कृतिका नक्षत्र का फल

ज्योतिष के अनुसार कृत्तिका नक्षत्र का स्वामी ग्रह सूर्य है। यह आकाश में अग्निशिखा की तरह दिखाई देता है। यह लौ, छुरे की धार, कुल्हाड़ी, या चाकू की तरह दिखायी देता है। इस नक्षत्र के देवता अग्नि और लिंग स्री है। 27 नक्षत्रों में कृतिका नक्षत्र तीसरे स्थान पर आता है। भचक्र में 26 अंश 40 कला से 40 अंश 00 कला तक का विस्तार कृत्तिका नक्षत्र के अधिकार में आता है। कृत्तिका नक्षत्र के स्वामी ग्रह मंगल हैं। देवता अग्नि हैं। इस नक्षत्र में 6 तारे माने गए हैं। इसके अतिरिक्त प्राचीन वैदिक साहित्य में सात तारों का भी उल्लेख मिलता है। जो आकाश में वृष राशि के समीप दिखाई पड़ता है। कृतिका नक्षत्र को तेजस्वी नक्षत्र माना जाता है। यह नक्षत्र विनाश और रचनात्मकता दोनों को प्रदर्शित करता है। कृतिका नक्षत्र का स्वामी ग्रह सूर्य को माना जाता है। क्योंकि सूर्य इस नक्षत्र का स्वामी है इसलिए नेतृत्व का गुण इस नक्षत्र में जन्मे लोगों में देखा जाता है।

कृत्तिका नक्षत्र का प्रथम चरण मंगल की मेष राशि में आता है, और अंतिम 3 चरण शुक्र की वृषभ राशि में आते हैं, कृतिका नक्षत्र में जन्मे लोग शुक्र व सूर्य से जीवन भर प्रभावित रहते हैं। जन्म जिस लग्न में हो उसके स्वामी का भी इन ग्रहों से संबंध होने पर प्रभाव में अंतर आना स्वाभाविक है। सूर्य यदि शुभ होकर जन्म लग्न में कहीं भी हो, वहीं राशि स्वामी शुक्र की स्थिति शुभ हो तो वह जातक भाग्यशाली, विद्यावान, पुत्रवान, संपत्तिवान, आकर्षक नाक नक्श वाला सुंदर होगा। शुक्र-सूर्य साथ होने पर वह जातक अत्यंत सुंदर व आकर्षक होगा। शुक्र लग्न में होकर स्वराशि या उच्च का हो, सूर्य शुभ स्थिति में हो तो वह जातक धनी, सुंदर, स्वस्थ गुणी होगा।

व्यक्तित्व -

कृतिका नक्षत्र में जन्मे जातक अपनी एक अलग पहचान बनाकर रखते हैं। ये भीड़ में भी अलग दिखाई देते हैं। इनके चेहरे पर अलग ही तरह का तेज दिखाई देता है। ये सभा को सम्मोहित करने वाले बहुत बुद्धिमान होते हैं। ये अच्छे सलाहकार और आशावादी सोच वाले हैं। शिष्ट आचरण और मर्यादित जीवन जीना इनकी विशेषता है। इनके चेहरे से एक तेज झलकता है और ये चलते भी तेज़ गति से हैं। कृतिका शब्द से अंग्रेज़ी भाषा का ‘क्रिटिकल‘ शब्द बना है अतः मानवीय स्वभाव के दोषों को खोज निकालना और उन्हें दूर करने का प्रयास करना इनका विशेष गुण है। ये किसी भी कार्य के परिणाम का विश्लेषण करके उसमें छुपे गुण-दोष भी खोज निकालने में माहिर हैं। ये अपने वचनों के पक्के हैं और समाज-सेवा में भी रुचि रखते हैं। यश और ख्याति से तो इनको कुछ लेना-देना ही नहीं है तथा किसी की दया पर भी आश्रित नहीं रहना चाहते हैं। अपना हर काम ये ख़ुद करने में विश्वास रखते हैं। हालात के अनुसार ढलना भी इनको नहीं आता और अपने फ़ैसलों पर हमेशा अडिग रहते हैं। भले ही बाहर से ये कठोर नज़र आते हों परंतु इनके अंदर प्यार, ममता व दया छिपी हुई है। इनका क्रोध डराने के लिए नहीं बल्कि नीति-नियमों का पालन करने के लिए होता है। आध्यात्मिक क्षेत्र में भी इनकी रुचि है। ये जप-तप, व्रत-उपवास करके धार्मिक जीवन में उन्नति कर सकते हैं। एक बार अगर ये आध्यात्मिक पथ पर आगे बढ़ जाते हैं तो किसी प्रकार के माया-मोह के बंधन इनका रास्ता नहीं रोक सकते। अत्यधिक परिश्रमी होने से ये निरंतर कर्म करने में विश्वास रखते हैं।

