दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल का भविष्य - रहेगी जेल या मिलेगी बेल- क्या कहती है कुंडली | Future Point

दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल का भविष्य - रहेगी जेल या मिलेगी बेल- क्या कहती है कुंडली

By: Acharya Rekha Kalpdev | 23-Mar-2024
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दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल का भविष्य - रहेगी जेल या मिलेगी बेल- क्या कहती है कुंडली

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल जी / Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal को ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने दिल्ली शराब घोटाले से सम्बंधित मामले में गुरूवार रात्रि (21-03-2024) को गिरफ्तार कर लिया। प्रवर्तन निदेशालय ने केजरीवाल जी से दो घंटे से ज्यादा पूछताछ की और उसके बाद उन्होंने केजरीवाल जी को गिरफ्तार कर लिया। मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए गिरफ्तारी का यह भारतीय राजनीति के इतिहास में पहला मामला है। प्रवर्तन निदेशालय की टीम गुरुवार हाईकोर्ट के आदेश के बाद केजरीवाल जी के घर तलाशी के लिए पहुंची और उन्हें उसके बाद गिरफ्तार किया गया।

Kejriwal जी पर मनी लॉन्डरी मामले के तहत 338 करोड़ रूपये आम आदमी पार्टी को प्राप्त होने के आरोप है। अरविन्द केजरीवाल क्योंकि आम आदमी पार्टी के संरक्षक है। इसलिए इस मामले में केजरीवाल जी से पूछताछ के दायरे में है। Delhi में नई आबकारी नीति 17 नवंबर 2021 को लागू हुई थी। जिसकी मीटिंग केजरीवाल जी के घर पर हुई थी। आबकारी नीति में प्रॉफिट मार्जिन पहले 6 प्रतिशत था, जिसे केजरीवाल जी ने बढाकर 12% कर दिया। यानी इस मामले में केजरीवाल जी की भूमिका अहम् थी। प्रवर्तन निदेशालय ने अरविन्द केजरीवाल जी पर शराब घोटाले में प्राप्त धन का उपयोग गोआ चुनाव में प्रयोग करने का आरोप भी लगाया है। ईडी के अनुसार इस मामले में जितने भी लोग शामिल थे, सभी के बयान लेकर जानकारी ले ली गई है और घोटाले में प्रयुक्त धन मालूम हो गया है। ईडी के अनुसार 600 करोड़ के घोटाले के लिए 100 करोड़ रुपए की रिश्वत ली गई। इस विषय में आगे बात करने से पहले केजरीवाल जी के पूर्व के जीवन पर आइये एक नजर डाल लेते है -

केजरीवाल जी का राजनीतिक करियर 2012 से शुरू हुआ। बात उस समय की है जब 16 दिसम्बर 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया कांड मामले ने पूरी दिल्ली ही नहीं पूरे देश को हिला कर रख दिया। उसी समय निर्भया को न्याय दिलाने के लिए धरने और आंदोलन खूब चले थे। अन्ना हजारे भी उसी समय सुर्खियों में आये और इसी आंदोलन की आग से एक चेहरा प्रमुख रूप से सामने आया, जो केजरीवाल जी थे। न्याय, ईमानदारी और सत्यवादिता जैसे नैतिक नियमों को आधार बनाकर केजरीवाल जी ने 24 नवम्बर 2012 को आम आदमी पार्टी की स्थापना की गई। पार्टी का मूल उद्देश्य करपशन (भ्रष्टाचार) मुक्त राजनीति करना था।

उसके बाद 2013 में केजरीवाल जी की पार्टी ने विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीता। 2014 में केजरीवाल जी ने दूसरी बार विधानसभा चुनाव लड़ा और केजरीवाल जी एक बार फिर से 67 सीट जीतकर रिकॉर्ड बनाया। इसके सतह ही केजरीवाल जी दूसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री पद पर आसीन हुए। 2020 में फिर से विधानसभा चुनाव में केजरीवाल जी को 62 सीटें मिले और केजरीवाल दिल्ली की राजनीती का बड़ा चेहरा बन गए। 2020 में केजरीवाल जी ने तीसरी बार मुख्यमंत्री पद, ग्रहण किया।

