पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र का फल

27 नक्षत्रों की श्रृंखला में पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र का ग्यारहवां नक्षत्र होता है। पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र नक्षत्र राशिचक्र में 133:20 डिग्री से 146.40 डिग्री तक के विस्तार क्षेत्र में आता है। पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र सिंह राशि में 13 डिग्री 20 कला से 26 डिग्री 40 कला तक होता है। पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के अधिष्ठाता देवता भग हैं जो सूर्य की माता अदिति के बारह पुत्रों में से एक हैं। सूर्य राशि स्वामी और नक्षत्र स्वामी शुक्र हैं। पूर्वा फाल्गुनी का शाब्दिक अर्थ है- पहले आने वाला लाल रंग। यह झूले, सोफ़े या बिस्तर के अगले पाये की तरह दिखायी देता है। पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के प्रतीक दो तारे हैं जो एक वर्ग के दो किनारों पर स्थित होने के समान दिखाई देते हैं। शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को पूर्वाफाल्गुनी से संबंधित तिथि मानी जाती है।

इस नक्षत्र का स्वामी शुक्र है और इसके चारों चरण सिंह में आते हैं। सूर्य अग्नितत्व प्रधान है तो शुक्र कला, सौंदर्य, धन का कारक है। इस नक्षत्र की दशा चंद्र की स्थिति अनुसार होती है। पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में जन्म होने पर जन्म राशि सिंह तथा राशि स्वामी सूर्य, वर्ण क्षत्रिय, वश्य चतुष्पद, योनि मूषक, महावैर योनि बिडाल, गण मानव तथा नाड़ी मध्य हैं। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक पर जीवनभर सूर्य और शुक्र का प्रभाव बना रहता है।

व्यक्तित्व -

सूर्य की राशि (सिंह) तथा शुक्र के नक्षत्र में उत्पन्न हुए जातक प्रायः मधुरभाषी, चतुर अनेक कलाओं में कुशल, विद्वान, सुन्दर आकृति एवं उदारचित्त तथा कोमल हृदय के स्वामी होते हैं। स्वभावतः ऐसे जातक कवि, विलास और आराम के शौकीन, ईमानदार, सत्यवादी, आत्मकेंद्रित, संगीतज्ञ, बहुमूल्य वस्तुओं, वस्त्रों और आभूषणों के प्रेमी, शीघ्र ही प्रसन्न हो जाने वाले होते हैं। इनमें आत्मविश्वास कूट कूट कर भरा होता है तथा नेतृत्व की क्षमता बचपन से ही होती है। इन्ही सब कारणों से इनके अधीनस्थ कर्मचारी इनसे भय खाते हैं। परिवार में भी ये एक मुखिया की भूमिका में रहते हैं। सभी छोटे बड़े कार्यों के लिए इनका परामर्श आवश्यक समझा जाता है तथा सभी सदस्य इनके द्वारा कहे गये वचनों को आज्ञा समझ कर पालन करते हैं।

इस नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति कला और साहित्य में भी रूचि रखते हैं। आराम करना इन्हें बहुत पसंद होता है। आमतौर पर यह आराम पूर्वक अपना काम करना पसंद करते हैं। इनका सामाजिक दायरा बड़ा होता है क्योंकि नए-नए लोगों से दोस्ती करने का इन्हें शौक रहता है। ये संगीत, कला और साहित्य के अच्छे जानकार होते हैं क्योंकि इन विषयों के प्रति इनकी बचपन से रुचि है। इनकी विचारधारा शांत है। नैतिकता और सच्चाई के रास्ते पर चलकर जीवन जीना इनको पसंद है। प्रेम का स्थान आपके जीवन में सर्वोपरि है क्योंकि प्रेम को ये अपने जीवन का आधार मानते हैं। मार-पीट, लड़ाई झगड़ों से दूर रहना इनको पसंद है क्योंकि ये शांतिप्रिय हैं। कोई कलह या विवाद होने पर ये बहुत शांतिपूर्ण तरीक़े से उसका समाधान निकालते हैं, परन्तु जब इनके मान-सम्मान पर कोई आँच आती है तो विरोधियों को परास्त करने में भी ये पीछे नहीं रहते हैं। दोस्तों और अच्छे लोगों का दिल से स्वागत करना भी ये बख़ूबी जानते हैं।

