भाग्य भाव में स्थित चंद्रमा का नक्षत्रानुसार फल विवेचन?
By: Future Point | 25-May-2022
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नवम भाव कुंडली का सर्वाधिक महत्वपूर्ण भाव है क्योंकि मानव का आधार उसका भाग्य है। यद्यपि शास्त्रों में पुरुषार्थ को महत्ता प्रदान की है, परंतु भाग्य तो बिना पुरुषार्थ भी श्रीहीन हो जाता है। नवम भाव मुख्यतः मानव के भाग्य से ही संबंधित है। नवम भाव में चंद्रमा की स्थिति अनुकूल मानी गई है। आईये अधिक जानकारी के लिये भाग्य अर्थात नवम भाव में नक्षत्रानुसार चंद्रमा की फल विवेचना करते हैं-
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चंद्रमा भाग्य भाव में अश्विनी नक्षत्र में
यदि नवम भाव में चंद्रमा अश्विनी नक्षत्र में स्थित हो तो जातक को भाग्य में बाधाएं प्राप्त करने वाला, उच्च शिक्षा में असफल, अत्यधिक लंबी यात्राएं करने वाला, प्रसिद्धि के प्रति लालायित रहने वाला और पैतृक संपत्ति से वंचित रहने वाला बनाता है।
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यदि नवम भाव में चंद्रमा भरणी नक्षत्र में
यदि नवम भाव में चंद्रमा भरणी नक्षत्र में स्थित हो तो जातक को अपने भाग्य से स्वयं ही नुकसान प्राप्त करने वाला, पैतृक संपत्ति का नाश करने वाला, गलत मित्र मंडली वाला, समाज में परिवार की प्रतिष्ठा कम करने वाला और चंचल स्वभाव वाला बनाता है।
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यदि नवम भाव में चंद्रमा कृत्तिका नक्षत्र में
यदि नवम भाव में चंद्रमा कृत्तिका नक्षत्र और मेष राशि में स्थित हो, तो जातक को व्यर्थ धार्मिक दिखावा अधिक करने वाला, समाज में व्यर्थ पंचायत करने वाला, आय से अधिक खर्च करने वाला, पारिवारिक चिंताओं से ग्रस्त तथा मानसिक रोगी बनाता है।
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चंद्रमा कृत्तिका नक्षत्र वृषभ राशि में
यदि नवम भाव में चंद्रमा कृत्तिका नक्षत्र और वृषभ राशि में स्थित हो, तो जातक को परिश्रम अधिक, आय कम प्राप्त करने वाला, धार्मिक कार्यों में रुचि रखने वाला, समाज का पदाधिकारी, गरीबों के प्रति सहानुभूति रखने वाला और भाग्यशाली बनाता है।
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नवम भाव में चंद्रमा रोहिणी नक्षत्र में
यदि नवम भाव में चंद्रमा रोहिणी नक्षत्र में स्थित हो, तो जातक को विद्वान, भाग्यशाली, धनवान, पराक्रमी, उच्चाधिकारी, धार्मिक कार्यों में रुचि रखने वाला तथा अपने परिवार की प्रतिष्ठा में वृद्धि करने वाला बनाता है। तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम. करूणानिधि की कुंडली में चंद्रमा की यही स्थिति है।
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चंद्रमा मृगशिरा नक्षत्र, वृषभ राशि में
यदि भाग्य भाव में चंद्रमा मृगशिरा नक्षत्र और वृषभ राशि में स्थित हो तो जातक को पराक्रमी, मंत्रणाशक्ति में प्रवीण, धनवान, प्रसिद्ध और समाज में प्रतिष्ठित व्यक्ति बनाता है।
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चंद्रमा मृगशिरा नक्षत्र, मिथुन राशि में
यदि नवम भाव में चंद्रमा मृगशिरा नक्षत्र और मिथुन राशि में स्थित हो तो जातक को धार्मिक स्वभाव वाला, विद्वान, धर्मभीरू, प्रसिद्ध और राज्य में उच्च अधिकारी बनाता है। मुगल सम्राट अकबर की कुंडली में चंद्रमा की यही स्थिति थी।
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चंद्रमा आर्द्रा नक्षत्र में
यदि नवम भाव में चंद्रमा आर्द्रा नक्षत्र में स्थित हो तो जातक व्यर्थ आडम्बरों पर अधिक विश्वास करने वाला, विद्वान, समाज में प्रतिष्ठित, राज्य से अच्छा लाभ प्राप्त करने वाला और धनवान बनाता है।
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चंद्रमा पुनर्वसु नक्षत्र मिथुन राशि में
