अनुराधा नक्षत्र का फल -

अनुराधा नक्षत्र का फल -

नक्षत्रों की श्रृंखला में अनुराधा 17 वां मृदु संज्ञक नक्षत्र है अनुराधा नक्षत्र में तीन तारे होते हैं जो छतरी के समान आकृति दर्शाते हैं। ये इस तरह अवस्थित हैं मानो लड़ी में जड़ी चार मणिया हो। कुछ अन्य विचारकों के अनुसर यह चार तारों का समूह होता है जो कमल और छतरी के आकार का दिखाई पड़ता है। वैदिक ऋषियों अनुसार यह तपस्वी का दंड होता है। अनुराधा नक्षत्र के अधिष्ठाता देवता मित्र हैं जो बारह आदित्यों में से एक हैं। अनुराधा अर्थ से तात्पर्य राधा का अनुगमन करने वाले , राधा के बाद या राधा के पिछे रहने वाले से लिया है। अनुराधा नक्षत्र शनि और मंगल से प्रभावित होता है। जिसके चलते इसमें तमोगुण भी होते हैं। मंगल और शनि की ऊर्जा प्राप्त होती है जिसके चलते जातक कुछ नया और अलग कर पाने में भी सक्षम होता है। मई माह में आने वाले वैशाख मास के उत्तरार्ध को अनुराधा का चंद्रमास माना जाता है। इस नक्षत्र का संबंध द्वादशी तिथि से होता है।

इस नक्षत्र का स्वामी शनि है, इसके चारों चरण वृश्चिक राशि में आते हैं जिससे इस नक्षत्र में पैदा हुए लोगों पर मंगल का विशेष प्रभाव रहता है। इसलिए इस नक्षत्र में जिन लोगों का जन्म होता है वह आमतौर पर उत्साही औऱ लगनशील होते हैं। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातकों पर शनि और मंगल ग्रह का विशेष प्रभाव पड़ता है। साथ ही उनके देवता मित्र देव हैं, जो 12 आदित्यों में से एक हैं। ये मैत्री, सौम्यता और विश्वास प्रदान करने वाले हैं। अनुराधा नक्षत्र के जातक की राशि वृश्चिक,नक्षत्र अनुराधा, राशि स्वामी मंगल, वश्य कीट, वर्ण ब्राह्मण, महावैर योनि श्वान, योनि मृग, गण देवता तथा नाड़ी मध्य है।

व्यक्तित्व -

आप संघर्षशील, परिश्रमी, कला निपुण, भ्रमणप्रिय, दृढ़ निश्चयी और काम निकालने में चतुर होते हैं। आपकी ईश्वर पर अगाध आस्था है। यही कारण है कि आप घोर-से-घोर विपत्ति में भी निराश नहीं होते हैं। आपके जीवन में बाधाएँ आ सकती हैं परन्तु आप अपने लक्ष्य से नहीं डिगेंगे, क्योंकि आप कठोर परिश्रम करते हैं। अपनी युवावस्था से ही आप आजीविका कमाने में लग जायेंगे। आपका स्वभाव काफ़ी संघर्षशील होता है। मानसिक शांति के लिए आपको लगातार प्रयास करने की ज़रूरत है। आप स्पष्टवादी हैं इसलिए जो भी आपके मन में होता है आप खुलकर बोलते हैं। किसी भी बात को दिल में रखना आपकी फ़ितरत नहीं है। इसी वजह से कभी-कभी आपकी बात लोगों को चुभ जाती है। जब भी आप किसी की मदद करते हैं तो दिल से करते हैं, दिखावा करना आपको नहीं आता है।

आप पुराण एवं विज्ञानादि तकनिकी कार्यों में विशेष रूचि रखते हैं। अपने लक्ष्य के प्रति आप गंभीर रहते हैं इसलिए काफ़ी मुश्किलों के बावजूद भी आप सफलता प्राप्त कर लेते हैं। जो भी अवसर आपके सामने आता है उसका आप पूरा-पूरा लाभ उठाते हैं। आप नौकरी से ज़्यादा व्यापार करने में रुचि रखते हैं। आपमें जन्मजात व्यावसायिक योग्यताएँ हैं