अंतर्ज्ञान की शक्ति इनमें जन्म-जात होती है, इसलिए लोगों की भावनाओं को ये पहले से ही भाँप जाते हैं। स्वभाव से ये परोपकारी होते हैं। और घूमने-फिरने के शौक़ीन होते हैं। ईमानदारी से कार्य करना इनको पसंद है और जीवन में तरक़्क़ी के लिए और आगे बढ़ने के लिए ये सदैव अच्छे और सच्चे मार्ग को चुनते हैं। जीवन में किसी-न-किसी एक क्षेत्र में ये विशेष ख्याति प्राप्त करते हैं, फिर भी किसी कारण से इनका मन अशांत रहता है। दूसरों की मदद के लिए ये उनकी याचना करने से पहले ही हाज़िर हो जाते हैं क्योंकि इनमें जन्मजात सहानुभूति है। ये स्वतंत्रता-प्रिय हैं इसलिए किसी बंधन में फँसना इनको पसंद नहीं है। ऐसा कोई भी कार्य करना इनको पसंद नहीं है जिसमें दूसरों के अधीन होकर काम करना पड़े। इनमें एक ख़ासियत यह है कि नौकरी में होने पर भी अपने अधिकारी की चापलूसी नहीं करते, इसलिए अपने वरिष्ठ अधिकारियों की कृपादृष्टि से ये वंचित रह जाते हैं। दूसरों के सहारे ये कोई लाभ नहीं लेना चाहेंगे क्योंकि ये त्यागी मनोवृत्ति के हैं। परिवार से आपका विशेष लगाव है और ये अपने परिवार के लिए सब कुछ न्यौछावर करने को तैयार रहते हैं।

कार्य-व्यवसाय -

इस नक्षत्र में उत्पन्न जातक स्वतंत्र होकर काम करना पसंद करता है। किसी बंधन में बंधकर काम करना इन्हें बिलकुल भी नही भाता, यह जातक ईमानदारी पूर्वक अपना काम करता है। कार्य स्थल पर चापलूसी के काम नही करता और इसी कारण अपने अधिकारियों की कृपा दृष्टि से वंचित रहता है। अवैध कार्यों से दूर रहने वाला होता है, रोजगार के क्षेत्र में वह प्राय: अपने काम बदलता रहता है। आयु के 22, 27, 30, 32, 35, 37 और 44 वर्ष नौकरी और व्यवसाय के लिए महत्वपूर्ण रहेंगे। वैज्ञानिक विषयों एवं लेक्चरार के कामों में सफलता मिलती है। डाक्टर, नर्स चिकित्सक, प्राणी विज्ञान पर्यटन से जुड़े काम इनके लिए अनुकूल होते हैं। आप सरकारी कर्मचारी, उच्च अधिकारी, स्त्रियों के वस्त्राभूषण व सौंदर्य-प्रसाधन के निर्माता या विक्रेता, जनता का मनोरंजन करने वाले कलाकार, मॉडल, फ़ोटोग्राफ़र, गायक, अभिनेता, संगीतज्ञ, विवाह के लिए वस्त्राभूषण या उपहार सामग्री का व्यापार करने वाले, जीव विज्ञानी, आभूषण निर्माता, सूती, ऊनी या रेशमी वस्त्र के कार्य करने वाले आदि हो सकते हैं।

