शुक्र का मकर राशि में गोचर
ज्योतिष के अनुसार शुक्र रोमांस, कामुकता, कलात्मक प्रतिभा, शरीर और भौतिक जीवन की गुणवत्ता, धन, विपरीत लिंग, खुशी और प्रजनन, स्त्रैण गुण और ललित कला, संगीत, नृत्य, चित्रकला और मूर्तिकला का प्रतीक है। जिनकी कुण्डली में शुक्र उच्च भाव में रहता है उन लोगों के लिए प्रकृति की सराहना करना एवं सौहार्दपूर्ण संबंधों का आनंद लेने की संभावना रहती है। हालांकि शुक्र का अत्यधिक प्रभाव उन्हें वास्तविक मूल्यों के बजाय सुख में बहुत ज्यादा लिप्त होने की संभावना रहती है। शुक्र तीन नक्षत्रों का स्वामी है: भरणी, पूर्वा फाल्गुनी और पूर्वाषाढ़ा। शुक्र जीवनसंगी, प्रेम, विवाह, विलासिता, समृद्धि, सुख, सभी वाहनों, कला, नृत्य, संगीत, अभिनय, जुनून और काम का प्रतीक है। शुक्र के संयोग से ही लोगों को इंद्रियों पर संयम मिलता है और नाम व ख्याति पाने के योग्य बनते हैं। शुक्र के दुष्प्रभाव से त्वचा पर नेत्र रोगों, यौन समस्याएं, अपच, कील-मुहासे, नपुंसकता, क्षुधा की हानि और त्वचा पर चकत्ते हो सकते हैं।
ज्योतिष के मुताबिक शुक्र ग्रह का कुंडली के लग्न भाव में होना जातक को रूप-रंग से बेहद सुंदर व आकर्षक बनाता है। वहीं ऐसा जातक स्वभाव से मृदुभाषी होने के साथ ही कला में रूचि रखता है। शुक्र का कुंडली में मजबूत स्थिति में होना जातक के प्रेम व वैवाहिक जीवन को सुखमयी बनाता है। ऐसे में यह एक ओर जहां पति-पत्नी के बीच प्रेम की भावना को बढ़ाता है तो वहीं प्रेमी जातकों के जीवन में रोमांस बढ़ाता है। इसके साथ ही भौतिक जीवन में भी ऐसा जातक खास रूचि रखता है। वहीं इसके विपरीत शुक्र ग्रह के कमजोर या नीच होने की स्थिति में जातक के परिवार व प्रेम के मोर्चे पर कठिनाइयों को उत्पन्न करता है। कमजोर शुक्र जातक को कम रोमांटिक बनाने के साथ ही उसके प्रेमी जीवन में उतार-चढ़ाव लाता रहता है। इसके अलावा ऐसा शुक्र पति-पत्नि में मतभेद उत्पन्न करके अकारण ही विवाद उपजाता है। इसके अलावा ये जातक को भौतिक सुख का भी भोग नहीं करने देता।
ज्योतिष के अनुसार शुक्र ग्रह ही व्यक्ति के भौतिक, शारीरिक और वैवाहिक सुखों का आधार है। इस ग्रह को दो राशियों क्रमश: वृषभ और तुला राशि का स्वामित्व प्राप्त है, जबकि यह देवगुरु बृहस्पति की राशि मीन में उच्च माना गया है, वहीं ग्रहों के राजकुमार बुध की राशि कन्या में यह नीच स्थिति में माना जाता है। बुध और शनि ग्रहों से मित्रता रखने वाले शुक्र की सूर्य और चंद्रमा से शत्रुता मानी गई है। भौतिक सुखों का प्रदाता शुक्र ग्रह 27 फरवरी 2022 रविवार के दिन प्रातः 10:20 बजे धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे। वैदिक ज्योतिष के अनुसार शुक्र के गोचर का खास प्रभाव सभी बारह राशियों पर देखने को मिलेगा। आइये जानते हैं।
मेष राशि में शुक्र गोचर (Aries)
मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र का यह गोचर आपके भाव से होने जा रहा है। दशम भाव में शुक्र का गोचर आपके काम में तरक्की लेकर आएगा, और आप अपने काम में बेहतरी के लिए व अच्छे सम्मान के लिए आप खूब मन लगाकर मेहनत करेंगे, लेकिन शुक्र की प्रकृति के अनुसार आपको किसी भी प्रकार की गॉसिप या बहस बाजी से बच कर रहना होगा क्योंकि ऐसे मामलों में आप की संलिप्तता आपके विरुद्ध जा सकती है और आप के वरिष्ठ अधिकारी आपसे नाराज हो सकते हैं। जो नया स्टार्टअप शुरु करना चाहते हैं उनके लिये अच्छा समय है। व्यावसायिक तौर पर धन प्राप्ति के संकेत मिल रहे हैं। कार्यस्थल पर काम का थोड़ा दबाव रह सकता है हालांकि आपको इससे परेशानी नहीं होगी। शुक्र के गोचर के दौरान आप प्रेम के रिश्ते में अधिक सक्रिय और जीवनसाथी की अत्यधिक परवाह करने वाले हो सकते हैं। आप पार्टनर के साथ मजबूत बंधन बनाने और स्पष्ट संवाद करने में विश्वास रखेंगे, जिससे रिश्ते को एक नया और सकारात्मक आयाम देने में आपको कामयाबी मिलेगी।
उपाय - भगवान शंकर का दही से रुद्राभिषेक करें।
वृषभ राशि में शुक्र गोचर (Taurus)
वृषभ राशि के जातकों के लिए शुक्र का यह गोचर आपके नवमें भाव से होने जा रहा है। इस गोचर के दौरान आपको अपने परिवार और भाग्य का सहयोग मिलेगा। आप अपनी पारिवारिक ज़िम्मेदारियों को पूरा करेंगे बदले में आपको अपने परिवार के सदस्यों का समर्थन मिलेगा। आप परिवार या प्रेमी जन के साथ सुदूर यात्राओं पर घूमने जाएंगे, जिससे आपको आनंद की अनुभूति होगी। इस गोचर के प्रभाव से आपकी नौकरी में स्थानांतरण के योग बनेंगे, जो आपके हित में हों और आपको अच्छा लाभ मिलेगा। व्यापार की दृष्टि से यह गोचर अधिक मेहनत के बाद अच्छी सफलता देने वाला साबित होगा। आपके धन की उत्तरोत्तर वृद्धि होगी और आप लक्ष्मीवान बनेंगे। यदि आप किसी से प्रेम करते हैं तो, शुक्र के शुभ प्रभाव से आपके रिश्ते में मज़बूती आएगी और प्रेम की नैया बहुत ही आसानी से पार हो सकेगी। हैं वहीं पिता की सेहत में होने वाली गिरावट की वजह से भी मन उदास रह सकता है, लिहाजा इस समय पिता की सेहत का ख़ास ख्याल रखें।
उपाय- शुक्र ग्रह के मंत्र "ॐ शुं शुक्राय नमः" का नियमित जाप करें।
मिथुन राशि में शुक्र गोचर (Gemini)
मिथुन राशि के जातकों के लिए शुक्र का गोचर आठवें भाव में होगा। अनिश्चितता और परिवर्तन के इस घर में शुक्र की स्थिति प्रेम संबंधों के लिए शुभ नहीं है। लवमेट के प्रति अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में आप परेशानी महसूस करेंगे। इस दौरान भोग विलासिता की चीजों में आपकी रुचि बढ़ेगी और आप भौतिक सुख से जुड़ी चीजों को खरीदने पर ज्यादा धन खर्च कर सकते हैं। नौकरी पेशा लोगों की जिम्मेदारियां कार्यक्षेत्र में बढ़ सकती हैं, करियर क्षेत्र में सफलता की राह बहुत आसान नहीं होगी। इस राशि के कारोबारियों को कारोबार में सफलता तभी प्राप्त होगी जब वह कड़ी मेहनत करेंगे। किसी भी तरह से अपनी शक्ति / प्रतिभा का दुरुपयोग न करें अन्यथा गंभीर परिणाम हो सकते हैं। इस दौरान सट्टेबाजी जैसी गतिविधियों से दूर रहें। इस गोचर काल में यदि आप शादीशुदा हैं तो अपने ससुराल पक्ष के लोगों से किसी शादी या समारोह में मिलने का मौका मिलेगा। उनसे आपके संबंध मजबूत और बेहतर बनेंगे। रिश्तो में ख़ुशियाँ आएँगी। आपको कुछ अनचाही यात्राओं पर जाना पड़ सकता है।
उपाय- आपके लिए बेहतर होगा कि आप छह मुखी रुद्राक्ष धारण करें।
कर्क राशि में शुक्र गोचर (Cancer)