कृतिका नक्षत्र में जन्मे जातक जीवन में आर्थिक रुप से बेहतर धन कमा लेते हैं। अपने कार्य में कुशल होते हैं, काम में अनुशासन बरतने वाले स्वाभिमानी व्यक्तित्व के होते हैं। इनके स्वभाव में तीक्ष्णता होती है, और ये जीवन में अच्छी प्रसिद्धि पाते हैं। शिक्षा का क्षेत्र हो अथवा नौकरी, व्यवसाय का आप सबसे आगे रहना पसंद करते हैं। पिछड़ना या पराजित होना तो इनको असह्य जान पड़ता है। इनका अत्यधिक ईमानदारी भरा व्यवहार इनको धोखा भी दिलवा सकता है। प्राय: जन्मभूमि से दूर रहकर ही ये ज़्यादा सफलता प्राप्त करेंगे। ये दूसरों को उनकी समस्याओं से निपटने के लिए अच्छी सलाह देने में सक्षम हैं। इनको ग़लत तरीक़ों से और दूसरों की दया से यश, धन और नाम कमाना बिलकुल पसंद नहीं है। इनमें धन कमाने की भी अपूर्व योग्यता है और किसी भी लक्ष्य के लिए कड़ा परिश्रम करना इनकी आदत में शुमार है। इनका सार्वजनिक जीवन भी यशस्वी होगा। इनका रूप आकर्षक होगा और साफ़-सफ़ाई पसंद करने वाले होंगे। ये जीवन को अपने नियमों और उसूलों से जियेंगे। इनकी संगीत और कला के प्रति भी बहुत रुचि होगी तथा ये सिखाने का काम भी बख़ूबी कर सकते हैं।

कार्य-व्यवसाय -

कृतिका नक्षत्र के जातक अग्नि संबंधी व्यवसाय करते हैं। ये लोग सुनार, लुहार, हलवाई, बेकरी, वैल्डिंग, होटल, और रेस्टोरेंट चलाने वाले व्यवसाय करने में दिलचस्पी रखते हैं। कपड़ों की रंगाई और कांच का काम करने वाले जातक भी इसी नक्षत्र के अन्तर्गत आते हैं। ज्वलनशील पदार्थों का काम, गैस तथा तेजाब आदि से संबंधित कार्य इसी नक्षत्र में आते हैं. ईंधन का व्यापार करने वाले व्यक्ति, सलाहकार, सफेद फूलों से संबंधित पदार्थ, खजाने में काम करने वाले व्यक्ति इस नक्षत्र के अन्तर्गत आते हैं। ये लोग प्राय: अपने जन्म-स्थान पर नहीं टिकेंगे और रोज़गार के सिलसिले में परदेश जा सकते हैं। चिकित्सा, इंजीनियरिंग, दवाइयों से जुड़े क्षेत्र, आभूषण-निर्माण सम्बंधित कार्य, विश्वविद्यालय के उच्च अधिकारी या विभागाध्यक्ष, वकील, न्यायाधीश, सेना, पुलिस या सुरक्षा बल में नौकरी, अग्निशमन अधिकारी, पालना-घर, अनाथ आश्रम से जुड़े कार्य, व्यक्तित्व निखारने व आत्मविश्वास बढ़ाने से सम्बंधित कार्य, आध्यात्मिक गुरु या उपदेशक, सिलाई-कढ़ाई, दर्जी, चीनी मिट्टी या सिरेमिक की वस्तुएँ बनाने वाले तथा वे सभी कार्य जिसमें आग या तेज़ धार वाले औज़ारों का प्रयोग होता हो आप उन्हें करके अच्छी सफलता पा सकते हैं।

