शीघ्र विवाह के वास्तु उपाय

By: Future Point | 06-Feb-2018
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शीघ्र विवाह के वास्तु उपाय

भारतीय संस्कृति में यह माना जाता है कि विवाह कोई बंधन नहीं है, बल्कि यह नवजीवन का आरम्भ है। विवाह के उपरांत दो ऐसे व्यक्ति जो एक दूसरे को इससे पूर्व नहीं जानते थे, दोनों सारा जीवन एक साथ, एक दूसरे की हंसी-खुशी और सुख-दु:ख में एक साथ रहते है, यह प्रेम रुपी धागों से बंधा गठबंधन है, जिसे विवाह के नाम से जाना जाता है।

भारत में आज भी विवाह तय करने का कार्य विवाह योग्य लड़के या विवाह योग्य लड़की के घर वाले करते हैं। विवाह तय करने और उससे जुड़ी रश्में पूरी करने में परिजनों की भूमिका अहम होती है। वर्तमान में करियर बनाने की चिंता में विवाह में देरी होना आम बात हो गई है।

कई बार यह देरी अत्यधिक देरी का कारण बनती है। ऐसे में कई बार बहुत प्रयास करने पर भी विवाह तय नहीं हो पाता है। विवाह निश्चित होने में कई तरह की परेशानियां आने लगती है। विवाह में देरी का कारण कुंडली के योगों के साथ- साथ घर के वास्तु भी होता है। हम जिस वातावरण में रहते है उस वातावरण का प्रभाव हम सभी पर पूर्ण रुप से पड़ता है। एक अच्छा वास्तु, सकारात्मक ऊर्जा चुंबक का कार्य करता है तो एक खराब वास्तु, आसपास के व्यक्तियों में नकारात्मकता भर देता है।

यह अनुभव में पाया गया है कि यदि वास्तु में यथासंभव आवश्यक परिवर्तन कर दिए जायें तो विवाह में आ रही बाधाएं स्वत: दूर हो जाती है। ऐसे करने पर विवाह अतिशीघ्र तय हो जाता है। विवाह में देरी की समस्याओं का निवारण निकालने में वास्तु उपाय उपयोगी भूमिका निभा सकते हैं।


आज हम आपको अपने इस आलेख के माध्यम से विवाह में विलंब के सहज समाधान हेतु वास्तु सम्मत उपाय बताने जा रहे हैं-

    • जिस घर में विवाह योग लड़की या लड़का हो, और उनके लिए योग्य विवाह प्रस्ताव नहीं आ रहें हो तों, जब भी घर में विवाह की वार्ता करने के लिए अतिथि घर आए तो उन्हें घर में इस प्रकार बैठाएं कि उनका मुख घर में अंदर की ओर हो, घर से बाहर जाने का मार्ग और द्वार अतिथियों को दिखाई न दें।
    • विवाह वार्ता से पूर्व विवाह योग्य लड़की/ लड़के की कुंडली किसी ज्योतिषी को अवश्य दिखा लें- मंगल दोष विवाह में देरी का कारण बन रहा हो तो कमरे के दरवाजे का रंग लाल तथा अंदर की दीवारों का रंग गुलाबी कराएं।
    • घर में जिसके विवाह होना हो, उस के कमरे में कोई भी खाली टंकी, किसी भी तरह का बड़ा बर्तन बंद करके न रखें। इसके अलावा कमरे में कोई भारी वस्तु हो तो उसे भी जल्द से जल्द हटा दीजिए।
    • ऐसे व्यक्ति के पलंग के नीचे कबाड़ का सामान, लोहे की वस्तुएं या अन्य अनपयोगी वस्तुएं नहीं रखनी चाहिए।
    • परिजनों की सहमति से लड़का/लड़की मिलकर बात करना चाहें तो बातचीत की व्यवस्था ऐसी हो जिसमें दोनों का मुख दक्षिण दिशा की ओर हो।
    • घर में किसी भी प्रकार का यदि कोई वास्तु दोष हो तो प्रयास करें कि विवाह वार्ता घर पर न करके अन्य किसी स्थान पर करें।
    • विवाह योग्य कन्या के कमरे की व्यवस्था करते समय उसके पलंग पर पीले रंग की चादर होना वास्तु सम्मत माना गया है। उसके कमरे की दीवारों का रंग गुलाबी या हल्का कोई भी रंग हो सकता है। साथ ही उसके सोने का कमरा दक्षिण दिशा में होना चाहिए।
    • यदि किसी कन्या के विवाह में परेशानियां आने पर यह उपाय करके देखें -- अच्छॆ परिणाम प्राप्त होंगे। विवाह योग्य कन्या को अधिक से अधिक पीले रंग के वस्त्र व इसी रंग की वस्तुओं का अधिक से अधिक प्रयोग करना चाहिए। साथ ही कन्या को पुखराज भी धारण करना चाहिए। यह करने से शीघ्र ही विवाह के योग बनते हैं।
    • परिवार के विवाह योग युवक/युवतियों के रहने के व्यवस्था उत्तर-पश्चिम दिशा में करनी चाहिए। ऐसा करने से इनके लिए विवाह के प्रस्ताव आने लगते हैं।
    • ऊपर बताए गए उपायों के साथ साथ यदि विवाह योग व्यक्ति के कमरे की उत्तर दिशा में कांच की प्लेट या कांच के बर्तन में क्रिस्टल बॉल भी रखनी चाहिए। वास्तु शास्त्र कहता है कि ऐसा करने पर शीघ्र विवाह के योग बनते हैं।

