से मानसिक शांति मिलती है, मन में बुरे विचार नहीं आते, तन-मन रिलैक्स हो जाता है। किसी भी बुरे वक्त का जातक डटकर सामना करने में सक्षम हो जाता है। इसके प्रभाव से एकाग्रता में वृद्धि होती है, किसी भी काम के प्रति टेंशन नहीं रहती।
  • हकीक रिश्तों को अच्छा बनाए रखने के लिए भी बहुत उपयोगी माना गया है। यह शादी-शुदा जीवन में प्यार को बरकरार रखता है।
  • माना जाता है कि हकीक को धारण करने से सभी तरह की बाधाएं दूर हो जाती हैं।
  • घर से दरिद्रता दूर करने के लिए काले हकीक की माला को पूजा घर में स्थित माता लक्ष्मी के फोटो पर चढ़ाने से जातक के आर्थिक स्थिति में धीरे-धीरे सुधार होना शुरू हो जाता है।
  • कहते हैं कि जिसके पास असली हकीक होता है, वह कभी गरीब नहीं रहता और दरिद्रता का नाश हो जाता है।
  • हकीक की माला फेरने के साथ यदि हनुमानजी के किसी मंत्र का जप किया जाए, तो यह बहुत ही फायदेमंद सिद्ध होता है।
  • शनि देव की कृपा पाने के लिए काला हकीक या उसकी माला पहनना सबसे उत्तम माना गया है। जो लोग शनि से संबंधित वस्तुओं का व्यापार करते हैं, उन्हें काला हक़ीक पहनने से अवश्य ही लाभ होगा। इसके अलावा शनि देव के प्रकोप से बचने के लिए भी काले हक़ीक या उसकी माला का प्रयोग लाभकारी होता है। काले हक़ीक की माला से शनि के मंत्र का जप करना अत्यंत लाभकारी होता है।

हकीक के नुकसान

इस चमत्कारिक पत्थर को रखने या पहने से पहले ज्योतिष के किसी जानकार से पूछना जरूरी है अन्यथा यह उल्टा नुकसान दे सकता है। लाल किताब के अनुसार किसी भी रत्न, मणि या पत्थर को धारण करने के पहले कुंडली का विश्लेषण करना जरूरी है अन्यथा यह नुकसानदायक सिद्ध हो सकता है। जैसे शनि और मंगल की युति कहीं भी हो तो मूंगा नहीं पहनना चाहिए। हकीक को लेकर तो और ज्यादा सर्तक रहने की जरूरत है क्योंकि हकीक कई रंगों का होता है। काला रंग राहु का और नीला रंग शनि का है। पीला रंग गुरु का तो सफेद रंग चंद्र एवं शुक्र का है। कुंडली में उक्त ग्रहों की स्थिति देखकर ही हकीक धारण करना चाहिए।

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