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ज्योतिष क्षेत्र में जन्मकुंडली के अलावा जातक का वर्ष कैसा रहेगा उसके लिए वर्षफल का अध्ययन एवं विवेचन अत्यंत आवश्यक होता है । वर्षफल में ताजिक नीलकंठी विशेष रूप से ज्योतिष ग्रंथ माना गया है। इसी को ध्यान में रखते हुए इस पुस्तक की रचना की गई है। इस पुस्तक में वर्षकुंडली बनाने की विधि, मुन्था गणना, ताजिक दृष्टि, ग्रहों का बल निर्धारण, वर्ष पंचाधिकारी एवं वर्षेश निर्णय, मुद्दा दशाएं एवं उनका फल, वर्षेश फल विचार, ताजिक योग, सहम, त्रिपताकी चक्र एवं उपग्रह आदि की विस्तृत जानकारी दी गई है ।
इस पुस्तक के माध्यम से ज्योतिष के विद्यार्थी एवं ज्योतिष विद्वजन वर्षकुंडली से जुड़े सभी पहलुओं को आसानी से समझ पाएंगे । विषय को व्यावहारिक बनाने के उद्देश्य से उदाहरण कुंडली के माध्यम से सभी प्रकार की रचना, गणना तथा फल विचार को सरल रूप में प्रस्तुत किया गया है। इस पुस्तक के अंतर्गत उपग्रहों की गणना तथा फलों को भी सम्मिलित किया गया है। सभी अध्यायों के अंत में विद्यार्थियों के अभ्यास हेतु प्रश्नों को भी सम्मिलित किया गया है। इससे न केवल विद्यार्थीगण विषय को पूर्ण रूप से समझने में सक्षम होंगे अपितु उन्हें परीक्षा पत्र में आने वाले प्रश्नों का भी अनुमान हो सकेगा ।