यदि नवम भाव में चंद्रमा पुनर्वसु नक्षत्र और मिथुन राशि में स्थित हो तो जातक को विद्वान, परिवार की प्रतिष्ठा में वृद्धि करने वाला, अपने कार्यों में पूर्ण सफलता प्राप्त करने वाला बनाता है।
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चंद्रमा पुनर्वसु नक्षत्र कर्क राशि में
यदि भाग्य भाव में चंद्रमा पुनर्वसु नक्षत्र और कर्क राशि में स्थित हो तो जातक को धनवान, संभ्रान्त, अपने कार्यों के प्रति पूर्ण समर्पित, पिता का सुख न्यून प्राप्त करने वाला और परिवार के प्रति पूर्ण जिम्मेदारी रखने वाला बनाता है। एक रिटायर्ड सरकारी अधिकारी की कुंडली में चंद्रमा की यही स्थिति है। इस अधिकारी ने बचपन से ही पिता के अभाव में घर-परिवार की पूर्ण जिम्मेदारी निभाई।
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चंद्रमा पुष्य नक्षत्र में
यदि नवम भाव में चंद्रमा पुष्य नक्षत्र में स्थित हो तो जातक को विद्वान, धार्मिक विचारों वाला, तंत्र-मंत्र में प्रवीण, धनवान, समाज में प्रतिष्ठित और परिवार के प्रति पूर्ण जिम्मेदारी उठाने वाला बनाता है।
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चंद्रमा आश्लेषा नक्षत्र में
यदि नवम भाव में चंद्रमा आश्लेषा नक्षत्र में स्थित हो तो जातक को विद्या का व्यसनी, लिखाई-पढ़ाई करने वाला, सफल लेखक तथा समाज में प्रतिष्ठित बनाता है।
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चंद्रमा मघा नक्षत्र में
यदि नवम भाव में चंद्रमा मघा नक्षत्र में स्थित हो तो जातक को प्रतिष्ठित, संघर्ष के साथ भाग्योदय प्राप्त करने वाला, पराक्रमी, तेजस्वी और उच्च पदाधिकारी बनाता है। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़िया की कुंडली में चंद्रमा की यही स्थिति थी।
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चंद्रमा पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में
यदि नवम भाव में चंद्रमा पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में स्थित हो तो जातक को संघर्षमय जीवन व्यतीत करने वाला, भाग्य में बाधाएं अधिक प्राप्त करने वाला, धार्मिक कार्यों में रुचि रखने वाला, विदेश में प्रवासी, समाज में प्रतिष्ठित और ज्ञानी बनाता है।
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चंद्रमा उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र सिंह राशि में
यदि नवम भाव में चंद्रमा उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र और सिंह राशि में स्थित हो तो जातक को संघर्ष के साथ भाग्योदय करने वाला, विद्वान, लेखक, पिता का सुख न्यून प्राप्त करने वाला, आय कम मेहनत अधिक करने वाला, समाज में अपने व्यक्तित्व से प्रतिष्ठा प्राप्त करने वाला और अत्यधिक चिंतित रहने वाला बनाता है।
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चंद्रमा उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र कन्या राशि में
यदि चंद्रमा भाग्य भाव में उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र और कन्या राशि में स्थित हो तो जातक को त्यागी, संघर्षमय जीवन व्यतीत करने वाला, विद्वान, लेखक, अपने व्यक्तित्व से समाज को प्रभावित करने वाला, परिवार का सुख न्यून प्राप्त करने वाला बनाता है। भगवान महावीर स्वामी की जन्मकुंडली में चंद्रमा की यही स्थिति थी।
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चंद्रमा हस्त नक्षत्र में
यदि नवम भाव में चंद्रमा हस्त नक्षत्र में स्थित हो तो जातक को विद्वान, उच्च शिक्षित, पत्नी का सुख उत्तम प्राप्त करने वाला, अपने प्रभाव से व्यापार में वृद्धि करने वाला, प्रसिद्ध और समाज में प्रतिष्ठित बनाता है।
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चंद्रमा चित्रा नक्षत्र कन्या राशि में
यदि नवम भाव में चंद्रमा चित्रा नक्षत्र और कन्या राशि में स्थित हो, तो जातक को लेखक, समाज में नई विचारधारा लाने वाला, भाग्यशाली, पत्नी का सुख उत्तम प्राप्त करने वाला और परिवार से दूर रहने वाला बनाता है।
