त्रिशांश कुंडली से स्त्री का चरित्र व स्वभाव

By: Vinay Garg | 20-Nov-2017
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त्रिशांश कुंडली से स्त्री का चरित्र व स्वभाव

सिर्फ मिथुन और कन्या लग्न की कुंडली वाली जातिकाओ के लिये

(१) मंगल का त्रिशांश ;- अगर जातिका का जन्म मिथुन मे लग्न ०°से ५° के बीच या फिर कन्या लग्न मे २५° से ३०° के बीच है तो मंगल का त्रिशांश होगा | ऐसी जातिका कपट प्रपंच कुशल ,झूठ बोलने वाली व दिखावटी प्यार करने वाली होती है|

(२) शुक्र का त्रिशांश ;- अगर जातिका का जन्म मिथुन के २५°से३०° या कन्या लग्न के ०°से५° के बीच हुआ है तो जातिका का शुक्र का त्रिशांश होगा| ऐसी जातिका कामुकि या प्रबल कामेच्छा से पीडित व रति सुख की लोभी होती है|

(३) बुध का त्रिशांश ;- अगर जातिका का जन्म मिथुन लग्न के १८°से२५° या कन्या के ५°से१२°. के बीच हुआ है तो जातिका बुध का त्रिशांश होता है | ऐसी जातिका हंसमुख मिलनसार ,विविध कलाओ व क्रियाकलापो को जानने वाली होती है|

(४) गुरू का त्रिशांश ;- अगर जातिका का जन्म मिथुन लग्न के १०°से१८° के बीच हुआ है या कन्या के १२°से२०° के बीच हुआ है तो गुरू का त्रिशांश होता है| ऐसी जातिका सर्वगुण संपन्न,धार्मिक, सदाचारिणी, साध्वी तथा गुरू व ब्राह्मण की सेवा करने वाली होती है|

(५) शनि का त्रिशांश ;- अगर जातिका का जन्म मिथुन लग्न के ५°से१०° या फिर कन्या लग्न के २०°से २५° के बीच हुआ है तो जातिका का शनि का त्रिशांश होता है| ऐसी जातिका भोग व लौकिक सुखो से ज्यादा लगाव नही रखती | ऐसी जातिका वंध्या होती है|


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