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    • विवाह योग युवक/युवतियों को रहने के लिए यदि अलग से कमरे की व्यवस्था न हो पाए तो कोशिश करें कि उनके सोने की व्यवस्था कमरे के उत्तर पश्चिम कोने में कर दें।
    • अविवाहित लड़के / लड़की के सोने के कमरे में हरे पौधे या फूलों का गुलदस्ता न रखें। यदि संभव हो तो लकड़ी की वस्तुएं भी कम से कम रखें। इससे भी विवाह में बाधाएं कम होंगी।
    • फूल लगाने ही हों तो लाल व गहरे रंग के फूलों को कमरे में लगाने से बचना चाहिए। गहरे रंग के फूल विवाह में बाधक बनते है और इस कार्य के लिए शुभ नहीं माने जाते हैं।
    • इनके सोने के कमरे में टी।वी।, टेलीफोन या कम्प्यूटर आदि भी न रखें, न ही किताबें ही रखें क्योंकि इनके होने से सोने में बाधा रहेगी और नींद नहीं आएगी।
    • विवाह योग्य लड़की या लड़के को सोते समय या बैठते समय मुख्य द्वार के सामने सिर या पांव नहीं होना चाहिए।
    • इनके कमरे में क्रिस्टल ट्री रखना अच्छा माना जाता है।
    • साथ ही कमरे में युगल प्रेमियों के चित्र लगाना भी उपयुक्त रहता है। इससे भी कूछ ही दिनों में विवाह में विलंब की समस्या का समाधान हो जाता है।
    • अन्य उपायों के रुप में मोर-मोरनी या लव बर्ड्स के चित्र भी लगा सकते हैं।
    • विवाह की प्रतीक्षा कर रहे युवक/युवतियों के लिए शयनकक्ष का चयन करते समय घर की उत्तर-पश्चिम दिशा में करना चाहिए, इससे विवाह शीघ्र तय होता है।
    • शयनकक्ष के अंदर दक्षिण-पश्चिम दिशा में क्रिस्टल की वस्तुएं रखना विवाह शीघ्र तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
    • शयनकक्ष में यदि मैन्डरिन बत्तख जोड़े के रुप में रखें, जिसमें एक नर व मादा होनी चाहिए। विवाह निश्चित करने में इससे लाभ मिलता है साथ ही वैवाहिक सुख भी बना रहता है।
    • विवाह के मार्ग की अड़चनें हटाने के लिए अविवाहितों के शयनकक्ष में कैंची, छुरी जैसे इत्यादि धारदार वस्तुएं नहीं रखनी चाहिए।
    • शयनकक्ष में ड्रेगन व फीनिक्स टांगने से विवाह तय होने के योग बढ़ जाते हैं।

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    • विवाह में देरी हो रही हो और उपाय करने पर भी लाभ प्राप्त नहीं हो पा रहा हो तो, किसी योग्य वास्तु शास्त्री से घर का वास्तु दिखाएं।
    • वट वृक्ष की १०८ परिक्रमा पूर्णिमा के दिन करने से भी विवाह बाधा दूर होती है।
    • वट वृक्ष, पीपल, केले के वृक्ष पर गुरूवार के दिन जल अर्पित करने से विवाह बाधा दूर होती है।
    • विवाह में आने वाली समस्त अड़चने दूर करने के लिए मंगलवार के दिन एक सूखे नारियल में छेद करके उसमें पाँच मेवे और थोड़ी पिसी हुई चीनी मिलाकर उसे पीपल के पेड़ के नीचे दबा दें।
    • 7 गुरुवार तक बछड़े वाली गाय को विवाह योग्य जातक अपने हाथों से चारा/भोजन करायें।
    • 21 मंगलवार को संध्या के समय किसी भी हनुमान मन्दिर में जाकर उनके माथे से थोडा सा सिंदूर लेकर उसी मन्दिर में राम-सीता की मृर्ति के चरणों में लगा दें और उनसे शीघ्र विवाह कराने हेतु निवेदन करें।
    • भगवान श्रीगणेश को पीले रंग की मिठाई का भोग लगाना भी विवाह में देरी का निवारण करता है।

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