कर्क राशि के जातकों के लिए शुक्र का गोचर सातवें भाव में होगा। इस गोचर के दौरान आप अपने करियर में आगे बढ़ेंगे और पदोन्नति की संभावनाएं भी दिख रही हैं, इस अवधि के दौरान आपके बॉस और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संबंध अच्छे रहेंगे। व्यवसायिक साझेदारी और व्यापार से भी इस राशि के जातकों को लाभ प्राप्त होगा। इस दौरान अपने दांपत्य जीवन या फिर व्यवसाय को लेकर कोई भी बड़ा निर्णय लेने से आपको बचना चाहिए क्योंकि इस दौरान लिया गया निर्णय गलत दिशा में भी जा सकता है जो आपको परेशानी दे सकता है। यदि आप विवाहित हैं तो जीवनसाथी के साथ भी वाद विवाद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। हालाँकि वैवाहिक जीवन में आने वाली बाधाओं को आप आपसी विचार विमर्श से बाद में सुलझाने में कामयाब रहेंगे, लेकिन एक मजबूत रिश्ते के लिए संभवतः मतभेद की स्थिति से बचने का ही प्रयास करें। वहीं इस समय अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण रखें और अपने साथी के प्रति वफ़ादार रहें।
उपाय- श्री सूक्त मंत्र का जाप कर आप शुक्र ग्रह के हानिकारक प्रभाव से बच सकते हैं।
सिंह राशि में शुक्र गोचर (Leo)
इस राशि के जातकों के लिए शुक्र का यह गोचर आपके छठे भाव से होने जा रहा है। छठे घर में शुक्र आपके लिए नए अवसर लेकर आएगा और लंबे समय से जिस चीज के लिए आप मेहनत कर रहे थे उसमें आपको सफलता मिलेगी, इस राशि के नौकरी पेशा लोगों को इस दौरान पदोन्नति या वेतन में वृद्धि मिल सकती है। करियर में वृद्धि और पेशेवर विकास की उम्मीद की जा सकती है। इस गोचरीय अवधि के दौरान आपको कुछ स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इस समय आपने सेहत पर ध्यान नहीं दिया तो आगे जाकर ये आपके लिए और भी बड़ी मुसीबत पैदा कर सकता है। आपके खर्चे भी बढ़ेंगे और आपकी आमदनी भी कम होगी, जिसकी वजह से आर्थिक स्थिति कमजोर रहेगी और आपकी जेब पर काफी बोझ बढ़ेगा। इस समय में आपके विरोधी भी मजबूती से खड़े होंगे। वे आपकी छवि को बिगाड़ने का पूरा प्रयास करेंगे, इसलिए आपको थोड़ा सावधान भी रहना होगा।
उपाय- आपके लिए बेहतर होगा कि आप छह मुखी रुद्राक्ष धारण करें।
कन्या राशि में शुक्र गोचर (Virgo)
इस राशि के जातकों के लिए शुक्र का यह गोचर आपके पांचवें भाव से होने जा रहा है। इस गोचर के दौरान आपके जीवनसाथी और बच्चों पर आपका प्रमुख ध्यान रहेगा। संगीत और कला में आपकी रुचि अधिक होगी, इसके साथ ही आप इस गोचर के दौरान खुद में रोमांस की अधिकता देखेंगे। पेशेवर जीवन में आपको अपने दोस्तों से समर्थन मिलेगा और आपके प्रयास अच्छे होंगे जो आपको आगे बढ़ने में मदद करेंगे। इस समय में आपको अपनी नौकरी में कुछ बदलाव करने के बारे में विचार करने का मौका मिलेगा और जो लोग नौकरी छोड़ चुके हैं या जिनकी नौकरी चली गई है, उन्हें इस समय खंड में नई नौकरी मिल सकती है। व्यापार के लिए यह समय बहुत फ़ायदेमंद रहेगा। शिक्षा के क्षेत्र में आपको अभूतपूर्व नतीजे मिलेंगे और यह आप को उपलब्धियाँ प्राप्त करने का समय हो सकता है। प्रेम जीवन की बात है तो, आपके लिए गोचर की ये अवधि जिंदगी में बहार लेकर आ सकती है। इस दौरान पार्टनर के साथ आप अपने किसी पसंदीदा जगह पर घूमने जा सकते हैं।
उपाय- शुक्रवार के दिन चीनी और चावल का दान करना चाहिए।
तुला राशि में शुक्र गोचर (Libra)
