शतभिषा नक्षत्र का फल

नक्षत्रों की श्रेणी में शतभिषा नक्षत्र (Shatabhisha Nakshatra) 24वें स्थान पर है। यह नक्षत्र शनि की राशि कुम्भ में आता है। और इसका स्वामी ग्रह राहु है। 100 तारों का एक गोलाकार झुंड होता है। कुछ विद्वान इसे एक तारे वाला नक्षत्र मानते हैं तो अन्य आसपास के सौ तारों को मिलाकर इसे शतभिषा अर्थात सौ तारों वाला नक्षत्र मानते हैं। वहीं शतभिष्क् शब्द 100 का वाचक है इसलिए इसे संख्या के आधार पर नामकरण प्राप्त है। इसे शततारक के नाम से भी पुकारा जाता है। विद्वानों अनुसार शतभिषा का आकार वृत्ताकार होता है। तो कुछ के अनुसार इसे चमत्कारी कड़ा, मंडल के रुप में देखा जाता है। यह तारे या फूल की तरह दिखायी देता है। इस नक्षत्र का देवता वरुण और लिंग नपुंसक है।

आकाश में यह सबसे बड़ा तारा मंडल है जिसे वैतरणी नाम दिया है। शतभिषा नक्षत्र का देवता वरुण है। जो वर्षा का देवता और आदित्यों में से एक आदित्य है। शतभिषा के 100 तारे, 100 औषधिया, 100 आरोग्यकर है। इसका महत्वपूर्ण तथ्य इसकी गोपनीयता है। हालाकि, अनुराधा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा में भी गोपनीय प्रभाव है, परन्तु शतभिषा जीवनशक्ति गोपनीयशक्ति से प्राप्त करता है। यह कपट और निर्जनता आधारित इलेक्ट्रॉनिक मीडिया है। इसकी जाति क्रूर शूद्र, योनि अश्व, योनि वैर महिष, गण राक्षस, नाड़ी आदि है। यह दक्षिण दिशा का स्वामी है।

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व्यक्तित्व -

यदि आपका जन्म शतभिषा नक्षत्र में हुआ है तो आप कोमल शरीर के, माथा चौडा़, नेत्र आकर्षक और चेहरे में चमक होती है। आपकी स्मरण शक्ति अच्छी होती है। आप “सत्यमेव जयते” की नीति पर चलते हैं यानी सत्य के लिए प्राण देने से भी संकोच नहीं करते। आपमें सत्य के प्रति विशेष लगाव होता है, आप गलत बात बर्दाश नहीं करते हैं। धार्मिक रुप से मान्यताओं पर चलने वाले होते हैं। निर्णय लेने में आपको सदैव दुविधा का सामना करना पडता है जिसके कारण आपको व्यावसायिक जीवन और व्यक्तिगत जीवन दोनों में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आपके कुछ जन्मजात सिद्धांत हैं और अपने जीवन के इन सिद्धांतों से न हट पाने के कारण आपका लोगों से प्रायः टकराव होता रहता है। आप सत्यनिष्ठ, सत्य के लिए बलिदान देने से भी पीछे न हटने वाले और निःस्वार्थ प्रवृत्ति के हैं। आपका हृदय अत्यंत कोमल है। आपका लक्ष्य निःस्वार्थ सेवा करना है और आप धार्मिक मान्यताओं को अपनाने पर ज़ोर देते हैं। आप हिम्मत वाले हैं व आपके अंदर साहस भरा हुआ है। आपके इरादे काफ़ी मज़बूत और बुलंद हैं, एक बार आप जो तय कर लेते हैं उसे पूरा करके ही दम लेते हैं। आपको अपनी ज़िम्मेदारियों का भी एहसास है इसलिए आप अपनी ज़िम्मेदारी को पूरी तरह निभाने की कोशिश करते हैं। आपकी सोच राजनीति से प्रेरित है और आप राजनीतिक दाँव-पेंच में भी माहिर हैं। ज़्यादा शारीरिक श्रम करने में आप विश्वास नहीं करते हैं अर्थात शारीरिक शक्ति की अपेक्षा बुद्धि का इस्तेमाल अधिक करने में भरोसा करते हैं।