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चंद्रमा चित्रा नक्षत्र तुला राशि में
यदि भाग्य भाव में चंद्रमा चित्रा नक्षत्र और तुला राशि में स्थित हो तो जातक को पढ़ाई-लिखाई का शौकीन, सफल लेखक, समाज से विरोधाभास रखने वाला, कल्पना शक्ति में प्रवीण और जीवनसाथी का सुख कम प्राप्त करने वाला बनाता है। पंजाब की लेखिका अमृता प्रीतम की कुंडली में चंद्रमा की यही स्थिति है।
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चंद्रमा स्वाति नक्षत्र में
यदि नवम भाव में चंद्रमा स्वाति नक्षत्र में स्थित हो तो जातक को कल्पना शक्ति में प्रवीण, प्रसिद्धि युक्त कलाकार, लेखक, विद्वान बनाता है। सिनेमा स्टार अमिताभ बच्चन की कुंडली में चंद्रमा की यही स्थिति है।
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चंद्रमा विशाखा नक्षत्र तुला राशि में
यदि भाग्य भाव में चंद्रमा विशाखा नक्षत्र और तुला राशि में स्थित हो तो जातक को जीवन के पूर्वार्द्ध में असफलता तथा उत्तरार्द्ध में अत्यधिक सफलता प्राप्त करने वाला, प्रसिद्ध, धनवान और सफल कलाकार बनाता है।
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चंद्रमा विशाखा नक्षत्र वृश्चिक राशि में
यदि भाग्य भाव में चंद्रमा विशाखा नक्षत्र और वृश्चिक राशि में स्थित हो तो जातक को अत्यधिक कल्पनाएं करने वाला, मानसिक रोगी, अच्छा कलाकार, प्रेम प्रीति में असफलता प्राप्त करने वाला और प्रसिद्ध बनाता है। फिल्म अभिनेता और निर्माता गुरुदत्त की कुंडली में चंद्रमा की यही स्थिति थी।
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चंद्रमा अनुराधा नक्षत्र में
यदि नवम भाव में चंद्रमा अनुराधा नक्षत्र में स्थित हो तो जातक को विद्वान, उच्च शिक्षा पाने वाला, सफल लेखक, कथाकार, धार्मिक उपदेशक, पिता का सुख न्यून प्राप्त करने वाला तथा कुशाग्र बुद्धिमान बनाता है।
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चंद्रमा ज्येष्ठा नक्षत्र में
यदि नवम भाव में चंद्रमा ज्येष्ठा नक्षत्र में स्थित हो तो जातक को विद्वान, उच्च शिक्षित, धार्मिक, शास्त्रों में रूचि रखने वाला, संतान से लाभ प्राप्त करने वाला और अत्यधिक चिंताएं करने वाला बनाता है।
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चंद्रमा मूल नक्षत्र में
यदि नवम भाव में चंद्रमा मूल नक्षत्र में स्थित हो तो जातक को जनप्रिय, तेजस्वी, राज्य से विशेष लाभ प्राप्त करने वाला, प्रसिद्ध और परिवार की प्रतिष्ठा में वृद्धि करने वाला बनाता है। ऐसे जातक लंबी यात्राएं अधिक करते हैं। पाकिस्तान के क्रिकेट खिलाड़ी इंजमाम उल हक की कुंडली में चंद्रमा की यही स्थिति है।
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चंद्रमा पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में
यदि नवम भाव में चंद्रमा पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में स्थित हो तो जातक को तेजस्वी, प्रसिद्ध, परिवार की प्रतिष्ठा में वृद्धि करने वाला, जनप्रिय और धनवान बनाता है। अभिनेता सलमान खान की कुंडली में चंद्रमा की यही स्थिति है।
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चंद्रमा उत्तराषाढ़ा नक्षत्र धनु राशि में
यदि भाग्य भाव में चंद्रमा पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र और धनु राशि में स्थित हो तो जातक को विद्वान, जनप्रिय, राज्य से लाभ प्राप्त करने वाला, धार्मिक विचारों वाला तथा समाज में प्रतिष्ठित बनाता है। भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री श्री गुलजारी लाल नंदा की कुंडली में चंद्रमा की यही स्थिति है।
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चंद्रमा उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, मकर राशि में