तुला राशि के जातकों के लिए शुक्र का गोचर चौथे भाव में होगा। इस भाव से आराम, माँ, संपत्ति, वाहन, सुख आदि का विचार किया जाता है। पारिवारिक और निजी जीवन में आप ख़ुशियों का अनुभव करेंगे। इस दौरान आप दोस्तों और पारिवारिक लोगों के साथ बहार घूमने जाने का प्लान बना सकते हैं। लेकिन दूसरी तरफ परिवार में किसी बात को लेकर कलह की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। आपके लिए इस दौरान यहीं बेहतर होगा की आप खुद को पारिवारिक कलह से बचा कर रखें और सदस्यों के प्रति प्रेम की भावना रखें। पेशेवर जीवन को लेकर आपको सलाह दी जाती है कि वरिष्ठ अधिकारियों, सहकर्मियों और अधीनस्थों के साथ किसी भी तरह के टकराव से बचें। आपकी कड़ी मेहनत और प्रयासों के अनुसार वांछित सफलता पाने के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण अवधि हो सकती है। यदि आपने कोई प्रॉपर्टी में निवेश किया है तो इस समय में आपको उस से लाभ मिल सकता है।
उपाय- सुख सुविधाओं की बढ़ोतरी के लिए शुक्रवार के दिन शिवलिंग पर अक्षत अर्पित करें।
वृश्चिक राशि में शुक्र गोचर (Scorpio)
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शुक्र का गोचर तीसरे भाव में होगा। इस भाव से पराक्रम, हितों, छोटे भाई-बहनों आदि का विचार किया जाता है। यह गोचर आपके लिए अधिक अनुकूलता की ओर इशारा नहीं कर रहा है, इसलिए इस गोचर के दौरान थोड़ी सावधानी बरतें, विशेषकर आपके स्वास्थ्य को लेकर। इस अवधि में आपके स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है और आप बीमार हो सकते हैं। इसके अलावा यात्राओं के लिए यह अच्छा समय रहेगा। इस गोचर के दौरान आपको अपने सहयोगियों और अधीनस्थों का पूरा सहयोग मिलेगा। इस दौरान आपका रचनात्मक पक्ष भी मजबूत होगा। इसके अलावा इस गोचरकाल में आपकी बौद्धिक क्षमता में वृद्धि होगी और आप कामयाबी की नयी उड़ान भरेंगे। इस दौरान आपके शत्रु आप पर हावी होने की कोशिश ज़रूर करेंगे लेकिन, अपनी सूझ-बूझ से आप उन्हें मात देने में कामयाब रहेंगे।
उपाय- मां दुर्गा की पूजा करें और खीर का भोग लगाएँ।
धनु राशि में शुक्र गोचर (Sagittarius)
धनु राशि के जातकों के लिए शुक्र का यह गोचर आपके दूसरे भाव से होने जा रहा है। इस भाव से परिवार, वाणी, खान-पान आदि का विचार किया जाता है। इस गोचर के दौरान आपको अपने संचित धन से लाभ प्राप्त होने की संभावना है और आप धन की बचत करने में भी सक्षम होंगे। आपने यदि कहीं निवेश किया था तो उससे भी लाभ होने की आपको संभावना है। इस गोचर के दौरान आपको पैतृक संपत्ति की प्राप्ति भी हो सकती है। यदि आप शादीशुदा हैं तो, गोचर की इस अवधि के दौरान जीवन में नए मेहमान के आने की किलकारियां गूँज सकती हैं। इसके साथ ही नव विवाहित जोड़े अपनी शादीशुदा जिंदगी का भरपूर आनंद उठा पाएंगे और जीवन के बेहतरीन पलों का आनंद उठा पाएंगे। इस समय में आप अच्छे वस्त्र और ज्वेलरी खरीद सकते हैं। साथ ही साथ कोई नया गैजेट खरीदने की संभावना भी बन रही है। आपकी आमदनी में बढ़ोतरी होगी और आपको अच्छा खासा धन लाभ होगा, जिससे आपकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।
उपाय- सूर्योदय के समय ललित सहस्त्रनाम का पाठ करें।
मकर राशि में शुक्र गोचर (Capricorn)