पारिवारिक जीवन -

इनका पारिवारिक जीवन सुखी होगा। ये परिवार में सभी के प्रति प्रेम और एकता की भावना रखने वाले होते हैं जीवनसाथी और बच्चे अच्छे स्वभाव के होते हैं और उनसे भरपूर सुख प्राप्त होता है। इनका जीवनसाथी कर्तव्यनिष्ठ होता है और अपने परिवार के लिए सब कुछ न्योछावर करने को तत्पर रहता है। ये प्रेम-विवाह भी कर सकते हैं या किसी पूर्व परिचित व्यक्ति से विवाह कर सकते हैं। जीवन साथी का सुख मिलता है और संतान के प्रति भी प्रेम की प्राप्ती होती है। परिवार से दूर जाकर जीवन व्यतीत करता है। परिवार के प्रति सभी कुछ न्योछावर करने वाला होता है। पर कभी-कभी इनमें भी जिद्दी पन या हठ की स्थिति दिखाई पड़ती है। यह स्वयं को अधिक बुद्धिमान और दूसरों को बेवकूफ समझ सकते हैं। इनकी यह सोच परिवार में विवाद का कारण भी बन सकती है। अपने आस-पड़ोस से इसके अनुकूल संबंध होते हैं। शुक्र से प्रभावित होने के कारण विपरीत लिंग के प्रति इनका एक विशेष आकर्षण होता है, जिसके चलते इन्हें विवाह से संबंधित मसलों में कई विवादों का सामना भी करना पड़ सकता है।

स्वास्थ्य -

यह ग्यारहवाँ नक्षत्र है और इसका स्वामी ग्रह शुक्र है। इस नक्षत्र के अन्तर्गत मेरुदंड व दिल आता है और जब भी यह नक्षत्र पीड़ित होता है तब इन दोनों से संबंधित कोई शारीरिक समस्या हो सकती है। व्यक्ति को दांत से संबंधित रोग और पेट की समस्याएं प्रभावित कर सकती हैं। मधुमेह का प्रभाव भी इस नक्षत्र के जातक पर हो सकता है। महिलाओं में मासिक धर्म से संबंधी दिक्कते हो सकती हैं अस्थमा एवं पीलिया अथवा श्वास की समस्याएं प्रभाव डाल सकती हैं।

अनुकूल गतिविधियां:- विवाह, प्रणय, यौन-क्रिया, पुराने विवादों को हल करना, विरोधियों का सामना करना, आराम, विश्राम, आनंद, कलात्मक गतिविधियाँ, गायन, संपत्ति ख़रीदना, कामुकता, मनोरंजन और सत्ताधारी लोगों से व्यवहार करने के लिए यह नक्षत्र उत्तम है।

प्रतिकूल गतिविधियां:- नई परियोजनाएं या गतिविधियां शुरू करना, नम्रता का अभ्यास करना, बौद्धिक गतिविधियाँ, उपचार या किसी बीमारी से उभरना आदि।

पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र वैदिक मंत्र -

ॐ भगप्रणेतर्भगसत्यराधो भगे मां धियमुदवाददन्न: ।

भगप्रजाननाय गोभिरश्वैर्भगप्रणेतृभिर्नुवन्त: स्याम: ।

ॐ भगाय नम: ।

उपाय -

पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के बुरे प्रभावों से बचने के लिए जातक को माँ लक्ष्मी का पूजन करना चाहिए।

भगवान शिव की पूजा अराधना एवं शिवलिंग पूजन करने से दुख कलेशों का नाश होता है।

हीरा तीन रत्ती का सोने की अंगुठी में जड़वा कर शुक्रवार के दिन धारण करें।

अन्य तथ्य -

  • नक्षत्र - पूर्वा फाल्गुनी
  • राशि - सिंह
  • वश्य - चतुष्पद
  • योनी - मूषक
  • महावैर - बिडाल
  • राशि स्वामी - सूर्य
  • गण - मनुष्य
  • नाडी़ - मध्य
  • तत्व - अग्नि
  • स्वभाव(संज्ञा) - उग्र
  • नक्षत्र देवता - भग-सूर्य
  • पंचशला वेध - अश्विनी

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