यदि नवम भाव में चंद्रमा उत्तराषाढ़ा नक्षत्र और मकर राशि में स्थित हो तो जातक को पराक्रमी, कलाकार, जनसेवक, अत्यधिक यात्राएं करने वाला, भाईयों से विशेष स्नेह प्राप्त करने वाला तथा प्रसिद्ध बनाता है। फिल्म अभिनेता तथा भाजपा नेता शत्रुघ्न सिन्हा की जन्म कुंडली में चंद्रमा की यही स्थिति है।
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चंद्रमा श्रवण नक्षत्र में
यदि नवम भाव में चंद्रमा श्रवण नक्षत्र में स्थित हो तो जातक को तेजस्वी, पराक्रमी, चंचल स्वभाव वाला, धनवान, बहनों से विशेष लाभ प्राप्त करने वाला, प्रसिद्ध और भाग्यवान बनाता है।
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चंद्रमा धनिष्ठा नक्षत्र, मकर राशि में
यदि नवम भाव में चंद्रमा धनिष्ठा नक्षत्र और मकर राशि में स्थित हो तो जातक को भाग्य में बाधाएं प्राप्त करने वाल, व्यर्थ बदनामी प्राप्त करने वाला, पिता का सुख न्यून प्राप्त करने वाला तथा धार्मिक आडम्बरों में रूचि अधिक रखने वाला बनाता है।
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चंद्रमा धनिष्ठा नक्षत्र कुंभ राशि में
यदि भाग्य भाव में चंद्रमा धनिष्ठा नक्षत्र और कुंभ राशि में स्थित हो तो जातक को धनवान, बचपन संघर्षमय व्यतीत करने वाला, पिता से धन प्राप्त करने वाला, धार्मिक आडम्बरों में रूचि अधिक रखने वाला, अपने मित्र-बंधुओं से धोखा प्राप्त करने वाला और तुनक-मिजाजी बनाता है।
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चंद्रमा शतभिषा नक्षत्र में
यदि भाग्य भाव में चंद्रमा शतभिषा नक्षत्र में स्थित हो तो जातक को बचपन में संघर्ष करने वाला, पिता से धन प्राप्त करने वाला, धार्मिक आडम्बरों में रूचि रखने वाला, अपने बंधु-मित्रों से धोखा प्राप्त करने वाला और धनवान बनाता है।
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चंद्रमा पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र व कुंभ राशि में
यदि नवम भाव में चंद्रमा पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र और कुंभ राशि में स्थित हो तो जातक को विद्वान, जीवन के पूर्वार्द्ध में संघर्ष और उत्तरार्द्ध में भाग्योदय प्राप्त करने वाला, धनवान, मित्रों का पूर्ण सहयोग, प्रसिद्धि और धार्मिक कार्यों पर व्यय अधिक करने वाला बनाता है। टी. सिरीज के मालिक स्व. गुलशन कुमार की कुंडली में चंद्रमा की यही स्थिति थी।
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चंद्रमा पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र मीन राशि में
यदि नवम भाव में चंद्रमा पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र और मीन राशि में स्थित हो, तो जातक को प्रसिद्ध, अत्यंत भाग्यशाली, राज्य से विशेष लाभ प्राप्त करने वाला, नेतृत्व शक्ति में प्रवीण और शारीरिक सौष्ठव पर ध्यान अधिक देने वाला बनाता है। उत्तर प्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की कुंडली में चंद्रमा की यही स्थिति है।
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चंद्रमा उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में
यदि नवम भाव में चंद्रमा उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में स्थित हो तो जातक को विद्वान, उच्च पदाधिकारी, तेजस्वी, उग्र स्वभाव, धार्मिक कार्यों में रूचि रखने वाला और प्रसिद्ध बनाता है। स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक की कुंडली में चंद्रमा की यही स्थिति थी।
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चंद्र रेवती नक्षत्र में
यदि नवम भाव में चंद्रमा रेवती नक्षत्र में स्थित हो तो जातक को विद्वान, उच्च शिक्षित, भाग्यशाली, प्रसिद्ध, धनवान और परिवार की प्रतिष्ठा में वृद्धि करने वाला बनाता है। ऐसे जातक जिद्दी और उग्र स्वभाव वाले भी होते हैं। पं. मोतीलाल नेहरू की कुंडली में चंद्रमा की यही स्थिति थी।