2021 में आबकारी नीति बनाई गई और आबकारी नीति में घोटाले को लेकर एक बार फिर से केजरीवाल जी सुर्खियों में आये और 20 मार्च 2024 को प्रवर्तन निदेशालय ने लगातार दिल्ली में तीसरी बार मुख्यमंत्री पद को संभाल रहे केजरीवाल जी को गिरफ्तार कर लिया। सत्य, ईमानदारी, घोटलेमुक्त के आदर्शों की नींव पर बनी आम आदमी पार्टी की ईमारत घोटाले की सच्चाई सामने आने पर एक ही पल में ताश के पत्तों की तरह ढह गई।

धार्मिक शास्त्रों में कहा गया है कि कोई चोर चोरी करें तो उसकी सजा उतनी नहीं है, जितनी सजा एक कानून के जानकर, राजा, या कोतवाल और एक सच कि कसम खाने वाले व्यक्ति की होती है। केजरीवाल जी की आम आदमी पार्टी इसलिए जीत का एक रिकॉर्ड बना पाई क्योंकि आमजन को उनसे नैतिकता, आदर्श और घोटलेमुक्त शासन की आशा थी। केजरीवाल जी जब नए-नए सत्ता में आये थे तो वो कहते थे की कोई रिश्वत मांगे, घोटाला करें, कोई सताए तो मेरा नंबर दे देना, कॉल रिकॉर्ड कर लेना, मुझे रिकॉर्डिंग भेज देना। उनके इसी आवाहन पर उस समय कई बड़े अधिकारियों के इंस्टिंग ऑपरेशन में फंसने के मामले भी सामने आये।

आज केजरीवाल जी खुद एक बहुत बड़े आबकारी मामले में आरोपी है? ईडी और कानून के तहत उनके खिलाफ जो दंड बनता है, उसका निर्णय तो सर्वोच्च न्यायालय कर ही देंगे। परन्तु एक सबसे बड़ा आरोप इस समय केजरीवाल जी पर दिल्ली की आमजनता का भी बनता है। केजरीवाल जी ने दिल्ली की आमजनता का विश्वास तोडा है। जिस विश्वास पर उन्हें दिल्ली की जनता ने दिल्ली की सत्ता उनके हाथ सौंपी थी, उस विश्वास को केजरीवाल जी ने शराब जैसे घोटाले का आरोपी होकर तार-तार कर दिया है। क्या दिल्ली की जनता इस टूटे विश्वास के लिए केजरीवाल जी को 18 वीं लोकसभा के चुनाव / Lok Sabha Elections में हरा कर अपने टूटे विश्वास का बदला लेगी? या केजरीवाल जी एक बार फिर से दया, सहानुभूति के द्वारा दिल्ली की जनता का विश्वास जितने में सफल रहेंगे। दिल्ली की जनता के भविष्य से खेल कर केजरीवाल जी आज जेल में है। दिल्ली का भविष्य और केजरीवाल जी का भविष्य आने वाले समय में क्या रहने वाला है। आइये यह केजरीवाल जी और आप पार्टी की कुंडली से देखते है -

आप पार्टी कुंडली | Aap Party Kundli

26-11-2012, 12-00, दिल्ली

आप पार्टी की कुंडली मकर लग्न, मेष राशि की है। इस समय कुंडली में शुक्र-शनि-केतु का प्रत्यंतर मई 2024 तक चलने वाला है। मकर लग्न के लिए महादशानाथ शुक्र योगकारक होते है। शुक्र यहाँ कर्म भाव में है। तुला राशि में शुक्र मालव्य योग बना रहा है, और उच्च के शनि के साथ है। कुंडली में शनि शश योग में है। मालव्य और शश जैसे अतिशुभ योगों ने केजरीवाल जी को रातों रात सफलता दी है। अन्तर्दशानाथ शनि लग्नेश और द्वित्येष है, उच्च के होकर शनि दशम भाव में स्थित है। महादशानाथ और अन्तर्दशानाथ शुक्र-शनि दोनों कर्म भाव में युति सम्बन्ध में है, दोनों एक अंश से भी कम के अंतर पर स्थित है और दोनों ही राहु के स्वाति नक्षत्र में है। जिसमें शनि लग्न (केंद्र और त्रिकोण दोनों) भाव और शुक्र पंचमेश और दशमेश होने के कारण अतिविशेष हो गए है।