इसलिए आप व्यवसाय में काफ़ी सफल हो सकते हैं। अगर आप नौकरी करेंगे तो अपने वरिष्ठ अधिकारियों को अपने अनुकूल कर लेंगे। अपने जीवन में आप काफ़ी अनुशासित हैं और जीवन के सिद्धांतों को आप काफ़ी महत्व देते हैं। अपनी कार्यशैली में आप पूरा अनुशासन बनाये रखते हैं। सिद्धांतवादी होने के कारण आपके मित्र कम हैं, यानि आपका सामाजिक दायरा बाक़ी लोगों से कुछ छोटा है। जीवन का अनुभव आप अपने संघर्ष से प्राप्त करेंगे। जो लोग आपके व्यक्तित्व के गुणों को पहचानते हैं वे आपसे सलाह लेंगे क्योंकि आप काफ़ी अनुभवी हैं।

मुश्किल-से-मुश्किल परिस्थिति से भी नियोजित ढंग से निपटने की आपमें अद्भुत योग्यता है। आप साधन हेतु विदेश में जाने वाले, प्रतिशोधात्मक, प्रकृति वाले होते हैं। धन-सम्पत्ति की स्थिति का विचार किया जाए तो आपके पास काफ़ी धन होगा, क्योंकि आप सम्पत्ति, ज़मीन में धन निवेश करने के शौक़ीन हैं। निवेश की इस प्रवृति के कारण आप काफ़ी संपत्तिवान हैं। अनुराधा नक्षत्र के जातक का 27वें वर्ष में विशेष भाग्योदय होता है। आप अविष्कारक, रहस्यपूर्ण, अपने मन की बात गुप्त रखने वाले एवं गुप्त कार्यों में विशेष निपुण होते हैं।

कार्य-व्यवसाय -

आप अल्पायु से ही रोज़गार करना शुरू कर देंगे यानि 17 से 18 वर्ष की अवस्था से ही कमाना शुरू कर देंगे। आप अभियंता इंजीनियर, खनन उत्पादों, सर्जन, चमड़े के उत्पादों के व्यापारियों, दंत चिकित्सकों से जुड़े काम और अधिकारियों के रूप में पानी और सिंचाई विभाग के अधिकारियों के रूप में काम करने के लिए उपयुक्त रहते हैं। वनस्पति तेल निर्माता या डीलर, गुप्त विज्ञान के अभिनय या व्यवसायी के काम आप बेहतर रुप में कर सकते हैं। अनुराधा नक्षत्र के जातक अंक विज्ञान, सांख्यिकी और गुप्त विज्ञान में रूचि रखते हैं। कला संगीत से जुड़े विषयों में भी ये अच्छा कर सकते हैं। आप गुप्तचर, फ़ोटोग्राफ़र, सिनेमा संबंधी कार्य, कला व संगीत से जुड़े कार्य, उद्योग, प्रबंधन, परामर्श, मनोविज्ञान, विज्ञान, अंक शास्त्र, गणित, राजकार्य, व्यवसायी, पर्यटन विभाग से जुड़े कार्य आदि करके सफल हो सकते हैं।

पारिवारिक जीवन -

आपको निजी जीवन में अपने भाई बंधुओं से अधिक मदद नहीं मिलती है। अपनी जिम्मेदारियों में उलझे रहते हैं। पिता की ओर से भी इन्हें अधिक लाभ प्राप्त नहीं होता है। कई मामलों में पिता अथवा पिता समक्ष व्यक्ति के साथ मनमुटाव भी अधिक रहता है। आपका स्वभाव शांत है, आप परिवार में सभी के प्रति प्रेम और एकता की भावना रखने वाले होते हैं। लेकिन परिवार से दूर रहकर ही बसते और सफल होते हैं, जीवन साथी का सुख और संतान के प्रति भी प्रेम की प्राप्ती होती है। परिवार से दूर जाकर जीवन व्यतीत करते हैं। परिवार के प्रति सभी कुछ न्योछावर करने वाला होता है। जातक धार्मिक जीवन को मानता है। आदर्शों से जीवन यापन करने की इच्छा रखता है। बच्चों के पालन पोषण की ज़िम्मेदारी अच्छे से निभाने का प्रयास करता है।