आप बुद्धिमान होते हैं जीवन में बौद्धिक कार्यो के कारण सफल होते हैं। आप सदाचारी प्रकृति के होते हैं, धर्म-कर्म के कार्यो में रुचि लेते हैं, जिस कारण आपका आध्यात्मिक विकास और उन्नति अच्छी होती है। आपकी विचारधारा स्वच्छंद है अत: साझेदारी की अपेक्षा स्वतंत्र रूप से कार्य करना आपको ज़्यादा अच्छा लगता है। आपके स्वभाव में थोड़े आलस्य का समावेश भी है और आप मौज-मस्ती करना पसंद करते हैं। आराम की ज़िन्दग़ी जीने में आपको आनंद आता है। मशीन की तरह काम करना आपको पसंद नहीं है बल्कि आप स्वतंत्र रूप से अपने अंदाज़ में जीवन का लुत्फ़ लेना चाहते हैं। किसी भी स्थिति में आप घबराते नहीं हैं बल्कि परिस्थितियों एवं परेशानियों का डटकर मुक़ाबला करना पसंद करते हैं।

कार्यक्षेत्र में आप पूरी लग्न और मेहनत के साथ काम करते हैं और निरंतर प्रगति के पथ पर आगे बढ़ते हैं। अच्छी शिक्षा के कारण आप जीवन में बहुत पहले ही अपने करियर का आरंभ कर लेते हैं। आपके अन्दर का विश्वास और ताक़त आपको बल प्रदान करता है जिससे आप कठिन-से-कठिन स्थिति पर विजय प्राप्त करते हैं। आपके व्यक्तित्व की एक विशेषता यह भी है कि अगर कोई आपसे शत्रुता करता है तो आप उसे पराजित करके ही दम लेते हैं। वैसे तो आपको क्रोध नहीं आता लेकिन जब आता है तब आपको रोक पाना कठिन होता है। लेकिन कोमल हृदय और बुद्धिमान होने के कारण आपका ग़ुस्सा शीघ्र ही काफ़ूर भी हो जाता है। एक बार आप जो निर्णय कर लेते हैं फिर उससे पीछे नहीं हटते। जीवन के हर क्षेत्र में आप सफल होते हैं क्योंकि आप सक्षम व मेधावी हैं। आप दिखावेबाज़ी में विश्वास नहीं करते और प्रदर्शन करने से अक्सर बचते हैं, परंतु बातचीत के दौरान सामने वाला आपकी प्रतिभा का क़ायल हो जाता है। आपकी स्मरण-शक्ति काफ़ी विलक्षण है और एक बार आप जो पढ़ लेते हैं वो लंबे समय तक आपको याद रहता है। आपमें सहित्यिक प्रतिभा छुपी हुई है और बहुत जल्दी आपकी यह प्रतिभा प्रकाश में भी आ जाती है। अपने अच्छे स्वभाव के कारण आप समाज में लोकप्रिय हैं।

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व्यवसाय -

आप ऊँची-से-ऊँची शिक्षा प्राप्त करने के योग्य हैं। मनोविज्ञान व स्पर्श-चिकित्सा के क्षेत्र में आप दक्षता प्राप्त कर सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र के प्रति भी आपकी गहन रुचि है और आप एक अच्छे व सुलझे हुए विद्वान ज्योतिषी भी बन सकते हैं। आपमें चिकित्सा के क्षेत्र में नाम कमाने की भी क्षमता है। आप अपने साहस और बल से अपने शत्रुओं को परास्त करते हैं। आप बिजली का काम करने वाले कारीगर या इलैक्ट्रीशियन, प्रौद्योगिकी क्षेत्र में अच्छा कर सकते हैं। आप कीमोथेरेपी चिकित्सक, अंतरिक्ष यात्री, अंतरिक्ष वैज्ञानिक या ज्योतिषी, पायलेट, सैन्य कला प्रशिक्षक, फ़िल्म व दूरदर्शन से जुड़े कार्य, फ़िल्म अभिनेता व कलाकार, मॉडल, फ़ोटोग्राफ़र, विज्ञान के शिक्षक या लेखक, परमाणु भौतिकी से जुड़े क्षेत्र, औषधि निर्माण से जुड़े कार्य, वैद्य या शल्य चिकित्सक, मदिरा निर्माण या मादक पदार्थों से जुड़े कार्य, प्लास्टिक या प्लास्टिक निर्माण से जुड़े कार्य, पेट्रोलियम से जुड़े कार्य, योग शिक्षक, आविष्कारकर्ता आदि कार्य करके सफल जीवन जी सकते हैं।