आम आदमी पार्टी के हेड केजरीवाल जी है। Kundli में हेड के लिए सूर्य का विचार किया जाता है। यहाँ सूर्य-राहु के साथ उच्च महत्वकांक्षा के भाव एकादश में युति सम्बन्ध में है। सूर्य-राहु दोनों में दस अंश से भी कम का अंतर है, ऐसे में दोनों ग्रह एक-दूसरे के फलों को प्रभावित करने में पूर्ण रूप से समर्थ है। राहु-मंगल की वृश्चिक राशि में स्थित है, तथा राहु स्थित राशि का स्वामी मंगल द्वादश भाव (कारावास) के भाव में स्थित है। द्वादश भाव में स्थित मंगल पर लग्नेश (अन्तर्दशानाथ) की तीसरी दृष्टि है। यह सर्वविदित है की एकादश का राहु व्यक्ति को उच्चमहत्वकांक्षी बनाता है। राहु और सूर्य का अंशों में निकट होना, पार्टी हेड की ईमानदारी को संदेहजनक बनाता है। सूर्य अष्टमेश भी है, इसलिए पार्टी हेड को दिक्क्तें बनी ही रहेंगी। पार्टी का विस्तार तेजी से हो, इस भावना ने आम आदमी पार्टी के हेड को जेल में पहुंचा दिया है।

शुक्र महादशा में पार्टी का गठन हुआ। मई 2030 में शुक्र की महादशा समाप्त हो रही है। 2029 से 2030 की अवधि में आम आदमी पार्टी की कुंडली में शुक्र महादशा में केतु की अन्तर्दशा रहेगी। उस समय में विधानसभा चुनाव भी संभावित है। उस विधानसभा चुनाव का समय इस पार्टी के लिए आकाश से धरातल पर लाने वाला रहेगा। वर्त्तमान में शुक्र-शनि-केतु प्रत्यंतर मई 2024 तक रहेगा। तब तक पार्टी हेड के जेल में ही रहने के योग बन रहे हैं। इन आरोपों का नुकसान केजरीवाल जी को लोकसभा चुनाव में भुगतना पड़ सकता है।

केजरीवाल जी कुंडली

16-08-1968, जन्म समय 23-46, हिसार

केजरीवाल जी की कुंडली वृषभ लग्न, वृषभ राशि की है। इस समय उनकी कुंडली में शनि-बुध-केतु है। शनि महादशा में बुध अन्तर्दशानाथ है और केतु का प्रत्यंतर मार्च 2024 तक है। इनकी कुंडली में सूर्य और चन्द्रमा अपनी मूलत्रिकोण राशि में स्थित है। राहु एकादश भाव, गुरु की राशि मीन में है। और राहु स्थित राशि स्वामी गुरु चतुर्थ भाव में सूर्य, बुध और शुक्र की युति में है। गुरु-शुक्र-राहु ने इन्हें प्रथम बार सत्ता का स्वाद चखाया। इस समय शनि-बुध-केतु ने इन्हें जेल तक पहुंचाया।

आम आदमी पार्टी और केजरीवाल दोनों की कुंडली में केतु का प्रत्यंतर चल रहा है। और संयोग से दोनों ही कुंडलियों में राहु एकादश भाव में है। दोनों ही कुंडली में चतुर्थ भाव और दशम भाव पर चार ग्रह स्थित है। दोनों कुंडलियों में काफी समानता है। एक मई को गुरु केजरीवाल जी की जन्मराशि पर गोचर करेंगे, और आम आदमी पार्टी की कुंडली के पंचम भाव पर विचरण करने लगेंगे। मई माह तक का समय केजरीवाल जी के लिए कष्टकारी बना हुआ है। फिलहाल ग्रह गोचर आप पार्टी और केजरीवाल जी दोनों के लिए प्रतिकूल बना हुआ है। तब तक जेल में ही रहना पड़ सकता है।


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