हिंदू धर्म में श्राद्ध एक महत्वपूर्ण क्रिया है। इसमें मृत्यु लोक को प्राप्त हुए पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध कर्म करने का विधान है। अपने पूर्वजों के प्रति आदर, सम्मान और श्रद्धा दिखाने के लिए श्राद्धकर्म किया जाता है। अपने पूर्वजों का श्राद्ध कर उन्हें प्रसन्न करने से मनुष्य के जीवन में सुख और समृद्धि का आगमन होता है। पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए श्राद्ध कर्म सबसे बेहतर उपाय माना जाता है। श्राद्ध के दौरान पितृ क्रिया अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। गरुड पुराण, मतस्य पुराण, विष्णु पुराण और वायु पुराण और अन्य कई पवित्र ग्रंथों जैसे कि मुन स्मृति आदि के अनुसार श्राद्ध करने से पितर हमसे प्रसन्न होते हैं।
आर्थिक संपन्नता और संतुलन पाने के लिए ।
ताकत और जायदाद पाने के लिए।
व्यापार में लाभ हेतु श्राद्ध पूजा करवाई जा सकती है।
बृहस्पति ग्रह के अशुभ प्रभाव भी इस पूजा से कम हो सकते हैं।
भौतिक और आध्यात्मिक विकास के लिए।
छात्रों को परीक्षा में सफल होने में भी ये पूजा सहायता करती है।
आपका नाम, आपके पिता का नाम और गोत्र
जिस मृत परिजन के लिए आप ये पूजा करवा रहे हैं उनका पूरा नाम
मृत व्यक्ति के साथ आपका संबंध
अपने मृत परिजन के लिए ये पूजा करवाने के लिए आप ईमेल द्वारा हमारे अनुभवी पंडित जी से पूजा का समय, तिथि और स्थान बुक कर सकते हैं। आप इस पूजा में लाइव भी शामिल हो सकते हैं। हर क्लाइंट के लिए नई पूजा का आयोजन किया जाएगा।
पूजा की सभी रीतियां अनुभवी पंडित जी द्वारा वैदिक रीति-रिवाजों से संपन्न की जाएंगीं।