पारिवारिक जीवन-

यदि आपका जन्म इस नक्षत्र में हुआ है तो आप अपने परिवार के सदस्यों को बहुत प्यार करते हैं, लेकिन परिवार से आपको ज्यादा प्यार  नहीं मिल पता है। अपनी उदारता के कारण आप बिना मांगे सबकी सहायता करने को तत्पर रहते हैं परंतु स्वयं आपको मानसिक परेशानियों से गुज़रना पड़ता है। विशेषतः भाईयों से आपका मनमुटाव हो सकता है। माता-पिता से आपको पूर्ण स्नेह प्राप्त होगा। आपका वैवाहिक जीवन संतुष्टिपूर्ण रहेगा क्योंकि आप अपने जीवनसाथी से निःस्वार्थ प्रेम करेंगे। आपके जीवनसाथी को उदारता की प्रतिमूर्ति कहा जा सकता है वे परिवार का पूरा ख़्याल रखेंगे और बड़ों का भी ख़ूब सम्मान करेंगे। वे नेकी कर और दरिया में डाल वाली उक्ति पर चलकर जीवन जिएंगे।

स्वास्थ्य -

शतभिषा नक्षत्र में देह कष्ट, मुख में पीडा़, टांगों और जंघा में दर्द, नशे के सेवन द्वार शारीरिक कष्टों का प्रभाव देखा जा सकता है। यह भचक्र का चौबीसवाँ नक्षत्र है और इसका स्वामी राहु है। जब्डा़, घुटनों व टखनों के बीच का भाग, पैर की नलियों की मांस पेशियाँ इस नक्षत्र के अन्तर्गत आती हैं। इसी के साथ इस नक्षत्र को वायु विकार देने वाला मना जाता है, यह नक्षत्र जब पीड़ित होता है तब इन अंगों से संबंधित रोग होने की संभावना बन सकती है।

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सकारात्मक पक्ष :-

यदि कुंडली में शनि और राहु का प्रभाव अच्छा है तो जातक रहस्यमय, दार्शनिक और वैज्ञानिक जैसे विचारों से संपन्न होकर उच्च सैद्धांतिक आचरण का होता है। इस नक्षत्र के प्रबल प्रभाव में आने वाले जातक आत्मविश्वास से भरपूर होते हैं। शतभिषा नक्षत्र में जन्म होने से जातक साहसी, दाता, कठोर चित्त, चतुर, अल्पभोजी तथा कालज्ञ होता है। ऐसा जातक महत्वाकांक्षी, सात्विक जीवन जीने वाला सदाचारी, साधु-संतों का प्रेमी तथा धार्मिक होता है।

नकारात्मक पक्ष :-

राहु को शतभिषा नक्षत्र का शासक ग्रह माना जाता है। खराब राहु को मिथ्याओं, रहस्यों तथा गुप्त ज्ञान तथा जादुई घटनाओं की ओर झुकाव करने वाला माना जाता है इसलिए राहु ग्रह का प्रभाव यदि ठीक नहीं है तो जातक फालतू की विद्याओं के चक्कर में जीवन खराब कर लेता है। ऐसा जातक व्यसनयुक्त, बिना विचारे काम करने वाला, किसी के वश में न होने वाला तथा शत्रुओं को जीतने वाला होता है। साथ ही जातक कृपण, परस्त्रीगामी तथा विदेश में रहने की कामना करने वाला भी होता है। इस तरह के स्वभाव के चलते वह कभी अपने परिजनों को सुख नहीं देता।

शतभिषा नक्षत्र वैदिक मंत्र -

ॐ वरुणस्योत्त्मभनमसिवरुणस्यस्कुं मसर्जनी स्थो वरुणस्य,

ॠतसदन्य सि वरुण स्यॠतमदन ससि वरुणस्यॠतसदनमसि ।

ॐ वरुणाय नम:।

उपाय -

शतभिषा नक्षत्र के जातक के लिए भगवान शिव की उपासना करना बेहद लाभकारी होता है। 

भगवान शिव के "ऊँ नम: शिवाय" मंत्र का जाप एक माला करना भी हितकारी होता है।

शनिवार, चतुर्दशी तिथि, सावन मास के अंतिम नौ दिन और चंद्रमा के शतभिषा में गोचर के समय "ऊँ लं" मंत्र का जाप किया जाए तो वह प्रभावशाली होता है। 

जातक के लिए नीले रंग के वस्त्र शुभता प्रदान करने में सहायक होते हैं।

अन्य तथ्य -

  • नक्षत्र - शतभिषा
  • राशि - कुम्भ
  • वश्य - नर
  • योनी - अश्व
  • महावैर - महिष
  • गण - राक्षस
  • नाडी़ - आदि
  • तत्व - वायु
  • स्वभाव(संज्ञा) - चर
  • नक्षत्र देवता - वरूण
  • पंचशला वेध - स्वाति
  • प्रतीक - चक्र, वृत्त
  • रंग - नीला
  • वृक्ष - कदम्ब
  • अक्षर - ग और ज
  • देवता - वरुण
  • नक्षत्र स्वामी - राहु
  • राशि स्वामी - शनि
  • शारीरिक गठन – सामान्य

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