अपनी कुंडली मे काल सर्प दोष को दूर करने के लिए कीजिये ये कुछ उपाय।

By: Future Point | 10-Aug-2019
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अपनी कुंडली मे काल सर्प दोष को दूर करने के लिए कीजिये ये कुछ उपाय।

यह बात सच है कि प्रत्येक इंसान को उसके कर्मो के हिसाब से फल मिलता है, अतः इंसान जैसा कर्म करता है उसे उसका वैसा फल अवश्य ही मिलता है, काल सर्प दोष भी एक ऐसा दोष है जो की इंसान के पूर्व जन्म में किये हुए कर्मो के फल स्वरुप में उसकी कुंडली में स्थित हो जाता है और कई पीढ़ियों तक इसका असर होता है, परन्तु इस दोष के अशुभ प्रभाव के साथ- साथ कुछ जातकों पर इसका शुभ प्रभाव भी पड़ता है।

कालसर्प दोष क्या होता है ?

राहू केतु को रहस्यात्मक ग्रह कहा जाता है, यह अचानक किसी अनहोनी को अंजाम दे देते है राहू का अधिपति देवता काल है तो केतु के लिए है सर्प. यदि इन दोनों ग्रहों के मध्य कुण्डली में एक तरफ सभी ग्रह हो तो फिर कुण्डली में कालसर्प दोष बन जाता है. यह आपको आर्थिक और शारीरिक रूप से कष्ट दे सकता है |

काल सर्प दोष के अशुभ फल -

  • काल सर्प दोष से पीड़ित जातक को संतान सुख नहीं मिलता जैसे की या तो संतान होती नहीं और अगर होती है तो स्वस्थ नहीं होती या फिर गलत संगत में पढ़ जाता है।
  • जिस जातक की कुंडली में काल सर्प दोष बनता है वो मानसिक परेशानियों से घिरा रहता है।
  • इस दोष की वजह से घर में आर्थिक तंगी रहती है।
  • काल सर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति को कोई लम्बी बीमारी लग जाती है।
  • घर में में कलेश रहता है।
  • जातक को किसी भी काम में सफलता नहीं मिलती है।
  • काल सर्प दोष से पीड़ित जातक किसी झूठे कोर्ट केस में इंसान फस जाता है।
  • शादीशुदा जिंदगी में परेशानियां आती है।
  • पैसे का या प्रॉपर्टी का नुकसान हो जाता है।
  • बुरी आदतों का शिकार हो जाता है।

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काल सर्प दोष के शुभ फल –

  • हर तरफ से कामयाबी मिलती है।
  • धन सम्पति में वृद्धि होती है।
  • घर में सुख शांति आती है।
  • कोई भी दुश्मन हावी नहीं हो सकता है।
  • शादीशुदा ज़िंदगी में मधुरता आती है।
  • मानसिक तनाव और परेशानियां नहीं होती है।
  • लोगों में मान सम्मान बढ़ता है ||

काल सर्प दोष दूर करने के उपाय-

  • राहू और केतु के मंत्रो का जप : कालसर्प दोष का मुख्य कारण कुण्डली में राहू केतु की गलत जगह आना है अतः आप राहू को केतु को प्रसन्न रखने वाले मंत्रो का जप करे इससे कालसर्प दोष निवारण होगा।
  • सर्प और नाग मंत्र से करे नागदेवता की पूजा : नाग भगवान शिव के आभूषण और विष्णु की शय्या है अतः आपको नाग मंत्रो द्वारा सही विधि से माला जप करना चाहिए नाग मंत्र निचे दिए है- नाग सर्प मंत्र ॐ नागदेवताय नम: ||

  • नाग गायत्री मंत्र : || ॐ नवकुलाय विद्यमहे विषदंताय धीमहि तन्नो सर्प: प्रचोदयात् ||
  • नाग पंचमी पर पूजा : सर्पो और नागो के मुख्य त्यौहार नाग पंचमी पर पूजा करे और किसी सपेरे से नाग को जंगल में मुक्त करवाए।
  • शिव का शक्तिशाली मंत्र : भगवान शिव के महामृत्युंजय मंत्र को रुद्राक्ष की माला के साथ नित्य 108 बार जप करना चाहिए।
  • शिवलिंग पर नाग चढ़ाये : ऐसे शिवलिंग जिस पर धातु का नाग ना हो , सोमवार के दिन शिवलिंग पूजा के बाद धातु का नाग चढ़ाये, यह कालसर्प दोष के प्रभाव को कम करता है।
  • काल सर्प दोष निवारण यन्त्र : घर में उचित मुहूर्त पर कालसर्प दोष निवारण यंत्र को स्थापित करके नित्य पूजा करे, यह कालसर्प दोष निवारण का बहुत ही प्रभावी उपाय है।
  • पक्षियों को जौ के दाने : 45 दिन तक पक्षियों को नित्य जौ के दाने डाले।
  • पवित्र तीर्थ में बहाए धातु के 11 नाग : भारत के मुख्य तीर्थस्थलो जैसे हरिद्वार , प्रयाग संगम , पुष्कर , काशी के घाट आदि में से किसी एक स्थान पर स्नान करके 11 धातु के नागो को पवित्र जल में छोड़े और उनसे विनती करे की आपके कालसर्प दोष भी बह जाये।
  • भैरव और कृष्ण की पूजा : भैरव नाथ और कालिया नाग पर नृत्य करने वाले कृष्ण की पूजा से भी यह दोष कम होता है।
  • भगवान शनि देव की शनिवार के दिन पूजा : हर शनिवार को नवग्रहों के राजा शनि की भी विशेष पूजा करनी चाहिए, शनि के मंत्र का जप करे और काले कुत्ते को तेल से चुपड़ी रोटी खिलाये।


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