मकर राशि के जातकों के लिए शुक्र का यह गोचर आपकी ही राशि में होने जा रहा है। शुक्र के आपकी राशि में गोचर करने के कारण यह समय आपके लिए अनुकूल रहेगा। आपके जीवन में खुशियों की बयार आएगी और आप खुशी-खुशी अपने सभी कामों को सकारात्मक रूप प्रदान करेंगे। आर्थिक रूप से यह अवधि आपके वित्त में सुधार लाने वाली है और आप अपने दीर्घकालिक निवेशों से अच्छा लाभ कमा सकते हैं। इस समय आप शानदार और महंगी चीजों पर अधिक पैसा खर्च करेंगे। यदि आप व्यवसाय करते हैं तो यह समय आर्थिक उन्नति दायक रहेगा और व्यापार का विस्तार भी हो सकता है जिससे आप का आत्मबल भी मजबूत होगा। यदि आप किसी कलात्मक क्षेत्र, फैशन, इंटीरियर डिजाइनिंग या फाइन आर्ट के क्षेत्र से जुड़े हैं तो यह समय आपको खासतौर से मान सम्मान प्रसिद्धि और आर्थिक लाभ प्रदान कर सकता है।
उपाय- उत्तम गुणवत्ता वाला ओपल रत्न धारण करना सर्वोत्तम रहेगा।
कुम्भ राशि में शुक्र गोचर (Aquarius)
कुम्भ राशि से शुक्र का परिवर्तन आपकी राशि से बारहवें भाव में होने जा रहा है। इस भाव में गोचर के कारण आपके खर्चों में अचानक से ही अप्रत्याशित वृद्धि देखने को मिलेगी, जिसकी वजह से आप पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा लेकिन शुक्र के इस गोचर से आपको आमदनी में भी इजाफा दिखाई होगा। विदेशी यात्राओं पर जाने की भी इस दौरान अच्छी संभावना है और आपके करीबी लोग इस यात्रा को यादगार बना सकते हैं, इस समय आप अच्छे भोजन का भी आनंद ले सकते हैं। कार्यक्षेत्र में काम आसान होगा और वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए आप नियमावली या किसी तरह का रूटीन बना सकते हैं। विदेश से संबंधित मामलों में आपको सकारात्मक परिणाम मिलेंगे और विदेश में जॉब प्राप्त करने की यदि कोशिश कर रहे हैं तो भी आपको वांछित परिणाम प्राप्त होंगे। भौतिक सुखों का लाभ उठा पाएंगे। यदि आप किसी विशेष बिज़नेस से जुड़े हैं तो इस गोचरकाल में किसी विदेशी स्रोत से आपको फायदा मिल सकता है।
उपाय- शुक्रवार के दिन श्री सूक्त का पाठ करना चाहिए।
मीन राशि में शुक्र गोचर (Pisces)
शुक्र का यह गोचर आपके ग्यारहवें भाव में हो रहा है। इस भाव में शुक्र की उपस्थिति आपको लक्ष्मी की प्राप्ति करवाएगी। अर्थात आपकी आर्थिक स्थिति काफी मजबूत होगी। आमदनी में बढ़ोतरी होगी और आपके अच्छे लोगों से संपर्क जुड़ेंगे। समाज के बढ़िया लोगों से आप का तालमेल बैठेगा और जीवन में सफलता का मार्ग प्रशस्त होगा। इस गोचर के दौरान आपको अपने कार्यस्थल पर अपने वरिष्ठों से अच्छे प्रदर्शन के लिए पुरस्कार और सम्मान मिलने की संभावना है। यदि आप विवाहित हैं तो आपको इस दौरान जीवनसाथी का भरपूर साथ मिलेगा। नौकरीपेशा जातकों के अपने ऑफिस में बॉस और वरिष्ठ अधिकारियों से संबंध काफी बढ़िया बनेंगे, जिसकी बदौलत आपका काम बेहतर तरीके से चलेगा। व्यापार के सिलसिले में आपको बेहतरीन नतीजे प्राप्त होंगे और आपका बिज़नेस एक्सपेंड होगा। प्रॉपर्टी के मामले में आपको लाभ होगा और किसी प्रॉपर्टी से रेंटल इनकम भी हो सकती है। प्रेम जीवन के लिए भी यह गोचर काफी फ़ायदेमंद साबित होगा और इस दौरान आप अपने प्रियतम के साथ प्रेम जीवन को काफी अच्छे समय में पाएंगे और आपके बीच की अंडरस्टैंडिंग बेहतर बनेगी।
उपाय- शुक्र के हानिकारक प्रभावों से बचने के लिए विशेष रूप से “ऊं द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:” मंत्र का जाप करें।