पारिवारिक जीवन-

परिवार में ये सब को साथ लेकर चलने में विश्वास रखते हैं। इनका स्वामित्व अच्छा होता है और नेतृत्व करने की बेहतर क्षमता भी होती है। परिवार में प्रेम और समर्पण का भाव होता है, आपका वैवाहिक जीवन सुखी रहता है। जीवनसाथी गुणवान, समर्पित, निष्ठावान और घरेलू कार्य में निपुण होगा। इतने अनुकूल घरेलू वातावरण के बावजूद जीवनसाथी का स्वास्थ्य आपकी चिंता का विषय हो सकता है। आपका जीवनसाथी पूर्व परिचित हो सकता है। प्रेम विवाह की भी संभावना है। लेकिन कुल मिलाकर दांपत्य जीवन में स्थिति संतोषप्रद रहती है। आप अपनी माता से विशेष लगाव रखते है और आपको अपनी माता से अन्य भाई व बहनों की अपेक्षा अधिक स्नेह मिलेगा। संभव है कि जीवन 50 वर्ष की आयु तक विशेष संघर्षशील रहे, लेकिन उसके उपरांत 50 वर्ष से 56 वर्ष की उम्र का समय बहुत अच्छा बीतेगा।

प्रेम और वैवाहिक जीवन -

इस नक्षत्र में जन्मे लोगों का प्रेम जीवन अच्छा होता है। यह अपने लवमेट को अपना जीवनसाथी बनाना पसंद करते हैं। प्रेम में समर्पित होने के कारण इनका लवमेट हमेशा इनसे खुश रहता है। हालांकि इनकी त्वरित प्रक्रियाएं कई बार लवमेट को परेशान भी कर सकती हैं। यदि बात की जाये वैवाहिक जीवन की तो इस नक्षत्र में जन्मे लोग वैवाहिक जीवन में समर्पित होते हैं और अपने जीवनसाथी को कभी धोखा नहीं देते। यही वजह है कि वैवाहिक जीवन में इनको अच्छे फल प्राप्त होते हैं। हालांकि इनके जीवन साथी की तबीयत इन्हें बार-बार चिंतित करती है। इस नक्षत्र में जन्मे लोगों का विवाह ऐसे शख्स से हो सकता है जो इनका पहले से ही परिचित हो।

स्वास्थ्य -

कृतिका नक्षत्र में जन्मे लोगों को अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इस नक्षत्र के जातकों की पित्त प्रवृति होती है, अधिक तला तथा गरिष्ठ भोजन करने से इनके पाचन-तंत्र में विकार उत्पन्न होता है। इस नक्षत्र वालों को वायु से संबंधित रोग होने की संभावना होती है। इसके साथ ही बवासीर, मलेरिया, मस्तिष्क से संबंधित रोगों से भी इस राशि के लोगों को दो चार होना पड़ सकता है। इस नक्षत्र के अन्तर्गत, सिर, आँखें, मस्तिष्क, गर्दन, कण्ठनली, टाँसिल, निचला जबड़ा और जंघा आते हैं। कृतिका नक्षत्र के पीड़ित होने पर आपको इनसे संबंधित बीमारियाँ होने की संभावना बनती है। इसके साथ ही इनकी दुर्घटनाएं होने की भी संभावना होती है। जो व्यक्ति इस नक्षत्र में जन्म लेते हैं उन्हें अपने दांतों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए इस नक्षत्र में जन्मे लोगों को योग को अपने जीवन में जरूर शामिल करना चाहिए। इसके साथ ही संतुलित आहार और सही दिनचर्या का पालन करना भी इस नक्षत्र वालों के लिए जरूरी है।

कृत्तिका नक्षत्र का वैदिक मंत्र -

ॐ अयमग्नि सहत्रिणो वाजस्य शांति गवं वनस्पति: मूर्द्धा कबोरीणाम । ॐ अग्नये नम:।

उपाय -

कृत्तिका नक्षत्र के जातक को भगवान कार्तिकेय और हनुमानजी की पूजा करना शुभफलदायक होता है।

गायत्री मंत्र जाप एवं सूर्य उपासना भी इनके लिए लाभकारी होती है।

कृत्तिका नक्षत्र के जातक के लिए केसरिया रंग, पीला रंग, लाल रंग तथा चटख रंगों का उपयोग अच्छा माना जाता है।

अन्य तथ्य -

नक्षत्र - कृत्तिका

राशि - मेष-1, वृष-3

वश्य - चतुष्पद

योनी - मेढ़ा

महावैर - वानर

राशि स्वामी - मंगल-1, शुक्र-3

गण - राक्षस

नाड़ी - अन्त्य

तत्व - अग्नि-1, पृथ्वी-3

स्वभाव(संज्ञा) - मिश्र

नक्षत्र देवता - अग्नि

पंचशला वेध – विशाखा

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