स्वास्थ्य -

यह भचक्र का सत्रहवाँ नक्षत्र है और शनि इसका स्वामी है। वक्षस्थल, उदर आमाशय, गर्भाश्य इत्यादि को अनुराधा नक्षत्र के अंग माना जाता है। कुछ विद्वानों ने इसे पित्त प्रधान नक्षत्र माना है। ब्लैडर, मलाशय, गुप्तांग, गुप्तांगों के पास की हड्डियाँ, नाक की हड्डियाँ आदि सभी इस नक्षत्र के अंदर आते हैं। इस नक्षत्र के पीड़ित होने पर इन अंगों से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

सकारात्मक पक्ष :- यदि मंगल की‍ स्थिति अच्छी है तो ऐसा जातक दर्शन, वेद, पुराण एवं विज्ञान तथा तकनीकी कार्यों में रुचि रखने वाला, कला निपुण, अध्ययनशील, परिश्रमी, उत्साही, प्रयोगवादी, आविष्कारक, शोधकर्ता होता है जिसके चलते उसकी उन्नति होती रहती है। विदेश जाने और वहीं रहने के योग बनते हैं।

नकारात्मक पक्ष :- यदि मंगल और शनि दोनों या दोनों में से एक भी कुंडली में खराब स्थिति में है तो जातक को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में वह गुप्त कार्यों में विशेष निपुण, स्वार्थी, हिंसात्मक प्रवृत्ति, कठोर, क्रूर स्वभाव का बन जाता है।

अनुराधा नक्षत्र वैदिक मंत्र -

ॐ नमो मित्रस्यवरुणस्य चक्षसे महो देवाय तदृत

गवं सपर्यत दूरंदृशे देव जाताय केतवे दिवस्पुत्राय सूर्योयश

गवं सत । ॐ मित्राय नम:।

उपाय -

अनुराधा नक्षत्र के बुरे प्रभावों से बचने के लिए जातक को बारह आदित्यों का पूजन करना चाहिए।

आदित्य हृदय स्त्रोत पाठ का श्रवण एवं मनन करने से शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।

सूर्य के नामों का स्मरण भी लाभदायक होता है।

भगवान शिव और विष्णु की पूजा अराधना करने से पापत्व का नाश होता है।

जातक के लिए लाल, नीले, सुनहरी रंगों का उपयोग शुभदायक होता है। इस नक्षत्र वालों को मोती और मूंगा धारण करना चाहिए।

अनुराधा नक्षत्र अन्य तथ्य -

  • नक्षत्र - अनुराधा
  • राशि - वृश्चिक
  • वश्य - कीट
  • योनी - मृग
  • महावैर - श्वान
  • राशि स्वामी - मंगल
  • गण - देव
  • नाडी़ - मध्य
  • तत्व - जल
  • स्वभाव(संज्ञा) - मृदु
  • नक्षत्र देवता - मित्र
  • पंचशला वेध - भरणी
  • प्रतीक चिह्न : तोरण द्वार
  • वृक्ष - मौलश्री
  • रंग - लाल बादामी
  • अक्षर - न
  • नक्षत्र स्वामी - शनि
  • शारीरिक गठन - सामान्य
  • भौतिक सुख - भवन और वाहन

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

astrologer

Dr. Arun Bansal

Exp:40 years

  • Love

  • Relationship

  • Family

  • Career

  • Business

  • Finance

TALK TO ASTROLOGER

100% Secure Payment

100% Secure

100% Secure Payment (https)

High Quality Product

High Quality

100% Genuine Products & Services

Help / Support

Help/Support

Trust

Trust of 36 years

Trusted by million of users in past 36 years