कालसर्प पूजा नाग पंचमी पर ही क्यों कराए
जब कुंडली में राहु और केतु को दूसरे और आठवें स्थान पर रखा जाता है तो यह कुलिक कालसर्प योग कहा जाता है। ग्रहों का यह संयोग किसी व्यक्ति को मौद्रिक हानि, दुर्घटना, भाषण विकार, परिवार में कलह, नर्वस ब्रेक डाउन और ऐसे कई खतरों से पीड़ित करने के लिए मजबूर करता है।
फ्यूचर पाॅइन्ट | 19-Jul-2019 7494