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साल 2023 में ग्रहों की दशा और स्थिति बदलने से आपके जीवन के कई पहलुओं में बदलाव आएंगे। नया आपकी लव लाइफ में भी काफी बड़े बदलाव कर सकता है।
प्राचीन हिंदू ज्योतिष में राहू और केतु को छाया ग्रह माना गया है। राहू को सबसे शक्तिशाली ग्रहों में से एक माना गया है और इसका अपना एक अलग महत्व है। राहू एक राशि में लगभग 18 महीने तक रहता है। राहू के गोचर का प्रभाव लगभगर हर राशि पर पड़ता है। राहू की स्थिति के कारण व्यक्ति की सांसारिक वस्तुओं के प्रति इच्छा बढ़ जाती है। राहू तीसरे, छठे और ग्यारहवें भाव में होने पर लाभ देता है। वहीं अगर राहु पहले, दूसरे, चौथे, पांचवे, सातवें, आठवें, नौवें, दसवें और बारहवें भाव में हो तो व्यक्ति को इसके बुरे परिणाम देखने पड़ते हैं।
वैदिक ज्योतिष में शनि को न्याय का कारक माना गया है जो व्यक्ति को उसके कर्मों का फल देते हैं। यही वजह है कि शनि को कार्मिक ग्रह भी कहा जाता है। वर्ष 2023 में शनि ग्रह गोचर मकर राशि से कुंभ राशि में होगा। शनि गोचर 2023 17 जनवरी को शाम 5 बजकर 4 मिनट पर होगा। शनि देव मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे और इस राशि में पूरे एक साल तक रहेंगे। इसी साल 30 जनवरी को रात के 12 बजकर 2 मिनट से लेकर रात के 11 बजकर 36 मिनट पर शनि अस्त होंगे। इसके बाद 17 जून 2023 को रात के 10 बजकर 48 मिनट पर शनि वक्री होंगे और फिर 4 नवंबर को सुबह 8 बजकर 26 मिनट पर सीधी चाल चलेंगे।
छात्रों और उनके माता-पिता को अक्सर बच्चे के करियर की चिंता रहती है। बच्चा अपने भविष्य में क्या करेगा, क्या बनेगा, परीक्षा में उसका कैसा प्रदर्शन और परिणाम रहेगा, यह सब बातें माता-पिता के मन को परेशान करती रहती हैं।
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